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अब तक भगवान गणेश पर केन्द्रित कई धारावाहिक प्रसारित हो चुके हैं लेकिन ‘विघ्नहर्ता गणेश’ में विशेष तकनीक का प्रयोग दृश्यों को पहले की अपेक्षा भव्य और जीवंत रूप देने की कोशिश दर्शाता है
प्रदीप सरदाना
प्रथम पूजनीय भगवान श्रीगणेश को लेकर यूं तो टीवी पर पहले भी कुछ धारावाहिक प्रसारित हुए हैं और कई फिल्में भी बनी हैं। लेकिन हाल ही में सोनी चैनल पर शुरू हुआ धारावाहिक ‘विघ्नहर्ता गणेश’ अब तक बने ऐसे सभी धारावाहिकों से अलग और भव्य है। सोनी चैनल ने इसे सोमवार से शुक्रवार रात 8 बजे का प्रसारण समय दिया है।
‘विघ्नहर्ता गणेश’ का निर्माण कंटीलो पिक्चर के अभिमन्यु सिंह ने किया है, जिन्होंने हाल ही में इसी चैनल के लिए ‘संकटमोचन महाबली हनुमान’ जैसा धारावाहिक बनाकर लोकप्रियता का नया इतिहास लिखा। वे इससे पहले ‘झांसी की रानी’, भारत का वीर पुत्र महाराणा प्रताप, वीर शिवाजी और ‘चक्रवर्ती अशोक सम्राट’ जैसे ऐतिहासिक धारावाहिक भी बना चुके हैं।
अभिमन्यु बताते हैं कि गणेश जी पर धारावाहिक बनाने की तैयारियों में वे लंबे समय से जुटे थे। इसके लिए विभिन्न शोधों के साथ उन्होंने इसकी पटकथा पर कई महीने तो लगाये ही, इसके साथ इसकी तकनीक पर भी काफी समय लगाया। वे बताते हैं,‘‘हम चाहते थे कि अभी तक ऐसे जो भी धारावाहिक बने हैं उन सभी में तकनीक के मामले में हम उनसे आगे हों। इसी भव्यता को परदे पर उतारने के लिए हमने मुंबई के निकट नया गांव में भव्य सेट लगाए हैं। वहां पात्रों और दृश्यों को विशेष प्रभाव देने के लिए हॉलीवुड की आधुनिक मोशन कैप्चर तकनीक और एनिमेट्रोनिक्स का प्रयोग किया गया है। इससे गणेश जी की सूंड सहित सभी दृश्यों के भाव-प्रभाव कमाल के दिखेंगे।’’ सोनी चैनल के कार्यकारी उपाध्यक्ष और बिजनेस प्रमुख दानिश खान तो ‘विघ्नहर्ता गणेश’ को लेकर बेहद उत्साहित हैं। वे बताते हैं,‘‘भगवान गणेश की कहानी अपने देश के साथ विदेशों में भी असंख्य लोगों को सदियों से लुभाती रही है। लेकिन इस धारावाहिक को शुरू करने से पहले ही हमने इस बात को प्रमुखता दी थी कि यह धारावाहिक पूरी तरह पौराणिक व धार्मिक दृष्टिकोण पर ही आधारित हो। साथ ही नई तकनीकों का इस्तेमाल कर टीवी पर आधुनिकता और भव्यता के नए मापदंड स्थापित करे। इसीलिए हम मोशन कैप्चर की जो तकनीक लाए हैं उसे इससे पहले भारतीय टेलीविजन पर कभी इस्तेमाल नहीं किया गया।’’ वे कहते हैं कि ‘विघ्नहर्ता गणेश’ देश का पहला धारावाहिक है जिसमें मोशन कैप्चर का प्रयोग हो रहा है। इस सबके साथ हमने यह भी प्रयास किया है कि इसमें परंपरागत कहानियों के साथ ऐसी कहानियां भी हों जो इससे पूर्व किसी धारावाहिक में न दिखाई गई हों। ऐसी अनसुनी कहानियां दिखाने के लिए निर्माता की शोध और लेखन से जुड़ी टीम ने काफी मेहनत की है।
