बाल चौपाल-गोनू झा और चोरों की मजदूरी
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बाल चौपाल-गोनू झा और चोरों की मजदूरी

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Apr 2, 2018, 12:00 am IST
in Archive
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दिंनाक: 02 Apr 2018 12:54:13

 

वर्ग पहेली-4  
वर्ग पहेली-3
का उत्तर

 

एक बार दरभंगा के राजा ने किसी विषय पर शास्त्रार्थ का आयोजन किया और इसमें जीतने वाले को सौ बीघा जमीन इनाम देने की घोषणा की। घोषणा सुनकर शास्त्रार्थ के लिए हर गांव से विद्वान दरबार में पहुंचने लगे।
एक गांव में गोनू झा नामक एक गरीब बुद्धिमान ब्राह्मण रहता था। गांव वालों ने गोनू झा को भी शास्त्रार्थ के लिए जाने को कहा, तो उसने कहा, ‘‘राजा शास्त्रार्थ को तीतर-बटेर की लड़ाई समझता है। मैं ऐसे शास्त्रार्थ में नहीं जाऊंगा।’’ ग्रामीणों ने उसे काफी समझाया और कहा कि शास्त्रार्थ में जीतने पर जो इनाम मिलेगा उससे तुम्हारी गरीबी हमेशा के लिए दूर हो जाएगी। तब जाकर गोनू झा शास्त्रार्थ के लिए राजदरबार में जाने को तैयार हुए।
गोनू झा ने शास्त्रार्थ में सबको पराजित कर दिया। अब घोषणा के मुताबिक राजा को सौ बीघा जमीन गोनू को देनी थी, लेकिन कुछ दरबारियों ने राजा के कान भर दिए। दरबारियों के बहकावे में आकर राजा ने गोनू झा को सौ बीघा बंजर जमीन दे दी। गांव वालों के साथ गोनू झा ने जब बंजर जमीन देखी तो उसे बहुत दुख हुआ। अब जमीन राजा को लौटाई तो नहीं जा सकती थी, इसलिए गोनू झा ने कुछ मजदूरों को खेतों में काम करने के लिए बुलाया, लेकिन कोई भी काम करने को तैयार नहीं हुआ। इस पर गोनू ने गांव वालों को समझाते हुए कहा, ‘‘चिंता की कोई बात नहीं है। बस एक-दो दिन में ही मैं इसका कोई अच्छा उपाय निकाल लूंगा। आप लोग गांव में यही कहिएगा कि गोनू झा ने शास्त्रार्थ जीत लिया है।’’ ग्रामीणों ने ऐसा ही किया।
बात तेजी से फैली और चोरों की एक टोली तक पहुंच गई। गोनू झा खुद भी दिनभर घूम-घूम कर अपनी विजय गाथा और राजा से मिले सम्मान की बात फैलाते रहे। वे रात को घर पहुंचे तो बाहर झाड़ियों में कुछ हलचल दिखाई दी। वे समझ गए कि योजना काम कर रही है। चोर आ गए हैं।
उनके आते ही पत्नी ने पूछा— ‘‘चार दिन कहां बेगारी कर लौटे हैं?’’ गोनू झा बोले— ‘‘पहले लोटा दो। हाथ-मुंह धो लूं। तब तक तुम खाना लगाओ। फिर बताता हूं।’’ पत्नी ने कहा- ‘‘क्या हुआ? ठीक से क्यों नहीं बताते?’’ अब तक चोर भी सतर्क हो गए थे। वे पति-पत्नी से खजाने का राज सुनना चाह रहे थे। जिस तरफ चोर छिपकर बैठे हुए थे, उसी तरफ दीवार के पास पत्नी को ले जाते हुए गोनू झा ने फुसफुसाते हुए कहा- ‘‘तुम तो जानती ही हो। हर बार शास्त्रार्थ मैं ही जीतता हूं। बदले में राजा सोना-चांदी, धन-दौलत देते हैं। इसके कारण घर में चोरी का डर हमेशा बना रहता है। इसलिए मैंने इस बार राजा से कहा कि हमें घर ले जाने के लिए कुछ मत दीजिए। आपकी दी हुई मूल्यवान वस्तुएं हमारी रात की नींद उड़ा देती हैं।’’
पत्नी ने उत्सुकतावश पूछा, ‘‘तो फिर कुछ दिया भी… या बस ज्ञान ले-देकर आ गए?’’ गोनू झा बोले, ‘‘दरअसल, राजा के पूर्वज हजारों साल से अपने खजाने को एक सुरक्षित राजकीय भूमि में छिपाते आए हैं। यह खजाना सौ बीघा जमीन में दबा हुआ है। चूंकि जमीन बंजर है, इसलिए कोई भी उधर गाय-भैंस, भेड़-बकरी को चराने नहीं जाता। इस बार इनाम में राजा ने वही सौ बीघा जमीन मुझे दी है। हमें जब भी जरूरत पड़ेगी, खुदाई करके खजाने से एक तोला सोना निकाल लाएंगे। बस यह समझ लो कि हमारी सौ पीढ़ियां आराम से बैठकर खा सकती हैं।’’
पत्नी ने पूछा, ‘‘किंतु वह जमीन है कहां?’’ गोनू झा बोले, ‘‘वह भी बताऊंगा। लेकिन समस्या यह है कि तुम ज्यादा खर्च करती हो और तुम्हारे पेट में कोई बात हजम नहीं होती।’’
पत्नी ने कहा, ‘‘वह तो ठीक है, पर भगवान न करे, आपको कुछ हो गया, तो सौ पीढ़ियों के लिए धन रहते हुए भी हम सब भूखे मर जाएंगे।’’ इस पर झल्लाते हुए गोनू झा ने फुसफुसाहट में हुए वह जगह बता दी, जो राजा से इनाम में मिली थी। तब पत्नी बोली, ‘‘आप सवेरे ही एक तोला सोना ले आइएगा।’’
‘‘ठीक है, पर मुझे कुछ खाने के लिए दो। बहुत थका हुआ हूं। सुबह सूर्य उगने से पहले ही मैं एक तोला सोना ले आऊंगा।’’ यह सुनकर चोर तत्काल खेत की ओर भागे। उन्होंने कुछ और चोरों को भी बुला लिया। सभी कुदाल-फावड़ा लेकर बंजर जमीन खुदाई में जुट गए। चोरों ने सूर्य उगने से पहले तक सारा खेत खोद डाला, पर खजाना नहीं मिला। तभी गोनू झा को कुछ लोगों के साथ खेत की ओर आते देख चोर भागने लगे। गोनू ने आवाज दी, ‘‘अरे भाई रातभर इतनी मेहनत की है, मजदूरी तो लेते जाओ। कम-से-कम जलपान ही कर लो।’’
गोनू झा अपने साथ 8-10 मजदूर और बीज लेकर आए थे। उन्होंने खेत में बीज डाले, फिर नियमित सिंचाई की। उस साल फसल अच्छी हुई, जिससे गोनू झा की कमाई भी अच्छी हुई। इसके बाद हर साल पैदावार बढ़ती गई और उनकी दरिद्रता खत्म हो गई। गांव वाले एक  बार फिर गोनू झा की बुद्धिमत्ता के कायल हो गए।     ल्ल

