तमिलनाडु में 12वीं की हिंदू छात्रा पर क्रूरता और कन्वर्जन के लिए ईसाई मिशनरी स्कूल द्वारा दबाव बनाने के आरोप के मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो का कहना है कि ईसाई मिशनरी स्कूल के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने के लिए तमिलनाडु के डीजीपी को आदेश दिया गया है। बालिका के एवं उसके माता-पिता के बयान के आधार पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सभी बिंदुओ पर जांच की जाएगी और किसी भी दोषी को बचने नहीं दिया जाएगा।
तमिलनाडु के तंजावुर में 12वीं कक्षा की छात्रा ने जहर खाकर खुदकुशी कर ली थी। वह हिंदू थी और सेक्रेड हार्ट हायर सेकेंडरी स्कूल तिरुकट्टुपाली में पढ़ती थी। आरोप है कि उस पर कन्वर्जन का दबाव बनाया जा रहा था। छात्रा के मना करने पर उसे परेशान किया जाने लगा था। स्कूल के अधिकारियों का कहना था कि अगर स्कूल में पढ़ना है तो ईसाई बनना होगा। इस प्रताड़ना से तंग आकर छात्रा ने खुदकुशी कर ली।
छात्रा पिछले 5 साल से स्कूल के पास सेंट माइकल गर्ल्स हॉस्टल में रह रही थी। बताया जा रहा है कि छात्रा के कन्वर्जन से मना करने पर सरकारी सहायता प्राप्त ईसाई मिशनरी स्कूल ने उसकी छुट्टी कैंसिल कर दी। वह पोंगल में अपने घर जाना चाहती थी। इसके साथ ही उसे स्कूल के शौचालयों की सफाई, बर्तन धोने जैसे काम करने के लिए मजबूर किया गया। परेशान होकर उसने 9 जनवरी को स्कूल के बगीचे में इस्तेमाल किए गए कीटनाशकों का सेवन कर लिया। तबीयत बिगड़ने पर उसके परिजनों को बुलाया गया और घर ले जाने की बात कह दी। परिजनों ने उसे तंजौर के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान 19 जनवरी को उसकी मौत हो गई। उसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है।
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