‘मैं विदेशियों के साथ नहीं, केवल हिन्दुओं के साथ सहयोग कर सकती हूं’ -रानी गाईदिन्ल्यू
July 14, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

‘मैं विदेशियों के साथ नहीं, केवल हिन्दुओं के साथ सहयोग कर सकती हूं’ -रानी गाईदिन्ल्यू

by WEB DESK
Jan 19, 2022, 07:55 am IST
in भारत, साक्षात्कार, दिल्ली
रानी गाईदिन्लयू

रानी गाईदिन्लयू

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail
रानी गाईदिन्लयू का एक साक्षात्कार 3 फरवरी, 1983 के पाञ्चजन्य में प्रकाशित हुआ था। प्रस्तुत है इस साक्षात्कार के संपादित अंश-

आजकल आप हेराका संगठन के माध्यम से नागा जीवनशैली की रक्षा का अभियान चला रही हैं। क्या युवा नागा इस ओर आकर्षित हो रहे हैं? एक ओर ईसाई पादरियों का आकर्षण है, जिनके पास धन और अन्य सुविधाएं हैं, दूसरी ओर आपकी पुकार है-और आपके पास उस मात्रा में न धन है, न सुविधाएं। आप उनका सामना कैसे कर पाती हैं?
यह सच है कि हम गरीब हैं और ईसाई बहुत धनी। लेकिन हमारे पास नैतिक बल है। हम जानते हैं कि जो हम कर रहे हैं उससे हमारे समाज का भला होगा। हमारा कार्य ईश्वरीय कार्य है, ईश्वर की आज्ञा से हो रहा है। जबकि ईसाई पैसे का लालच देकर, बहला-फुसलाकर अपने विचार फैलाते हैं। हमारे हेराका आन्दोलन की ओर पढ़े-लिखे युवक-युवतियां बहुत बड़ी संख्या में आकर्षित हो रहे हैं, क्योंकि उन्हें विश्वास है कि अपनी आस्था की रक्षा करके ही जीवन में सुखी रहा जा सकता है।

क्या ईसाई बनकर भी नागा रहा जा सकता है?
मैं जानती हूं कि ईसाई भी ईश्वर में यकीन करते हैं। वे ईसाइयत का प्रचार करने का बहुत प्रयास कर रहे हैं। मेरे पास भी बैप्टिस्ट ईसाई आए थे और मुझसे ईसाइयत स्वीकार करने के लिए कहा था। पर मैंने कभी ऐसा विचार नहीं किया। अपनी परम्पराएं, रीति—रिवाज एकदम फेंके नहीं जा सकते। जैसे, यह कुर्सी जिस पर मैं बैठी हूं, यह अलग-अलग टुकड़ों से मिलकर बनी है, अगर इसका कोई भी टुकड़ा अलग निकाल दिया जाए तो कुर्सी की उपयोगिता खत्म हो जाएगी। इसी तरह अगर इसमें कोई दूसरे रंग—रूप का टुकड़ा जोड़ दिया जाए तो कुर्सी का सारा रूप भद्दा दिखेगा। नागा जीवन भी इसी तरह का है। अगर उसकी परम्पराएं या रीति—रिवाज बदले जाते हैं और विदेशी परम्पराएं अपनाई जाती हैं तो वह नागाओं के लिए अच्छा नहीं होगा। हमारा भला तभी होगा जब कुर्सी के भिन्न-भिन्न अवयवों की भांति नागा जीवन के सभी रीति-रिवाज एक एवं सुरक्षित रहें।

नागालैण्ड की अशान्त स्थिति के बारे में आपका क्या मत है?
आग पर हमेशा पानी की ही विजय होती है। आग की जीवन में आवश्यकता होती है। पर अगर उससे भोजन पकाने के बजाए घर जलाया जाए तो उसे बुझाना जरूरी होता है। हम लोग नागालैण्ड में शांति से रहना चाहते हैं, पर कुछ सिरफिरे नागालैण्ड को भारत से अलग करना चाहते हैं।

आपके राजनीतिक संगठन ‘जेलियांगरांग पीपुल्स कॉन्फ्रेंस’ के क्या उद्देश्य हैं?
हमारे क्षेत्र में तीन प्रकार की बोलियां बोलने वाली जनजातियां हैं-जेमि, लियांगमेई और रांगमेई। इनको एक संयुक्त नाम 'जेलियांगरांग' देकर हम अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं, क्योंकि वर्तमान नागालैण्ड राज्य में बहुसंख्यक ईसाई हैं, वे हमारे विरुद्ध हैं। इसीलिए हम नागा होने के बावजूद अपने लिए एक पृथक स्थान चाहते हैं। मैं नागालैण्ड में मिलना नहीं चाहती क्योंकि वहां हम अपनी संस्कृति, धर्म को सुरक्षित नहीं रख सकते। वे हमें ईसाई बनाना चाहते हैं। मेरे हमेशा इनकार करने से कारण वे बहुत क्रुद्ध हैं। कुछ समय पूर्व उन्होंने नागालैण्ड विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित करने का असफल प्रयास भी किया था, जिसमें सरकार द्वारा मुझे दी जी रही सुविधाएं वापस लेने की व्यवस्था थी। नागाओं की सांस्कृतिक परम्पराएं एक समान हैं। नागालैण्ड में सैकड़ों जातियों की भिन्न-भिन्न परम्पराएं व बोलियां हैं। हम चाहते हैं जेलियांगरांग को एक पृथक क्षेत्र बना दिया जाए ताकि हम शासन में हिस्सा ले सकें और हमारा विकास हो। अभी स्थिति यह है कि जेलियांगरांग क्षेत्र तीन राज्यों-नागालैण्ड, मणिपुर और असम—में बंटा हुआ है।

फिजो और आपके आन्दोलन में क्या अन्तर है?
फिजो हिंसा में यकीन करता है और उसका किसी भारतीय धर्म से विश्वास नहीं है। सन् 50 के दशक में फिजो मुझसे मिला और उसने मुझे अपने साथ मिलाने का प्रयास किया। तब मैंने जवाब दिया कि ‘फिजो तुम आसमान पर हो, जमीन पर तुम्हारे पांव नहीं हैं। मैं तुम्हारे साथ नहीं आ सकती’।

आपने कहा कि फिजो के पांव आसमान में हैं, इसका क्या अर्थ था?
फिजो शस्त्र प्रयोग द्वारा भारत से पृथक ईसाई राज्य बनाना चाहता है-यह आसमान पर चलना हुआ। जबकि मैं स्वयं को भारतीय मानती हूं और इसलिए भारत से अलग होने वालों का साथ नहीं दे सकती।     प्रस्तुति: तरुण विजय
 

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

नूंह में शोभायात्रा पर किया गया था पथराव (फाइल फोटो)

नूंह: ब्रज मंडल यात्रा से पहले इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद, 24 घंटे के लिए लगी पाबंदी

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

18 खातों में 68 करोड़ : छांगुर के खातों में भर-भर कर पैसा, ED को मिले बाहरी फंडिंग के सुराग

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

नूंह में शोभायात्रा पर किया गया था पथराव (फाइल फोटो)

नूंह: ब्रज मंडल यात्रा से पहले इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद, 24 घंटे के लिए लगी पाबंदी

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

18 खातों में 68 करोड़ : छांगुर के खातों में भर-भर कर पैसा, ED को मिले बाहरी फंडिंग के सुराग

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies