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पिछले दिनों लखनऊ विश्वविद्यालय के मालवीय सभागार में मुस्लिम राष्टÑीय मंच एवं राष्टÑीय एकता मिशन द्वारा ‘राष्टÑीय सामाजिक एकता ही विकास का मार्ग है’ शीर्षक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में राज्यपाल श्री राम नाईक उपस्थित थे। इस दौरान उन्होंने नोएडा निवासी दिव्यांग जीनत आरा की पुस्तक ‘एक्स्ट्रा आर्डनरी डिजायर टू विन’ का भी विमोचन किया। इस अवसर पर मुस्लिम राष्टÑीय मंच एवं राष्टÑीय एकता मिशन द्वारा दिव्यांगजनों, समाज में विशिष्ट सेवा करने वाली विशेषकर मुस्लिम महिलाओं तथा तलाकशुदा महिलाओं को सहायता राशि प्रदान की गई। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए श्री राम नाईक ने कहा कि संविधान के तहत काम करना ही सच्चा राष्टÑप्रेम और राष्टÑधर्म है। भाषा, वेश, खान-पान, पूजा पद्धति अलग-अलग हो सकती है, लेकिन देशवासियों का कर्तव्य है कि देश के प्रति निष्ठा एवं वफादारी बनाए रखें। धर्म को लेकर गलत धारणाएं न पैदा हों, इसका विचार करना चाहिए। भारतीय संस्कृति पूरे विश्व को परिवार मानती है। इसलिए समाज में नफरत और कटुता का कोई स्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि इच्छाशक्ति हो तो जो बोल नहीं सकता, वह बोलने लगता है और जो पैर से मजबूर है, वह भी पहाड़ चढ़ सकता है। समाज ऐसे दिव्यांग और वंचित लोगों का सहयोग करे तथा उन्हें आगे बढ़ाने का प्रयास करे। विश्व को परिवार मानकर एक-दूसरे का सहयोग करें। समाज अच्छा काम करने वालों का सम्मान करे। मंच के राष्टÑीय संगठन संयोजक स्वामी मुरारीदास उपाख्य महिरध्वज सिंह ने कहा कि जिस प्रकार से सरकार की ओर से विधवा और वृद्धावस्था पेंशन दी जा रही है, उसी प्रकार से तलाक पीड़ित बहनों के लिए भी पेंशन वितरण की व्यवस्था सरकार को लागू करनी चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो़ एस़पी़ सिंह ने की। (विसंकें, लखनऊ)
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