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18 फरवरी, 2018
आवरण कथा ‘खुशहाली का खाका’ से स्पष्ट है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने आम बजट 2018-19 में गांव,गरीब और किसानों पर खास जोर दिया है तो वहीं रोजगार के सृजन के लिए नई नौकरियों का वादा किया है। देश की अर्थ-रीढ़ मानी जाने वाली ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर जोर देकर सरकार ने जता दिया कि तमाम चुनौतियों के बावूजद उसकी प्राथमिकता में लोकलुभावन योजनाएं नहीं, बल्कि देश के अर्थतंत्र को मजबूती प्रदान करना है।
—राममोहन चंद्रवंशी, हरदा (म. प्र.)
इस बार के बजट की सबसे खास बात या कहें कि देश की जनता जिससे सबसे ज्यादा लाभान्वित होगी वह है 5 लाख का स्वास्थ्य बीमा। यह गरीबों के लिए बड़ी अच्छी योजना है, क्योंकि गरीब व्यक्ति बीमारी में न केवल दर-दर भटकता है बल्कि पैसों के अभाव में उसकी जान तक चली जाती है। छोटी-छोटी बीमारियां भी उनके लिए काल बनकर आती हैं। ऐसे में केन्द्र सरकार की यह योजना निश्चित ही गरीबों को जीवनदान देगी।
—अनुपम भटनागर, गाजियाबाद (उ.प्र.)
भारत दिनोंदिन वैश्विक जगत में आगे बढ़ता जा रहा है और इसका प्रमुख कारण है केंद्र में मोदी सरकार की नीतियां और ईमानदारी पूर्ण कार्य। केन्द्र सरकार खेती-किसानी से लेकर उद्योग-धंधों तक को रफ्तार देने का काम कर रही है। हां, बहुत सारी ऐसी चीजें हैं जिन पर काम करना अभी बाकी है। लेकिन जो काम किया है वह आने वाले दिनों में मील का पत्थर साबित होगा।
—सुयश, रायपुर (छ.ग.)
काम का सम्मान
‘संकल्प से सिद्धि (11 फरवरी, 2018)’ रपट उन अनदेखे चेहरों और लोगों को सामने रखती है जो गुपचुप समाजसेवा में लगे हुए हैं। ऐसी विभूतियों को सरकार ने पद्म सम्मान से सम्मानित कर यही संदेश दिया कि वह राष्ट्र निर्माण का कार्य करने वाले व्यक्तियों का पूरा ध्यान रखती है और अच्छा काम करने वालों को उचित सम्मान भी देती है। यकीनन पहले की सरकारें कुछ
चुनिंदा और अपने ही लोगों को यह सम्मान देती रहीं। लेकिन मौजूदा सरकार सुपात्र व्यक्तियों को ही यह सम्मान
दे रही है।
— बी.एस.शांताबाई, बेंगलुरू (कर्नाटक)
जारी है यात्रा
हमारा ‘पाञ्चजन्य’ 7 दशक की यात्रा तय कर चुका है। यह अपने आप में बड़ी बात है। क्योंकि उसके साथ की कई पत्र-पत्रिकाएं काल-कवलित हो गर्इं लेकिन ‘पाञ्चजन्य’ बढ़ता ही जा रहा है। साप्ताहिक समाचार जगत में आज एक सशक्त प्रतिनिधि बनकर वह भारत की बात करता है। जब सेकुलर मीडिया निजता और स्वतंत्रता के बाने में समाज को गुमराह करता है तब ‘पाञ्चजन्य’ देश के सामने सही तस्वीर प्रस्तुत कर रहा है। यह साप्ताहिक ऐसे ही आगे बढ़ता रहे, मेरी शुभकामनाएं।
—दीपक सिंह, विकासपुरी (नई दिल्ली)
अपराधियों पर कसता शिकंजा
‘डराने वाले डरे’ रिपोर्ट जहां उत्तर प्रदेश सरकार की कार्यशैली को रेखांकित करती है वहीं अपराध मुक्त समाज का संदेश देते हुए राज्य प्रशासन अपराधियों पर कहर बनकर टूट रहा है। कुछ समय पहले सत्ता और अपराध के गठजोड़ ने राज्य में आम लोगों का जीना दूभर कर दिया था। अपराधी बड़ी-बड़ी घटनाएं करके सत्ता की छांह तले सुरक्षित रहते थे और प्रशासन मूक दर्शक बना देखता रहता था। लेकिन अब इससे उलट योगी सरकार अपराधियों पर नकेल कसे हुए है।
—मनोहर मंजुल, प. निमाड़ (म.प्र.)
निरर्थक कोशिश
ममता कोशिश कर रहीं, मैडम जी के बाद
शायद इससे हो सके, उनका घर आबाद।
उनका घर आबाद, कई पकवान बनाये
और मेज पर सुंदरता से सभी सजाए।
कह ‘प्रशांत’ अब नेताओं को मना रही हैं
अपनी छत के नीचे सबको बुला रही हैं॥
— ‘प्रशांत’
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