‘भारतीयकरण हम सबका होना है’ -रामधारी सिंह ‘दिनकर’
May 11, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

‘भारतीयकरण हम सबका होना है’ -रामधारी सिंह ‘दिनकर’

by WEB DESK
Jan 19, 2022, 08:27 am IST
in भारत, साक्षात्कार, दिल्ली
राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’

राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail
राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ का यह साक्षात्कार पाञ्चजन्य के 22 जून, 1970 के अंक में प्रकाशित हुआ था। 

राष्ट्रीय एकता के लिये कौन-कौन सी बातें आवश्यक हैं तथा इस एकता का मुख्य साधन आप किसे समझते हैं?
मैं धार्मिक सहिष्णुता के साथ-साथ समस्त देश की सम्पर्क भाषा को एकता का प्रतीक मानता हूं। इस दृष्टि से हिन्दी ही एक भाषा है जो समस्त देश को एक सम्पर्क सूत्र में सुदृढ़ कर सकती है। हिन्दी ही भारतीय भाषाओं में तालमेल बैठाने एवं सौहार्द उत्पन्न करने की क्षमता की रखती है। जिस किसी भी रचना का अनुवाद हिन्दी में हो जाता है उसका सभी भारतीय भाषाओं में आसानी से अनुवाद किया जा सकता है-शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय के उपन्यासों का अनुवाद अंग्रेजी में नहीं हुआ, लेकिन उनकी समस्त रचनाएं उनके जीवनकाल में ही हिन्दी में आ गई थीं। परिणाम यह हुआ कि हिन्दी से सभी भारतीय भाषाओं में उनके उपन्यास अनुदित होकर देशभर में फैल गये। इस प्रकार हिन्दी को राष्ट्रीय एकता की एक कड़ी कहा जा सकता है।

भारतीयता की भावना को पुष्ट करने के लिए क्या किया जाना चाहिए?
भारतीयता की भावना को नष्ट करने में अंग्रेजी व अंग्रेजियत का बहुत बड़ा हाथ रहा है। अपने को कट्टर भारतीय व हिन्दू मानने वाले परिवारों में ही अग्रेंजी वातावरण जमा हुआ है। घरों में जाकर देखो तो लगता है सब पाश्चात्य नकल है। घरों में मां-बाप को डैडी-मम्मी-बच्चों के नाम, अंग्रेजी ढंग के, रहन-सहन व खान-पान को पाश्चात्य रंग में ढालने की प्रतिस्पर्धा, यह सब भारतीयता के प्रति हीनभावना उत्पन्न करते हैं। और तो और व्यापारी वर्ग भी अब पूरी तरह से अंग्रेजी व अंग्रेजियत का गुलाम बनता जा रहा है। जब तक अंग्रेजी व अंग्रेजियत का बोलबाला रहेगा भारतीयता की भावना पुष्ट हो ही नहीं सकती।

क्या हिन्दू-मुसलमानों में अल्पसंख्यक व बहुसंख्यक की भावना बनाये रखकर व वैवाहिक कानून आदि का पृथकीकरण करके अलगाव की भावना नहीं रखी जा रही है? क्या सामाजिक कानून हिन्दू-मुसलमान सभी के लिए एक समान नहीं होने चाहिए?
यह आधुनिकता का तकाजा है कि वैवाहिक कानून आदि हिन्दू-मुसलमानों के लिए समान होने चाहिये। मुस्लिमों की बहु-विवाह की कुरीति को भी अवश्य समाप्त किया जाना चाहिए। इस प्रकार का कोई कार्य नहीं होना चाहिए जिसमें किसी सम्प्रदाय के भय या तुष्टीकरण की भनक दिखाई देती हो।
आज हमारे जीवन में जातिवाद, प्रान्तवाद, क्षेत्रीयता आदि जो संकीर्णताएं व्याप्त हो गई हैं सबसे पहले राष्ट्रीय एकता के लिये उन्हें दूर करने की दिशा में ठोस कदम उठाना चाहिये। उसके बाद पंचमार्गी तत्वों व बाह्य निष्ठा रखने वाले तत्वों का षड्यंत्र स्वयमेव असफल हो जायेगा। देश के प्रत्येक नागरिक के हदय में पहले भारत की भावना जाग्रत की जानी चाहिए। जाति, धर्म, प्रान्तीयता गौण हैं, मुख्य केवल भारत है, जिस भूमि पर हमने जन्म लिया है, जिसका अन्न खाकर व पानी पीकर हम पले हैं, वह भूमि पूज्य है तथा इसकी समृद्धि व सुरक्षा अपना कर्तव्य है, यह भावना पुनीत राष्ट्रीय भावना है। 
प्रस्तुति : शिवकुमार गोयल

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

CeaseFire Violation : गुजरात के शहरों में फिर ब्लैकआउट, कच्छ में फिर देखे गए पाकिस्तानी ड्रोन

india pakistan ceasefire : भारत ने उधेड़ी पाकिस्तान की बखिया, घुटनों पर शहबाज शरीफ, कहा- ‘युद्धबंदी चाहता हूं’

Pakistan ने तोड़ा Ceasefire : अब भारत देगा मुहंतोड़ जवाब, सेना को मिले सख्त कदम उठाने के आदेश

international border पर पाकिस्तान की कायराना हरकत : गोलाबारी में BSF के 8 जवान घायल!

Fact Check

पाकिस्तान ने भारत में फैलाए ये फेक वीडियो

सीजफायर का पाकिस्तान ने किया उल्लंघन

पाकिस्तान ने 3 घंटे बाद ही सीजफायर तोड़ा, समझौते का कर रहा घोर उल्लंघन

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

CeaseFire Violation : गुजरात के शहरों में फिर ब्लैकआउट, कच्छ में फिर देखे गए पाकिस्तानी ड्रोन

india pakistan ceasefire : भारत ने उधेड़ी पाकिस्तान की बखिया, घुटनों पर शहबाज शरीफ, कहा- ‘युद्धबंदी चाहता हूं’

Pakistan ने तोड़ा Ceasefire : अब भारत देगा मुहंतोड़ जवाब, सेना को मिले सख्त कदम उठाने के आदेश

international border पर पाकिस्तान की कायराना हरकत : गोलाबारी में BSF के 8 जवान घायल!

Fact Check

पाकिस्तान ने भारत में फैलाए ये फेक वीडियो

सीजफायर का पाकिस्तान ने किया उल्लंघन

पाकिस्तान ने 3 घंटे बाद ही सीजफायर तोड़ा, समझौते का कर रहा घोर उल्लंघन

‘अच्छा इसलिए झुका पाकिस्तान’… : जानिए India Pakistan Ceasefire के पीछे की कहानी

पाकिस्तानी गोलाबारी में JCO बलिदान, 6 की मौत और 20 से अधिक घायल

मऊ में ट्रिपल तलाक का सनसनीखेज मामला : रिजवाना को छोड़कर अशरफ ने रचाया दूसरा निकाह, पीड़िता ने SP से लगाई गुहार

उत्तराखंड : जमरानी बांध पहुंचे सांसद अजय भट्ट- 2029 तक कार्य पूर्ण करने के निर्देश, ग्रामीणों को मिलेगा रोजगार

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies