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अंग्रेजों के जमाने से ही अमदाबाद उद्योग के लिए जाना जाता है। यहां के कारोबारियों ने पूरी दुनिया में अपनी एक अलग साख बनाई है।
अमदाबाद देश का छठा और गुजरात का सबसे बड़ा शहर है। बहुत पहले से दुनिया में इसकी पहचान वस्त्र उद्योग के लिए है। अब इसे दवाई निर्माण के लिए भी जाना जाने लगा है। अमदाबाद और उसके आसपास की जलवायु कपास उत्पादन के लिए उपयुक्त है। इसलिए 19वीं शताब्दी में अंग्रेजों ने यहां कपड़ा उद्योग शुरू किया था। उस समय कपड़ा उद्योग में काम करने के लिए देश के अनेक हिस्सों से लगभग 1,000 मजदूरों को अमदाबाद लाया गया था। इसके बाद तो इस शहर में वस्त्र उद्योग खूब फला-फला। एक समय ऐसा भी आया कि अमदाबाद को ‘भारत का मैनचेस्टर’ कहा जाने लगा। बाद में कुछ ऐसे कारण रहे जिनसे यहां का वस्त्र उद्योग अपनी पहचान खोने लगा था। लेकिन अब फिर से वहां के कपड़ा उद्योग ने अपनी धाक जमानी शुरू कर दी है।
अमदाबाद में प्रतिवर्ष 1.4 अरब मीटर डेनिम का उत्पादन होता है। 14,000 करोड़ रुपए का सालाना कारोबार है। लगभग 4,000 करोड़ रुपए का डेनिम निर्यात होता है।
—गगनदीप सिंह, डेनिम कारोबारी
अमदाबाद में दवा बनाने वाली छोटी-बड़ी 3200 इकाइयां हैं। इनमें एलोपैथिक, आयुर्वेदिक, यूनानी सभी तरह की दवाइयां बनती हैं।
-डॉ. आर.एस. जोशी, कार्यकारी सचिव, आईडीएमए, गुजरात इकाई
इस समय अमदाबाद में 60 से अधिक कपड़ा मिलें हैं। इन मिलों से लगभग 4,50,000 लोगों को रोजगार मिला है। अमदाबाद में डेनिम का उत्पादन सबसे अधिक होता है। इसलिए इसे डेनिम की राजधानी कहा जाता है। डेनिम कारोबारी गगनदीप सिंह ने बताया, ‘‘अमदाबाद में प्रतिवर्ष 1.4 अरब मीटर डेनिम का उत्पादन होता है। 14,000 करोड़ रुपए का सालाना कारोबार है। लगभग 4,000 करोड़ रुपए का डेनिम निर्यात होता है।’’ भारत की सबसे बड़ी डेनिम निर्माता कंपनी है नंदन डेनिम। चिरिपाल ग्रुप की इस कंपनी का अमदाबाद में ही कारोबार है। कंपनी की सचिव पूर्वी राय ने बताया, ‘‘कंपनी का सालाना कारोबार 1,220 करोड़ रुपए का है। इसका माल 27 देशों में जाता है और 3,000 लोग काम करते हैं।’’
अमदाबाद में अरविंद मिल बहुत ही पुरानी है। इसी ने सबसे पहले डेनिम बनाना शुरू किया था। डेनिम के क्षेत्र में असिमा ग्रुप का भी अच्छा-खासा नाम है।
भारत से जितनी भी वस्तुएं निर्यात होती हैं उसमें सबसे अधिक हिस्सा वस्त्रों का है, जो कुल निर्यात का 11 प्रतिशत है। कपड़ा उद्योग के कारण भारत 27 प्रतिशत विदेशी मुद्रा कमाता है। वस्त्र उद्योग से लगभग 45 करोड़ लोगों का रोजगार चलता है। इसमें अमदाबाद का बहुत बड़ा योगदान है।
यह शहर दवा निर्माण के क्षेत्र में भी काफी आगे हो चुका है। यहां एलोपैथिक, आयुर्वेदिक, यूनानी हर तरह की दवाइयां बनती हैं। इंडियन ड्रग मैनुफैक्चरर्स एसोसिएशन, गुजरात इकाई के कार्यकारी सचिव डॉ. आर.एस. जोशी ने बताया,‘‘अमदाबाद में दवा बनाने वाली छोटी-बड़ी 3200 इकाइयां हैं। इनमें लगभग 10 लाख लोग काम करते हैं।’’
देश के अनेक राज्यों के कारोबारी अमदाबाद में कारोबार कर रहे हैं। खासकर, कपड़ा और दवा के क्षेत्र में इन कारोबारियों ने एक नई पहचान बनाई है। इसका लाभ देशवासियों को मिल रहा है। ल्ल
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