आवरण/आम बजटजय खलिहान जय किसान
|
इस बार के बजट में सरकार ने किसानों और ग्रामीण इलाकों के लिए अनेक घोषणाएं की हैं। किसानों की आय को दोगुनी करने और हर खेत तक पानी पहुंचाने के लिए सरकार गंभीर दिख रही है
सर्वेश कुमार सिंह
अन्नदाता के सशक्तिकरण और उन्नत गांव से भारत की तकदीर और तस्वीर, दोनों बदलेंगी। इसके लिए केंद्रीय बजट 2018-19 को किसान और गांवों पर केंद्रित किया गया है। स्वतंत्र भारत के इतिहास का यह पहला ऐसा बजट है, जिसका समूचा जोर गांव और किसान पर है। सरकार ने किसानों के उत्थान के लिए अपना खजाना खोल दिया है।
किसान वर्षों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने की मांग कर रहे थे। सरकार ने उनकी बात सुनी और एमएसपी को डेढ़ गुना कर दिया। गत वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी, ‘‘हम किसानों की आमदनी को दोगुना करेंगे। इसके लिए पूरी सरकार सक्रिय है। सरकार 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करने के संकल्प को पूरा करने में जुटी है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए बजट में कई खास घोषणाएं की गई हैं। किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य मिले, इसका विशेष ध्यान रखा गया है। लगभग एक दशक पहले एमएस स्वामीनाथन आयोग ने भी सिफारिश की थी कि किसानों को उनकी उपज पर एमएसपी तय करते समय लागत मूल्य से पचास प्रतिशत अधिक प्रदान किया जाए। अब बजट में सरकार ने घोषणा कर दी है कि उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य के रूप में लागत का डेढ़ गुना मूल्य प्राप्त होगा।
ऋण प्रवाह बढ़ाने पर जोर
खेती-किसानी के लिए ऋण प्रवाह में बढ़ोतरी की भी आवश्यकता अनुभव की जाती रही है। इसे सरकार ने समझा है। पिछले साल खेती-किसानी के लिए कर्ज का लक्ष्य 10,00,000 करोड़ रुपये रखा गया था। इस साल इसे बढ़ाकर 11,00,000 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। ‘हर खेत को पानी’ योजना के लिए 2,600 करोड़ रु. की व्यवस्था की गई है। देश में जैविक उत्पादों की बिक्री बढ़े और जैविक खेती करने वाले किसानों को उचित मूल्य भी मिले। इसलिए सरकार ने कहा है कि वह जिला स्तर पर जैविक उत्पादों की बिक्री की व्यवस्था करेगी।
बदलेंगे ग्रामीण हाट
मंडियों की कमी को दूर करने के लिए सरकार ने फैसला किया है कि देश के गांवों में स्थापित 22,000 ग्रामीण हाटों को ग्रामीण बाजारों में बदला जाएगा। इसके लिए सरकार ने 2,000 करोड़ रुपये की बाजार निधि बनाने की घोषणा की है। किसान क्रेडिट कार्ड का दायरा भी बढ़ा दिया गया है। मत्स्य और पशुपालन के लिए किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए जाएंगे। मत्स्य और पशुपालन के लिए 10,000 करोड़ रुपये का कोष स्थापित करने का फैसला लिया गया है।
बांस को वृक्ष की सीमा से बाहर लाने के बाद केंद्र सरकार ने इसे कृषि उपज मानकर बढ़ावा देने का फैसला किया है। इसके लिये ‘राष्टÑीय बांस मिशन’ की घोषणा की गई है और 1,290 करोड़ रुपये का आवंटन भी कर दिया गया है। इसी तरह ‘आॅपरेशन ग्रीन’ शुरू करने का फैसला किया गया है। इसके लिए भी 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। देश में खाद्य प्रसंस्करण से जुड़ा व्यवसाय जितना उन्नत होगा, उतना ही देश का किसान खुशहाल होगा। इसकी अहमियत को समझते हुए सरकार ने इस विभाग के बजट को 715 करोड़ से बढ़ाकर 1,400 करोड़ कर दिया है। सरकार खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए 42 नए ‘मेगा फूड पार्क’ स्थापित करेगी।
दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना
बजट में ग्रामीण और गरीबों के लिए कई नई योजनाएं शुरू करने की बात कही गई है। इनमें सबसे महत्वपूर्ण है ‘राष्टÑीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना’। इसके तहत देश के 10 करोड़ गरीब परिवारों को हर साल 5,00,000 रुपये तक की सहायता स्वास्थ्य खर्च के रूप में मिलेगी। यानी देश के 50 करोड़ लोग स्वास्थ्य योजना से लाभान्वित होंगे। सरकार ने ग्रामीण विकास योजनाओं का दायरा भी बढ़ाया है। इन योजनाओं में ग्रामीण अवसंरचना के लिए 14़ 34 लाख करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। गरीब महिलाओं को उज्जवला योजना के तहत आठ करोड़ गैस कनेक्शन मुफ्त देने की घोषणा की गई है। इसी तरह इस साल 4 करोड़ गरीबों को नि:शुल्क बिजली कनेक्शन दिए जाएंगे।
5,00,000 वाईफाई हॉट स्पॉट
सरकार गांवों को दुनिया के साथ जोड़ने के लिए भी प्रतिबद्ध है। 1,00,000 गांवों तक ब्रॉडबैंड इंटरनेट कनेक्शन पहुंचाने के बाद अब गांवों में 5,00,000 वाई-फाई हॉट स्पॉट स्थापित करने की घोषणा की गई है। अनुसूचित जाति और जनजातियों के कल्याण के लिए भी सरकार ने कदम उठाया है। इनके लिए बजट में 95,754 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए राष्टÑीय आजीविका मिशन में 5,750 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। सरकार ने 2022 तक सबको घर देने का भी लक्ष्य तय किया है। 51,00,000 घर बनाए जाएंगे।
किसान अब कृषि उत्पादों के लिए कंपनी बना रहे हैं। इन प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए 100 करोड़ रुपये का सालाना कारोबार करने वाली किसान उत्पादन कंपनी को पांच साल तक कर में 100 प्रतिशत छूट मिलेगी। पट्टे पर खेती करने वाले किसानों को भी कर्ज की सुविधा के लिए एक तंत्र विकसित करने की बात कही गई है।
रु. 11 लाख करोड़ कृषि क्षेत्र के लिए संस्थागत कर्ज
रु. 5,750 करोड़ राष्टÑीय ग्रामीण आजीविका मिशन
रु. 2,600 करोड़ पीएमकेएसवाई के तहत
भूजल सिंचाई योजना
रु. 2,000 करोड़ कृषि बाजार आधारभूत
ढांचा फंड की राशि
रु. 10,000 करोड़
पशुपालन और मछली पालन विकास फंड
रु. 55,000 करोड़
महात्मा गांधी राष्टÑीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के लिए
टिप्पणियाँ