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‘‘भारत एक चिरंजीवी राष्टÑ है। हिन्दुत्व हमारी संस्कृति है। यह सर्वपुरातन संस्कृति हजारों साल से भारत वर्ष को एक सूत्र में पिरोये हुए है और मजबूती प्रदान कर रही है। सभी मत-पंथ, वर्ण, जाति व विचार को सम्मान देना तथा एकता के सूत्र में बांधे रखना ही हिन्दुत्व है।’’ उक्त उद्बोधन राष्टÑीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत ने दिया। वे गत दिनों ओडिशा के ओंगुल में दो दिवसीय प्रवासी कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि विविधता में एकता हमारे देश का परिचय है, जबकि इसे जोड़कर रखने का मंत्र हिन्दुत्व है। सनातनकाल से हिन्दुत्व इसी तरह से जोड़ता आ रहा है। दूसरी तरफ रोम एवं ग्रीस जैसी समृद्ध कही जाने वाली सभ्यताएं आज विलुप्त हो गई हैं।
श्री भागवत ने कहा कि मुगलों एवं अंग्रेजों द्वारा सैकड़ों साल तक भारतीय संस्कृति का दमन करने के बावजूद हिंदुत्व अपनी मौलिकता को बचाए हुए है। पूरी दुनिया में इस समय अशांति का वातावरण फैला हुआ है लेकिन दुनिया के लोग शांति के लिए भारत की ओर देख रहे हैं। ऐसे में समूचे विश्व को एक सूत्र में बांधने की ताकत सिर्फ भारत में ही है क्योंकि यह दुनिया का सबसे पुरातन देश है। अतीत में यह था, वर्तमान में है और सृष्टि के खत्म होने तक रहेगा। भारत की महान संस्कृति हिन्दुत्व पर आधारित है। ऐसे में यह उदार सभ्यता एवं संस्कृति सभी को अच्छी लगती है। भारत में रहने वाले सभी भारतीयों को हिन्दुत्व ही प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि संघ राजनीति नहीं करता। यह हिंदुत्व के लिए प्रतिबद्ध है, जिसका मतलब सहिष्णुता है।
उन्होंने कहा कि हिंदुत्व जीवन जीने का एक तरीका है, यह धर्म मात्र नहीं है। पूरी दुनिया में रहने वाले हिन्दुओं ने हमेशा शांति का संदेश दिया है और किसी देश की स्वतंत्रता में कभी हस्तक्षेप करने की कोशिश नहीं की है। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित ओडिशा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश श्री प्रफुल्ल कुमार त्रिपाठी ने कहा कि हमारी संस्कृति नास्तिक में भी आस्तिकता को खोजती है।
(विसंकें, भुवनेश्वर)
‘वैदिक शिक्षा अनंत और शाश्वत है’
कैलिफोर्निया के दक्षिण में जूलियन की खूबसूरत पहाड़ियों में बसे कैथोलिक रिसार्ट में हिंदू स्वयंसेवक संघ के तत्वावधान में चला एक सप्ताह का संघ शिक्षा वर्ग इस संदेश के साथ सम्पन्न हो गया कि दूर-दराज से आए शिक्षक और शिक्षार्थी अपने घरों को लौट कर अपनी सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण में और भी दृढ़ संकल्प के साथ जुटेंगे। शिविर में दक्षिण पश्चिम संभाग के करीब 130 पुरुष, महिलाओं और बालगण ने भाग लिया। इस संभाग में एरिजोना, सान डिएगो तथा दक्षिण और उत्तरी लास एंजेल्स के स्वयंसेवक मौजूद थे, जिनमें अनेक अपने परिवारों के साथ आए थे। सब से अधिक संख्या सान डिएगो की रही। इस बार शिविर में खास बात यह रही कि जूलियन की पहाड़ियों में बर्फ नहीं गिरने से फ्लू वायरस के प्रकोप ने एक तिहाई शिक्षक और शिक्षार्थियों को अपनी चपेट में ले लिया। इसके बावजूद सीखने और सिखाने का दृढ़ संकल्प ले कर आए स्वयंसेवकों ने वायरस और मौसम की मार से हार नहीं मानी। यह स्वीकारोक्ति शिविर कार्यवाह श्री राजू गुटला ने एक रिपोर्ट में व्यक्त की। उन्होंने कहा कि शिक्षक और शिक्षार्थियों ने ज्वर से पीड़ित होने के बावजूद नियमित रूप से सभी गतिविधियों में भाग लिया, जो उत्साहवर्धक तथा प्रेरित करने वाले क्षण थे। शिविर के समापन अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित दक्षिण संभाग संघचालक श्री बाबू भाई गांधी ने शिक्षार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि वैदिक शिक्षा अनंत और शाश्वत है। तमाम झंझावातों के बाद भी इसमें न के बराबर परिवर्तन आया है। लेकिन हम सभी को आगे भी इसी तरह इसे लेकर जाना है। जैसे अभिमन्यु ने अपनी मां के गर्भ में ही ज्ञान अर्जित किया था ठीक उसी तरह इस वैदिक ज्ञान की अग्नि को प्रज्जवलित रखने की जरूरत है।
