तेलंगाना में नक्सलियों के रवैये से तंग आकर प्रतिबंधित भाकपा के चेरला एलजीएस समूह की 19 वर्षीया महिला नक्सली ने मंगलवार को पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। नक्सली संगठन उसे एक वरिष्ठ नक्सली नेता और 2-3 दलम सदस्यों के साथ शादी करने के लिए मजबूर कर रहे थे। नक्सली युवती की पहचान ज्योति उर्फ वेट्टी जोगी के रूप में हुई है।
ज्योति तेलंगाना के चेरला मंडल के बठिनपल्ली गांव की रहने वाली है। उसने भद्राद्री कोठागुडम जिला पुलिस और सीआरपीएफ की 141 बटालियन के समक्ष समर्पण किया। सीआरपीएफ द्वारा साझा किए गए तेलंगाना पुलिस के एक बयान के अनुसार, ज्योति जब 15 साल की थी, तब उसे 2018 में जबरन प्रतिबंधित भाकपा में शामिल किया गया था। बयान में कहा गया है कि नक्सली वनवासी बच्चों को स्कूल नहीं जाने दे रहे हैं। वे नाबालिग वनवासी लड़कियों और लड़कों को धमका रहे हैं और उन्हें संगठन में शामिल होने के लिए मजबूर कर रहे हैं। वे नाबालिगों (लड़के और लड़कियों) और वनवासियों के अधिकारों का उल्लंघन कर रहे हैं। 2018 से ज्योति चेरला एलजीएस में काम कर रही। नाबालिग होने के बावजूद उससे जबरन खाना पकाने, सामान ढोने, हथियार उठाने, रात में गश्त करने और आजाद, मधु, अरुणा, रंजिता (बड़े चोक्काराव उर्फ दामोदर की पत्नी) सरीखे वरिष्ठ माओवादी नेताओं की पहरेदारी जैसे काम के करवाए जाते थे।
बयान के अनुसार, पुलिस के साथ मुठभेड़ होने पर नक्सली नेता अपनी जान बचाने के लिए दलम के नाबालिग सदस्यों को ढाल बनाते हैं। अब ज्योति को बड़े नक्सली नेताओं और दलम के 2-3 सदस्यों के साथ शादी करने के लिए मजबूर किया जा रहा था। ज्योति को जब यह महसूस हुआ कि अब नक्सली संगठन को लोगों का समर्थन नहीं मिल रहा है और बड़े नक्सली नेता खासतौर से नाबालिग लड़कियों और महिलाओं का शारीरिक व मानसिक उत्पीड़न कर रहे हैं, इसलिए बेहतर जीवन के लिए उसने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने का फैसला किया।
बयान में कहा गया है, "हम नाबालिगों और महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए काम करने वाले सभी संगठनों से नाबालिगों और महिलाओं के अधिकारों का हनन करने वाले नक्सली संगठन के खिलाफ आवाज उठाने की अपील करते हैं। हम दलम और मिलिशया के अन्य सभी सदस्यों से भी अपील करते हैं कि वे आत्मसमर्पण करने और बेहतर जीवन के लिए अपने रिश्तेदारों या पुलिस से संपर्क करें।"
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