पंजाब में धुरी सीट से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार और मुख्यमंत्री का चेहरा भगवंत मान मंदिर को उस वक्त हिंदू संगठनों के विरोध का सामना करना पड़ा, जब वह पटियाला में काली माता मंदिर पहुंचेे। उनके आने पर हिंदू संगठन के लोग भड़क गए। मान के खिलाफजम कर नारेबाजी की गई और लोगों ने उन्हें खूब लताड़ लगाई। मामला बिगड़ता देख मान के सुरक्षाकर्मी किसी तरह उन्हें वहां से निकाल कर ले गए।
महाकाली तख्त पटियाला के सदस्य संदीप शर्मा ने बताया कि आआपा नेता अपनी राजनीति चमकाने के लिए आए थे। इसलिए लोगों ने उनका विरोध किया। यह राजनीतिक मामला नहीं है। मंदिर में जो भी हुआ उससे हिंदूओं को धार्मिक भावना आहत हुई हैं। इसलिए लोग अपना विरोध दर्ज कराने के लिए सड़क पर उतरे। इसका मतलब यह नहीं कि कोई नेता उनके रोष पर अपनी राजनीति चमकाए। उन्होंने बताया कि आम आदमी पार्टी पंजाब में सस्ती लोकप्रिय हासिल करने की कोशिश कर ही है। इसी क्रम में मान यहां आए, ताकि हिंदू वोट हासिल कर सकें। लेकिन पंजाब के हिंदू मतदाता उनकी मंशा समझते हैं, इसलिए किसी भी तरह से उनके झांसे में आने वाले नहीं हैं।
लोगों को गुस्सा इस बात को लेकर भी है कि पुलिस मामले को लेकर ज्यादा गंभीर नहीं है। उनका कहना है कि पूरे मामले की लीपापोती हो रही है, जो कि सही नहीं है। पंजाब में यूं भी हिंदुओं को दबाया जाता है। उन्हें हर वक्त नीचा देखाने की कोशिश होती है। इसके बाद भी वे यहां किसी तरह से रह रहे हैं। पटियाला निवासी सतीश कुमार ने बताया कि वह भगवंत मान का इसलिए विरोध हो रहा है, क्योंकि मंगलवार को हिन्दुओं के प्रदर्शन में आआपा का एक भी व्यक्ति नहीं आया। उन्हें डर है यदि वह रोष मार्च में आए तो दूसरे समुदाय के लोग नाराज हो जाएंगे। उन्हें हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं से कोई मतलब नहीं है। बस वोट चाहिए। हमने जब रोष स्वरूप पटियाला बंद कर आह्वान किया तो फिर मान मंदिर में क्यों आए? यह तो हिंदुओं के प्रदर्शन का भी मजाक है, जिसे किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
भगवंत मान से न सिर्फ पंजाब के हिंदू संगठन नाराज हैं, बल्कि दलित समुदाय भी नाराज है। मलेरकोटला में मान ने अपने गले की माला निकाल कर बीआर आंबेडकर के गले में डाल दी। इस घटना पर दलितों ने गहरा रोष जताया है। उन्होंने इस मामले को बाबा साहब का अपमान करार दिया है। इनका कहना है 26 जनवरी को जब पूरा देश गणतंत्र दिवस मना रहा है, वहीं आम आदमी पार्टी के नेता इस तरह से आंबेडकर का अपमान कर रहे हैं। इस संबंध में जालंधर के जगदीश जस्ल ने चुनाव आयोग व अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग को एक शिकायत दी है। उनकी शिकायत पर आयोग ने जगदीश से घटना के वीडियो मंगवाए हैं। जगदीश ने कहा कि उन्होंने वीडियो आयोग को भेज दिए हैं।
पंजाब के दलित संगठनों की मांग है कि भगवंत मान के खिलाफ तुरंत प्राथमिकी दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जाए। चुनाव आयोग भी सख्त कार्यवाही करे। यदि ऐसा नहीं हुआ तो पंजाब के दलित कोई बड़ा निर्णय लेने के लिए मजबूर हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि अभी तो यह लोग सत्ता में नहीं है। यदि सत्ता में आए तो क्या करेंगे? इसलिए इन्हें इनके किए की सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की गलती न करें। हालांकि भगवंत मान ने कहा कि उनकी पार्टी सेकुलर है। वे सभी धर्मों को सम्मान करते हैं। मंदिर आने का उनका मकसद यह था कि वह इस तरह की घटनाओं की निंदा करते हैं। किसी को भी यह हक नहीं है कि वह किसी दूसरे की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाए।हम सभी को एकजुट होकर इस तरह की साजिश का जवाब देना होगा।
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