इस धारावाहिक की शुरुआत देवताओं के लिए मुसीबत बन चुके ताड़कासुर के वध के लिए कार्तिकेय के जन्म से होती है। लेकिन कार्तिकेय जब मां पार्वती के साथ समय बिताने के स्थान पर एक के बाद एक युद्ध पर जाते हैं तो वे खिन्न हो जाती हैं। उसके बाद भगवान शिव पार्वती को एक और संतान का गौरव देने की बात करते हैं। तब बाल गणेश का जन्म होता है। उसके बाद परिस्थितियां तेजी से बदलती हैं। यूं तो गणेश कथा किसी से छिपी नहीं है। सदियों से यह सुनी और सुनाई जाती रही है। शनि के प्रकोप से गणेश अपना सिर गंवा बैठते हैं। और बाद में भगवान शिव गणेश को हाथी का शीश लगाकर उन्हें फिर से एक नया रूप दे देते हैं। इसके बाद गणेश किस प्रकार प्रथम पूजनीय और बुद्धि के प्रतीक व मंगलमूर्ति बनते हैं उसे इस धारावाहिक में विस्तार से दिखाया आया है। गणेश जी की मूल कथा के साथ यह धारावाहिक कुछ विशेष प्रसंगों के माध्यम से माता-पिता और संतान के बीच के संबंधों की भी नयी बानगी प्रस्तुत करता है।
इस धारावाहिक में जो कलाकार काम कर रहे हैं उनमें बाल गणेश के रूप में बाल अभिनेता उजैर बसर हैं, पार्वती के रूप में अभिनेत्री आकांक्षा पुरी और भगवान शिव की भूमिका को मलखान सिंह हैं। कार्तिकेय की भूमिका को बसंत भट्ट तथा नारद की भूमिका को आनंद गरोडिया साकार कर रहे हैं।
‘लुभाती हैं गणेश जी से जुड़ी कहानियां’
सीरियल ‘सिया के राम’ में लव की भूमिका सहित ‘सूर्य पुत्र कर्ण’,‘मेरी भाभी’ और ‘हमारी सिस्टर दीदी’ में भी काम कर चुके कक्षा पांच में पढ़ने वाले उजैर मात्र आठ वर्ष के हैं और ‘विघ्नहर्ता गणेश’ में गणपति की भूमिका निभा रहे हैं। उनके माता-पिता मूलत: गुजरात के रहने वाले हैं लेकिन बाद में परिवार मुंबई में ही रहने लगा। प्रस्तुत हैं उजैर से बातचीत के प्रमुख अंश:-
धारावाहिक में गणपति की भूमिका को करने से पहले आपने गणेश जी को कितना समझा और जाना।
मैंने गणेश जी पर बहुत सारी किताबें पढ़ीं। मुझे उनकी सभी कहानियां काफी दिलचस्प और मजेदार लगती हैं। अभी मैं गणेश जी के दर्शन के लिए मुंबई में सिद्धिविनायक मंदिर भी गया था।
सुना है, गणेश बनने के लिए आपने अपना वजन भी बढ़ाया है ?
जी हां.. मुझे वैसे भी मिठाइयां पसंद रही हैं। लेकिन इन दिनों वजन बढ़ाने के लिए मैं खूब सारे लड्डू और मोदक खा रहा हूं। यहां तक पहले मुझे जिस चॉकलेट को बहुत कम खाने दिया जाता था, वह भी मैं अब बहुत खा रहा हूं जिससे मेरा पेट गणेश जी तरह गोल-मटोल हो सके। लेकिन इस सबके साथ मुझे अपनी एक ‘नॉर्मल डाइट’ भी लेनी होती है जिससे मेरी चुस्ती-फुर्ती बनी रहे।
इस धारवाहिक के प्रमुख पात्र होने के चलते शूटिंग काफी काफी देर तक चलती होगी। इससे पढ़ाई में समस्या आ रही होगी?
हमारा प्रोडक्शन हाउस बहुत अच्छा है। वे मेरे साथ शूटिंग करते हुए इस बात का पूरा ध्यान रखते हैं कि मेरी पढ़ाई में मुझे समस्या न आए। काफी शूटिंग स्कूल के बाद भी होती है। स्कूल का ‘होम वर्क’ भी मैं सेट पर तब कर लेता हूं जब मेरी शूटिंग नहीं होती।
‘अन्य धारावाहिकों से अलग है पार्वती की भूमिका’
‘विघ्नहर्ता गणेश’ धारावाहिक में यूं तो गणेश जी की कथा है लेकिन उनकी संपूर्ण कहानी माता पार्वती के इर्द गिर्द घूमती है। उन्हीं के कारण गणेश की उत्पत्ति हुई और उनके प्रयासों से गणेश प्रथमेश बने। इसलिए ‘विघ्नहर्ता गणेश’ में पार्वती की भूमिका शुरू से अंत तक बेहद शक्तिशाली है। धारावाहिक में पार्वती
की भूमिका निभा रही अभिनेत्री आकांक्षा पुरी से बातचीत के
प्रमुख अंश:-
धारवाहिक और फिल्मों में अब तक कई अभिनेत्रियां पार्वती की भूमिका निभा चुकी हैं जिनमें से कुछ तो अविस्मरणीय हैं। इस पात्र को क्या आप चुनौती मानती हैं?
देखिए, किसी भी किरदार को परदे पर अच्छी तरह से प्रस्तुत करना किसी भी कलाकार के लिए एक चुनौती ही होता है। लेकिन मैं बचपन से भगवान शिव की पूजा-अर्चना के बीच पली-बढ़ी हूं। इंदौर में हमारा शिव जी का अपना एक बड़ा मंदिर है। हमारे राज्य में भगवान शिव के दो ज्योतिर्लिंग-महाकाल और ओंकारेश्वर हैं। इसलिए मैं बचपन से ही ऐसे माहौल में रही हूं जहां शिवजी के बारे में बहुत कुछ जानने और उनके बारे में समझने का अवसर मिला। इसलिए धारावाहिक में अपनी भूमिका को मैं अच्छे से समझती हूं।
आपको जब यह भूमिका मिली तो आपने किन चीजों पर ध्यान देना शुरू किया?
इस तरह के धारावाहिकों में भाषा और उच्चारण पर बड़ा ध्यान देना होता है, जो मैं बराबर दे रही हूं। साथ ही शारीरिक रूप से चुस्त-दुरुस्त बने रहकर 15 घंटे शूटिंग करने के लिए मैं ज्यादा समय देकर जिम में व्यायाम कर रही हूं। इस सबके बाद सही खान-पान पर भी ध्यान देना होता है।
गणेश और पार्वती के रिश्ते को आप कैसे देखती हैं।
कार्तिकेय को शिवजी ने बनाया। पर गणेश जी को पार्वती ने ही बनाया। वर्षों के इंतजार के बाद पार्वती को पुत्र प्राप्ति हुई। इसलिए मां पार्वती और गणेश जी का एक अलग ही रिश्ता था। फिर गणेश जी के सिर को जब शिव जी काट देते हैं तो एक मां की पीड़ा और तकलीफ को समझा ही जा सकता है। यह सब इस धारावाहिक में बहुत ही भावनात्मक ढंग से दिखाया गया है। मुझे खुशी है कि मुझे अपने पहले धारवाहिक में ही उन पार्वती का किरदार निभाने का मौका मिल रहा है जिनकी मैं पूजा करती हूं। इसके अलावा मैं पार्वती के साथ ही काली और दुर्गा की भी भूमिका निभा रही हूं। ये तीनों भूमिकाएं एक दूसरे से काफी अलग हैं। इससे ज्यादा प्रतिभा दिखाने का मौका मुझे किसी और धारावाहिक में नहीं मिल सकता था।
गणेश जी पर पहले भी चार धारावाहिक पर आ चुके हैं। आपने उन धारावाहिकों को देखा होगा। उनमें और आपके धारावाहिक में क्या फर्क है?
गणेश जी पर पहले जो धारावाहिक बने हैं वे मैंने देखे हैं। पर यह काफी अलग है। सबसे बड़ा अंतर तो तकनीक का ही है। मोशन कैप्चर तकनीक ने हमारे धारावाहिक को एक नया लुक, एक नया शिखर दिया है। फिर इसमें कहानियां भी काफी नयी हैं। अभी तक पार्वती को जैसे दिखाया गया है, यह पार्वती उनसे बिल्कुल अलग हंै। इसलिए इसकी तुलना पहले वाले धारावाहिकों से नहीं करनी चाहिए। मुझे विश्वास है कि यह सभी को बहुत पसंद आएगा।
शिव जी को आप बचपन से समझ रही हैं। आपकी नजर में महादेव की सबसे अच्छी बात क्या है?
देखिए, शिव जी बचपन से ही मेरे प्रिय भगवान रहे हैं। हमारे धर्म शास्त्र कहते हैं कि वे त्रिकालदर्शी हैं। लेकिन इसके बाद भी वे सब कुछ शांति से अपने अंदर समेटे रहते हैं। तो दूसरी ओर दयालु और करुणामय इतने हैं कि कोई तीन बार नाम ले ले तो उसके ऋणी हो जाते हैं। मुझे उनकी ये बातें सबसे ज्यादा पसंद हंै।
आप जिस प्रकार शुरू से धार्मिक वातावरण में पली हैं और अब पार्वती की भूमिका भी कर रही हैं, तो ऐसे में आप उन्हें अपने कितना करीब पाती हैं ?
मैं अपनी जिंदगी में बहुत ही मजबूत और स्वतंत्र किस्म की लड़की हूं। मुझे लगता है कि मां पार्वती का वह गुण मेरे करीब है और मुझे सबसे ज्यादा पसंद भी है। पार्वती जी जब भगवान की भक्ति में होती हैं तो बहुत ही सहज और कोमल होती हैं। लेकिन जब एक मां होती हैं तो मजबूत होती हंै। जब उन्हें अपने पुत्रों को दुनिया की आसुरी शक्तियों से बचाना होता है तो वे बहुत ही कठोर हो जाती हैं।
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