इस अवसर पर श्री राम.आर. सेशन ने कहा कि हिंदुत्व की जड़ें बहुत मजबूत हंै। हिंदुत्व में सीखना और सिखाना हमारी सांस्कृतिक धरोहर के हिस्से रहे हैं। शाखाओं में शुरू से सीखने और सिखाने पर जोर दिया जाता रहा है। जरूरत इतनी है कि हम अपनी सांस्कृतिक धरोहर से जुड़े रहें। यह अहम बात है और इसे ही हम सभी को अंगीकार करना है। समारोह में डॉ. नाग भूषण, एकल विद्यालय प्रभारी प्रतिभा गोयल और प्रो. सुनील कुमार विशेष रूप से मौजूद रहे। ल्ल ललितमोहन बंसल, सान डिएगोसे
‘समाज को संगठित करता संघ’
गत दिनों मध्य प्रदेश के सीहोर में आवासीय खेलकूद मैदान में हिन्दू संगम का आयोजन किया गया। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में राष्टÑीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबाले उपस्थित रहे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हम आपस में लड़ेंगे तो विश्व का मार्गदर्शन क्या करेंगे? विश्व का मार्गदर्शन करने के लिए समाज में परिवर्तन जरूरी है। इसके लिए समाज को संगठित करना अतिआवश्यक है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ 90 वर्षों से यही काम कर रहा है। पिछले 70 वर्ष से देश के विभिन्न प्रान्तों में विभिन्न स्तरों पर समाज को जोड़ने का काम चल रहा है। संघ का प्रमुख कार्य समाज को संगठित करना है। इसी वजह से संघ को हमेशा समाज का सहयोग और समर्थन मिला है।
समय-समय पर संघ कार्य का विरोध और टीका टिप्पणी भी की गई, लेकिन ये सभी प्रयास विफल रहे। श्री होसबाले ने कहा कि छुआछूत धर्म विरोधी है। मंदिर में सभी लोगों का प्रवेश होना चाहिए। समाज में ऊंच-नीच और भेदभाव नहीं होना चाहिए। कार्यक्रम में मध्यभारत प्रांत के संघचालक श्री सतीश
पिंपलीकर और राजगढ़ के विभाग संघचालक श्री लक्ष्मीनारायण चौहान उपस्थित रहे।
(विसंकें, सीहोर)
‘जल्द हो भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण’
‘‘श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए हिंदू समाज को कब तक प्रतीक्षा करनी पडेÞगी? संविधान के तीन अंग कार्यपालिका, न्यायपालिका व विधायिका मिल कर हिंदुओं के लिए श्रीराम मंदिर निर्माण के रास्ते को खोल दें।’’ उक्त बात विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्टÑीय कार्याध्यक्ष डॉ. प्रवीण भाई तोगड़िया ने कहीं। वे गत दिनों भुवनेश्वर में विहिप की अंतरराष्टÑीय प्रबंध समिति व प्रन्यासी मंडल की तीन दिवसीय बैठक के अंतिम
दिन आयोजित जनसभा को संबोधित
कर रहे थे।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि गत चार सौ से अधिक साल से हिंदू श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए संघर्ष कर रहे हैं। पहले मुगलों का शासन था। लेकिन भारत के स्वतंत्रता के 70 साल बाद भी मंदिर का निर्माण क्यों नहीं हो रहा? श्री अशोक सिंहल, महंत अवैद्यनाथ, आचार्य गिरिराज किशोर जैसी विभूतियां राम मंदिर के निर्माण को बिना देखे ही बैकुंठवासी हो गर्इं। लेकिन अब कब तक हिन्दुओं को श्रीरामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए प्रतीक्षा करनी पडेÞगी। उन्होंने कहा कि श्रीरामलला जहां विराजमान हैं वहीं पर मंदिर बनेगा।
उल्लेखनीय है कि इस तीन दिवसीय सम्मेलन में देश व विदेश से चार सौ से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। सम्मेलन में कंधमाल जिले में स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती की हत्या के दस साल बीत जाने के बाद भी उनके हत्यारों व साजिशकर्ताओं की गिरफ्तार न होने पर रोष प्रकट करते हुए प्रस्ताव पारित किया गया।
इस मामले की जांच सीबीआई से कराए जाने की मांग की गई।
भारतीय संस्कृति का रखवाला वनवासी समाज
पिछले दिनों जबलपुर के नाना जी देशमुख वेटररी मैदान में महाकौशल वनांचल शिक्षा सेवा न्यास के तत्वावधान में जनजाति कार्यकर्ताओं का विशाल संगम संपन्न हुआ, जिसमें वनवासी समाज के 5,000 से अधिक लोग उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में विशेष रूप से पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं मंडला के सांसद श्री फग्गन सिंह कुलस्ते, विद्या भारती के अ़ भा़ सह संगठन मंत्री श्री यतीन्द्र शर्मा, म.़प्र. जनजाति आयोग के अध्यक्ष श्री नरेन्द्र मरावी उपस्थित रहे। इस अवसर पर श्री यतीन्द्र शर्मा ने कहा कि जनजाति समाज के लोग भारतीय संस्कृति के रखवाले हैं। प्रदर्शनी का उद्घाटन जिलाधिकारी श्री महेशचंद्र चौधरी, पुलिस अधीक्षक श्री शशिकांत शुक्ल ने किया।
कला सकारात्मक हो!
हरियाणा कला परिषद चंडीगढ़ के सहयोग से तैयार व्यंग्य चित्रों की प्रदर्शनी का आयोजन पिछले दिनों मल्टी आर्ट कल्चर सेंटर, कुरुक्षेत्र में संपन्न हुआ। प्रदर्शनी में सभी 49 व्यंग्य चित्रों को जींद के युवा चित्रकार व संस्कार भारती के प्रदेश सह चित्रकला प्रमुख दीपक कौशिक ने तैयार किया। कार्यक्रम का उद्घाटन संस्कार भारती के अखिल भारतीय संरक्षक बाबा योगेन्द्र ने किया। इस मौके पर श्री दीपक की व्यंग्य चित्रकला की प्रशंसा करते हुए बाबा योगेंद्र ने कहा कि कलाकार अपनी कला का प्रयोग सकारात्मक दिशा में कर रहे हैं जिसका लाभ राष्टÑ व समाज को सीधे मिल रहा है। हरियाणा कला परिषद के उपाध्यक्ष श्री सुदेश शर्मा ने कहा कि चित्रकार रेखा-रंगों के माध्यम से बनाए चित्रों से हजारों शब्द लिख देता है।
प्रतिभा को पंख देता आश्रम
वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा पिछले दिनों भोपाल में 20वीं राष्टÑीय वनवासी खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान एवं वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री कृपा प्रसाद सिंह ने किया। समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री श्री अतुल जोग ने कहा कि यहां तीरंदाजी में विश्व रिकॉर्ड बनने जा रहा है। अभी तक जनजातीय समाज के एक साथ इतने तीरंदाज खिलाड़ी शामिल नहीं हुए हैं। यहां आए खिलाड़ी अनेक संकटों का सामना करके पहुंचे हैं। हैरत की बात है कि ये सभी किसी प्रशिक्षण संस्थान से प्रशिक्षित नहीं हैं। लेकिन इसके बावजूद इनका निशाना देखकर किसी को भी आश्चर्य होगा। वनवासी कल्याण आश्रम ऐसे प्रतिभावान खिलाड़ियों को अवसर प्रदान कर रहा है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह मंच उन खिलाड़ियों के लिए एक सुनहरा अवसर है जो प्रतिभा के धनी हैं। यहां वे अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करके न केवल ख्याति प्राप्त कर सकते हैं बल्कि अपने सपनों को पंख दे सकते हैं। वहीं राज्य सरकार में मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे ने कहा कि म़.प्ऱ सरकार तीरंदाजी को बढ़ावा दे रही है। इस प्रतियोगिता में चयनित प्रतिभाशाली तीरंदाजों को म.़प्ऱ सरकार अवसर देने में पीछे नहीं हटेगी।
(विसंकें, भोपाल)
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