अक्साईचिन से बोफर्स तक नेहरू वंश ने किया सुरक्षा से खिलवाड़
May 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

अक्साईचिन से बोफर्स तक नेहरू वंश ने किया सुरक्षा से खिलवाड़

by
Jul 24, 2017, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 24 Jul 2017 12:13:52

तरुण विजय
नेहरू हिन्दी-चीनी भाई-भाई कहते रहे और चीन साम्राज्यवादी नीति पर बढ़ता रहाजनस्मृति बहुत क्षीण होती है। जो कांग्रेसी आज कह रहे हैं कि देश उनकी वजह से आजाद हुआ, उन्हें बताना चाहिए कि उनकी वजह से देश बंटा। आजाद हुआ तो सुभाष बोस और भगत सिंह जैसे क्रांतिकारियों के कारण जो कभी कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण नहीं रहे। 15 अगस्त, 1947 को खंडित एवं निर्दोष भारतीयों के रक्त से स्नात भारत अभी संभला भी न था कि सितंबर में पाकिस्तान ने हमला किया और फिर चीन ने अक्साईचिन हड़प लिया। नेहरू के कारण भारत ने 1.25 लाख वर्ग किमी. भूमि पाकिस्तान और चीन के हाथों जाने दी। मुझे आश्चर्य होता है कि  70 वर्ष बीत गए लेकिन कभी नेहरूवंशीय कांग्रेस को कठघरे में खड़ा कर यह सवाल नहीं पूछा गया कि स्वतंत्र भारत की सवा लाख वर्ग किमी. जमीन जो चीन और पाकिस्तान के हाथों गंवा दी गई, उसके बारे में कांग्रेस पार्टी ने कितने प्रस्ताव पारित किए, कितने चुनाव घोषणापत्रों में उस भूमि को वापस लेने का संकल्प व्यक्त किया। यह तो केवल अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल में सीमा विवाद को चर्चा के माध्यम से हल करने के लिए आयोग बनाया गया। वरना कांग्रेस तो इसे ‘भूला हुआ विषय’ मान बैठी थी।
नेहरू के प्रधानमंत्रित्व काल में भारतीय जनसंघ के प्रथम अध्यक्ष डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी का श्रीनगर में रहस्यमय परिस्थिति में देहांत हुआ। इस पर लोकसभा में चर्चा करते हुए अटल बिहारी वाजपेयी ने उसे नेहरू-शेख अब्दुल्ला दुरभिसन्धि से हुई ‘हत्या’ कहा था।
नेहरू की चीन के साथ मायावी मित्रता का भारत को बहुत बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ा। 1948 में भारत को सुरक्षा परिषद् की सदस्यता मिल रही थी, लेकिन कम्युनिस्ट चीन से मित्रता के लोभ  में नेहरू  ने न केवल राष्ट्रसंघ की सदस्यता हेतु उसका समर्थन किया, बल्कि सुरक्षा परिषद् की सीट दिलवाई।
1962 और तैयारी ऐसी कि जवानों के पास न तो सर्दी के जूते और न जुराबें, और न ही हथियार। जनरल कौल की अक्षमता और नेहरू की अव्यावहारिक नीति ने नेफा और लद्दाख में चीनी शिंकजे को कसने दिया और नेहरू ने हारे हुए मन से आॅल इंडिया रेडियो से असम के तेजपुर निवासियों को ‘विदा’ ही दे दी थी। उस युद्ध में भारतीय सेना जीती, मेजर शैतान सिंह का शौर्य, राइफलमैन जसवंत सिंह रावत का पराक्रम रक्त से लिखी गौरव गाथा है।
स्वतंत्र भारत का पहला भ्रष्टाचार कांड ‘जीप घोटाला’ नाम से  कुख्यात है। पाकिस्तान ने कश्मीर पर हमला कर दिया था, सेना के पास जीपें नहीं थीं। तुरंत किसी भी कीमत पर जीपें खरीदने का आदेश दिया गया। तब लंदन में भारतीय उच्चायुक्त टी.टी. कृष्णमाचारी थे। विली मार्का जीपें खरीदी गर्इं। युद्ध समाप्त होने के 18 माह बाद जीपें आर्इं। संसद उस कांड से हिल उठी थी। यह भी नेहरू की देन है। हिंदू मन और हिंदू जीवन पद्धति से इतनी घृणा कि नेहरूवाद वस्तुत: अहिंदूवाद में तब्दील हो गया। तत्कालीन मीडिया पर नेहरू का इतना एकाधिकारवादी शिकंजा था कि नेहरू समर्थक विचार के अलावा और कुछ छपता ही न था। यही कारण रहा कि रा.स्व.संघ के तत्कालीन सरसंघचालक श्री म.स. गोलवलकर ने देश की विभिन्न भाषाओं में राष्ट्रीयता के विचारों को महत्व देने वाली पत्र-पत्रिकाओं के प्रकाशन को आरंभ करवाया।
कांग्रेस ने कभी राष्ट्र द्वारा सम्मानित एवं जन-मन में लोकप्रिय कांग्रेसी नेताओं को अपनी ‘नक्षत्र-धारा’ का अंग नहीं बनाया। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, सरदार पटेल, पुरुषोत्तम दास टण्डन, डॉ. सम्पूर्णानंद, मा. मुंशी, लाल बहादुर शास्त्री जैसी अनेक विभूतियां केवल प्रखर राष्ट्रीयता के भाव के कारण जनप्रिय हुईं एवं उन्हें असीम जन-सम्मान मिला परंतु नेहरू वंशीय कांग्रेसी नेतृत्व ने उन्हें नकार दिया। उन्हें कभी भी नेहरू-गांधी खानदानी नेतृत्व के समकक्ष सम्मान नहीं दिया।
नेहरू-गांधी वंश के नेतृत्व ने न केवल भारत की भूमि शत्रुओं के हाथों गंवायी, बल्कि भ्रष्टाचार को संस्थागत रूप दिया। जीप घोटाला, मूंधड़ा घोटाला, बीमा घोटाला, नागरवाला कांड, ललित नारायण मिश्र हत्याकांड, कश्मीर समस्या का जन्म, धारा 370 लगाना, जम्मू-कश्मीर को दूसरे ध्वज की अनुमति, विदेशी धन और मन पर पले कम्युनिस्टों से दोस्ती और देशभक्त रा.स्व.संघ पर प्रतिबंध, आपात्काल लगाकर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कुचलना और लोकतंत्र के प्रहरियों पर अमानुषिक अत्याचार, बोफर्स घोटाला, पनडुब्बी घोटाला, अंतरिक्ष कंपनी घोटाला, कोयला खदानों का भयानक घोटाला, 2 जी, 3 जी घोटाला… यह सूची अनंत है। यह सब केवल और केवल नेहरू-गांधी वंशजों के सत्तासुख के लिए देशभर पर किए गए आघात हैं।
इस देश की राजनीतिक काया भले ही सेकुलर राजनीति की हो, लेकिन भारत का मन शुद्ध, प्रबुद्ध हिंदू है। कांग्रेस ने इस हिंदू मन पर आघात किए। हिंदूबहुल देश में हिंदू जीवन और प्रतीकों की  चर्चा अपराध बना दी गईं। यह हिंदू मानस की उदारता का ही परिणाम है कि विदेशी मूल की एक ईसाई सत्ता शिखर पर रहे, यह भी स्वीकार हो गया। किसी अन्य देश में तो यह अकल्पनीय ही होगा। इसके बावजूद हिंदू जीवनपद्धति एवं हिंदू धर्मावलंबियों के प्रति कांग्रेस के नेहरूवंशीय नेतृत्व की वितृष्णा और दुष्ट-दृष्टि सदैव प्रभावी रही। इसी के विरुद्ध जनमानस में जिस राष्ट्रीयता के प्रबल प्रवाह का उद्रेक हुआ, उसने नेहरू कांग्रेस को हाशिए पर ठिठकी पाल-कुश्ती में बदल दिया है। जो जहां जाती है वहीं कांग्रेस का भविष्य सुखाती है। इसी के लिए एक शायर ने लिखा था- ‘तेरे लब ये हैं,  इराके शामों मिस्रों रोमों चीं (चीन)’ लेकिन अपने ही वतन के नाम से
वाकिफ नहीं।    (लेखक पूर्व राज्यसभा सांसद हैं)