बूझो तो जानें
1.     यदि मेज पर एक दर्जन आम हैं और उसमें से आप सात ले लेते हैं, तो आपके पास कितने आम हैं?
2. एक हवाई जहाज मुंबई से दिल्ली की दूरी 1 घंटे 50 मिनट में तय करती है। वही विमान लौटते समय 110 मिनट लेती है। ऐसा क्यों?
3. एक पोल्ट्री फार्म के मालिक को एक दिन 1000 अंडे का आॅर्डर मिला। उसके पास 300 मुर्गे थे। उनमें से 100 मुर्गे हर दिन पांच अंडे देते थे, 100 मुर्गे सात और बाकी 100 अंडे नहीं देते थे। आॅर्डर पूरा करने के लिये उसे कितने मुर्गों के पास जाना पड़ेगा?

पिछले अंक के जवाब-
1.  लेटर बॉक्स  2. अ स्वर, जबकि इ व्यंजन है 3. इलायची
4. छह  5. सिंघाड़ा

पिछले अंक
के जवाब-
1. गुसादी
2. रामानंद
3. गुरु अर्जन देव
4. पाकिस्तान
5. बौद्ध विहार

क्या आप जानते हैं?
1.     संगीत नाटक अकादमी की स्थापना कब हुई? क. 1951   ख. 1953   ग. 1954  
2.     रावण और कुबेर परस्पर किस रिश्ते से आपस में संबंधित थे?
    क. भाई-भाई   ख. साला-बहनोई   
    ग. इनमें से कोई नहीं
3. ‘बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय’ का विचार किसने दिया था?
    क. डॉ. भीमराव आंबेडकर   
    ख. महात्मा गांधी   ग. महात्मा बुद्ध  
4.     बाज पक्षी, धनुष और बाण किस सिख गुरु की पहचान है?
    क. गुरु नानक देव  ख. गुरु बंदा बहादुर  
ग. गुरु गोविंद सिंह
5.     ‘लोसांग उत्सव’ कहां मनाया जाता है?
    क. तिब्बत   ख. सिक्किम   घ. केरल

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