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प्रवृत्ति से निवृत्ति भारत के राष्टÑ पुरुष की यात्रा है। विविधताओं में एकत्व का अनुभव भारत का राष्टÑीय दर्शन है। विविधता में प्रेम के धागे अगर कोई ढूंढता है तो वह भारतीय साहित्यकार ही है।ह्णह्ण उक्त वक्तव्य राष्टÑीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल ने दिया। वे गत दिनों ब्रज में केंद्रीय हिन्दी संस्थान व संस्कार भारती द्वारा आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्टÑीय साहित्य संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हमारा साहित्य, वीरता और कर्तव्यनिष्ठा में सर्वश्रेष्ठ है। हमारी पहचान अलग है और उसे हम बनाए रखना चाहते हैं। नेशनलिज्म की स्थापना में असहिष्णुता का भाव है। इसलिए यूरोप में नए नेशन बनते हैं। इस नेशनलिज्म की थ्योरी ने विश्व में घृणा पैदा कर दी है। भारत इस नेशनलिज्म को नहीं जानता और भारत की परंपरा में ऐसे तत्वों को स्थान भी नहीं है। हमारे यहां राष्टÑ तत्व की अवधारणा है और यह ह्यराष्टÑह्ण शब्द भौगौलिक नहीं, दार्शनिक है। इस अवसर पर उपस्थित राष्टÑीय पुस्तक न्यास के अध्यक्ष श्री बलदेव भाई शर्मा ने कहा कि पूरी दुनिया को विनाश से बचाने वाला केवल भारत का विचार है। विश्व को एक परिवार के रूप में रहने की संकल्पना देने वाले भारतीय साहित्य को पुन: प्रतिष्ठित करने की आवश्यकता है। साहित्य को दलित, महिला या प्रगतिशीलता में खंडित मत करो। साहित्य तो सबके लिए है। इस अवसर पर पाञ्चजन्य के संपादक श्री हितेश शंकर ने कहा कि साहित्यकार पाठक का ध्यान आकृष्ट करने व विषय से पाठक को जोड़ने वाला साहित्य रचें। एक सत्र में मैसूर के प्रो़ डी.पी.उपाध्याय ने ललित कलाओं के विविध पक्षों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारतीय कला मनोविकार नहीं, मनोविकास पर आधारित है। संस्कार भारती के अ़भा़ सह महामंत्री श्री रवीन्द्र भारती ने कहा कि इस संस्था से जुड़े लोगों को ललित कला के विभिन्न पक्षों का बोध जरूरी है। केंद्रीय हिन्दी संस्थान के निदेशक प्रो़ नन्द किशोर पाण्डेय ने सभी का आभार व्यक्त किया। संचालन संस्कार भारती के अ़भा. संयोजक श्री राज बहादुर सिंह ने किया। संगोष्ठी में संस्कार भारती के संस्थापक पद्मश्री योगेंद्र बाबा, केंद्रीय हिन्दी शिक्षा मंडल के अध्यक्ष श्री कमल किशोर गोयनका आदि विशिष्टजन उपस्थित थे। प्रतिनिधि
सरकार गरीबों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है
हरियाणा के उद्योग मंत्री विपुल गोयल ने अनोखी पहल करते हुए तीन साल के दौरान मिले उपहारों से प्रधानमंत्री राष्टÑीय राहत कोष के लिए ढाई करोड़ रुपये एकत्र किए हैं। इस दौरान श्री गोयल ने सूरजकुंड के सिल्वर जुबली हॉल में बतौर विधायक एवं मंत्री कार्यकाल के दौरान उन्हें मिले उपहारों की प्रदर्शनी लगाई। इन उपहारों के बदले फरीदाबाद, गुरुग्राम सहित हरियाणा व दिल्ली के कई प्रमुख उद्यमियों ने स्वेच्छा से प्रधानमंत्री राष्टÑीय राहत कोष के नाम चैक व ड्राफ्ट दिए। श्री गोयल को मिली एक पेंटिंग के लिए सबसे अधिक एक करोड़ रुपये की राशि जर्मनी आधारित कंपनी न्योर ब्रेमजे ने दी।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि गरीब और जरूरतमंदों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री राहत कोष के लिए उनके उपहार काम आ सकें, ये उनके लिए आत्मसंतुष्टि का विषय है। सरकार गरीबों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। हमारे लिए सम्मान के स्मारकों से ज्यादा जनता के दिलों में सम्मान मायने रखता है। न्योर ब्रेमजे के प्रबंध निदेशक एपी गर्ग ने बताया कि उनकी कंपनी के निदेशक मंडल ने इस साल प्रधानमंत्री राहत कोष के लिए एक करोड़ रुपये देने का निर्णय लिया था। यह राशि प्रधानमंत्री के कोष तक पहुंचाने के लिए हमने प्रेरणादायक कार्यक्रम ह्यहम सब मानवता के लिए हैंह्ण को चुना। कार्यक्रम में उपस्थित फिल्म अभिनेता रणदीप हुड्डा ने कहा कि फिल्मी सितारे नेक कार्यों के लिए अपने कपड़ों या उपहार की नीलामी करते हैं लेकिन किसी नेता को मिले उपहारों की इस तरह प्रदर्शनी अपने आप में एक नया और प्रेरणादायक कदम है। इस अवसर पर रा.स्व.संघ के प्रांत सह संघचालक श्री पवन जिंदल, पार्श्व गायिका ऋचा शर्मा, निशानेबाज गगन नारंग सहित कई जानी-मानी हस्तियां मौजूद रहीं।
सामाजिक भेदभाव को दूर करने की जरूरत
ह्यह्यरक्त की कोई जाति नहीं होती, वह सबकी एक समान जान बचाता है। रक्त के समान ही बिना भेदभाव के सामाजिक विषमताओं को दूर करना होगा।ह्णह्णउक्त बात राष्टÑीय स्वयंसेवक संघ, हिमाचल के प्रांत प्रचारक श्री संजीवन कुमार ने कही। वे गत दिनों शिमला के रिज मैदान पर रविदास जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित रक्तदान शिविर को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने सामाजिक एकीकरण को केंद्र में रखते हुए राष्टÑीय स्वयंसेवक संघ के कार्यों के बारे में कहा कि संघ से जुड़ने वाले किसी भी व्यक्ति से कभी भी जाति नहीं पूछी जाती। यहां आने वाले का सिर्फ एक ही परिचय होता है और वह है स्वयंसेवक। उन्होंने समाज के प्रबुद्ध वर्ग का आह्वान किया कि वह सामाजिक विषमताओं को दूर करने के लिए एकजुट होकर काम करे ताकि सामाजिक समरसता का वातावरण तैयार किया जा सके। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हिमाचल प्रदेश के शिक्षा, संसदीय कार्य व विधि मंत्री श्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि संघ अपने कामों द्वारा जातिगत भेदभाव को दूर करने का काम लगातार करता आ रहा है। आज देश के करोड़ों लोग संघ विचार से प्रभावित हैं। साथ ही हमारे जितने भी महापुरुष हुए, सभी ने वर्ग भेद के बिना सामाजिक उत्थान का काम किया है। कार्यक्रम अध्यक्ष बोधराज शर्मा और रविदास धर्मसभा के अध्यक्ष कर्मचंद भाटिया ने उपस्थित लोगों का धन्यवाद ज्ञापित किया। (विसंकें, शिमला)
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