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

jammu kashmir SIA raids in terror funding case

कश्मीर में SIA का एक्शन : पाकिस्तान से जुड़े स्लीपर सेल मॉड्यूल का भंडाफोड़, कई जिलों में छापेमारी

बागेश्वर बाबा (धीरेंद्र शास्त्री)

पाकिस्तान बिगड़ैल औलाद, जिसे सुधारा नहीं जा सकता : पंडित धीरेंद्र शास्त्री

शतरंज खेलना हराम है… : तालिबान ने जारी किया फतवा, अफगानिस्तान में लगा प्रतिबंध

चित्र प्रतीकात्मक नहीं है

पाकिस्तान पर बलूचों का कहर : दौड़ा-दौड़ाकर मारे सैनिक, छीने हथियार, आत्मघाती धमाके में 2 अफसर भी ढेर

प्रतीकात्मक चित्र

पाकिस्तान में बड़ा हमला: पेशावर में आत्मघाती विस्फोट, बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सैनिकों के हथियार छीने

स्वामी विवेकानंद

इंदौर में स्वामी विवेकानंद की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी स्थापित, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किया भूमिपूजन

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

jammu kashmir SIA raids in terror funding case

कश्मीर में SIA का एक्शन : पाकिस्तान से जुड़े स्लीपर सेल मॉड्यूल का भंडाफोड़, कई जिलों में छापेमारी

बागेश्वर बाबा (धीरेंद्र शास्त्री)

पाकिस्तान बिगड़ैल औलाद, जिसे सुधारा नहीं जा सकता : पंडित धीरेंद्र शास्त्री

शतरंज खेलना हराम है… : तालिबान ने जारी किया फतवा, अफगानिस्तान में लगा प्रतिबंध

चित्र प्रतीकात्मक नहीं है

पाकिस्तान पर बलूचों का कहर : दौड़ा-दौड़ाकर मारे सैनिक, छीने हथियार, आत्मघाती धमाके में 2 अफसर भी ढेर

प्रतीकात्मक चित्र

पाकिस्तान में बड़ा हमला: पेशावर में आत्मघाती विस्फोट, बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सैनिकों के हथियार छीने

स्वामी विवेकानंद

इंदौर में स्वामी विवेकानंद की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी स्थापित, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किया भूमिपूजन

भारत की सख्त चेतावनी, संघर्ष विराम तोड़ा तो देंगे कड़ा जवाब, ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के 3 एयर डिफेंस सिस्टम ध्वस्त

Operation sindoor

थल सेनाध्यक्ष ने शीर्ष सैन्य कमांडरों के साथ पश्चिमी सीमाओं की मौजूदा सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की

राष्ट्र हित में प्रसारित हो संवाद : मुकुल कानितकर

Jammu kashmir terrorist attack

जम्मू-कश्मीर में 20 से अधिक स्थानों पर छापा, स्लीपर सेल का भंडाफोड़

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies