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''भगवान कृष्ण धर्म की स्थापना के लिए, दुष्टों के विनाश के लिए, संघे शक्ति कलौयुगे अर्थात् कलियुग में संघ शक्ति के रूप में आए। भारत भूमि से इस विचार को बढ़ाया जाता रहा है। इसलिए राष्ट्र को संगठित करके उच्च शिखर पर आगे बढ़ाना है। राष्ट्र को मजबूत करके बरगद की तरह हम आगे बढ़ेंे।'' ये विचार हैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबाले के। वे गत दिनों लखनऊ के साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में 'जनसंचार एवं पत्रकारिता संस्थान' और 'प्रेरणा जनसंचार एवं पत्रकारिता संस्थान' की ओर से आयोजित प्रबोधन कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर विचार रख रहे थे। उन्होंने कहा कि समाज सभी युग में संचार के किसी न किसी माध्यम को अपनाता रहा है। लोकहित के लिए सभी युगों में सही सूचनाएं पहुंचाना मीडिया का उद्देश्य होना चाहिए। संवाद और प्रचार अलग-अलग अवधारणाएं हैं। संवाद प्रक्रिया विचार पहुंचाने का सबसे सशक्त माध्यम है। आज पत्रकारिता दोराहे पर है। पत्रकारिता 'मिशन' और 'प्रोफेशन' से होते हुए 'कमीशन' की ओर बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि भारत में सहभागी, सहगामी और समन्वय लोकतंत्र है। समाचार पत्रों में अलग-अलग आवश्यकता के हिसाब से अलग उम्र के लिए अलग विशेषांक निकाले जा रहे हैं। मीडिया के दायित्ववान लोगों को स्वत: नियमन लाने का प्रयास करना चाहिए। लोकतंत्र में अधिकार के साथ-साथ स्वनियमन का दायित्व भी अंगीकार करना चाहिए। पत्रकारिता के अंदर जनभावना, जन सहभागिता को बढ़ाने की जरूरत है। संवादहीनता के कारण कभी-कभी ठीक तरीके से सत्य बाहर नहीं आ पाता। मीडिया को चाहिए उस सत्य को समाज तक पहुंचाए। कार्यक्रम में 'अंत्योदय की ओर' विषय पर बोलते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह वर्ष अंत्योदय और एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी का जन्मशताब्दी वर्ष है। केंद्र और राज्य सरकारें अंत्योदय को आगे बढ़ाने का काम कर रही हैं। उन्होंने कांवड़ यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि इस बार चार करोड़ कांवड़ यात्रियों ने सहभागिता की। सभी शिवभक्तों ने यह यात्रा बिना किसी व्यवधान के पूरी की। कांवड़ यात्रा के दौरान कई अधिकारियों ने सुझाव दिया कि कांवड़ यात्री यात्रा के दौरान लाउडस्पीकर आदि नहीं बजाएं, ऐसा कोई नियम लाया जाए। मैंने कहा कि अगर ऐसा प्रतिबंध लगाना चाहते हैं तो सभी धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटेंगे। अगर ऐसा कर सकते हो तो ठीक है। इसलिए अगर हम सड़क पर होती नमाज को नहीं रोक सकते तो सड़क पर शोभायात्रा को क्यों रोकें। -प्रतिनिधि
'राजनीतिक संरक्षण में हो रही केरल में हत्याएं'
पिछले दिनों हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, हिमाचल में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा 'केरल सरकार द्वारा पोषित वामपंथी आतंक' विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री श्रीनिवास उपस्थित थे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि केरल में लगातार हो रही राजनीतिक हिंसा से लोकतंत्र की हत्या हो रही है। केरल के वामपंथी अब तक 300 से अधिक लोगों की बलि ले चुके हैं और यह सारा खेल राजनीतिक संरक्षण में हो रहा है। हाल ही में संघ के स्वयंसेवक राजेश की हत्या का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कम्युनिस्ट गंुडों ने राजेश की नृशंसतापूर्वक हत्या की। इस हत्या ने मानवीय संवेदनाओं को तार-तार कर दिया। वामपंथी हत्यारों ने उनके शरीर के 69 टुकड़े किए। इतना ही नहीं, शव के टुकड़ों को उनके मासूम बच्चे के पास फेंक दिया जो क्रूरता की पराकाष्ठा है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय का जिक्र करते हुए कहा कि यहां देवभूमि में भी वामपंथी विचारधारा रक्तरंजित इतिहास रच रही है। ऐसे में आने वाली पीढ़ी को इनकी हिंसावादी विचारधारा को पहचानने की जरूरत है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे श्री आई़ डी़ भंडारी ने कहा कि वामपंथी केरल में ही पहली बार सत्ता में आये और उसके बाद से संघ विचारधारा से उनके हिंसात्मक मतभेद हो गए। विचारधारा से मतभेद होना लोकतंत्र में सामान्य बात है, पर दूसरी विचारधारा को टिकने ही नहीं देना लोकतांत्रिक मूल्यों के बिल्कुल विपरीत है। उन्होंने कहा कि वामपंथी कन्नूर मॉडल को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं जो किसी भी लोकतांत्रिक देश के लिए सही नहीं है। (विसंकें, शिमला)
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