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गत दिनों नई दिल्ली के इंदिरा गांधी राष्टÑीय कला केंद्र में ‘मन की बात- रेडियो पर सामाजिक क्रांति’ पुस्तक पर परिचर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। वरिष्ठ पत्रकार और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के अध्यक्ष श्री रामबहादुर राय एवं नेशनल बुक ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री बल्देव भाई शर्मा कार्यक्रम में प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। इस अवसर पर श्री रामबहादुर राय ने कहा कि देश में स्वामी विवेकानंद की धारा से पुनर्जागरण का एक दौर शुरू हुआ था जिससे हमें आजादी मिली थी और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह पुनर्जागरण का एक नया दौर है जो देश को एक नये सांचे में गढ़ने वाला साबित होगा। एक सत्र में श्री बल्देव भाई शर्मा ने कहा कि भारत के मन को पकड़ने का पहली बार किसी ने प्रयास किया है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने। प्रसिद्ध लोकगायिका और पद्मश्री मालिनी अवस्थी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात पारिवारिक और सामाजिक संस्कार को नये सिरे से स्थापित कर रही है
जो देश की भावी पीढ़ियों को भी संजोने का काम करेगी।
प्रख्यात शास्त्रीय नृत्यांगना सोनल मान सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतवासियों के अंदर स्वाभिमान को भरकर उनकी पीठ को सीधा करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि मन की बात करते हुए पीएम मोदी एक भाई, मित्र, पिता और अभिभावक हर तरह की भूमिका में नजर आते हैं। परिचर्चा का संचालन वरिष्ठ पत्रकार और कई पुस्तकों के लेखक हरीश चंद्र बर्णवाल ने किया। उन्होंने कहा कि ‘मन की बात’ रेडियो पर प्रसारित होने वाला एक ऐसा कार्यक्रम है जिसके बारे में देश के 90 फीसद से ज्यादा लोग परिचित हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री के मन की बात को अपनी किताब कि ‘‘मोदी सूत्र की उस लाइन के साथ जोड़ा कि यह अंधेरे में चलते इनसान के लिए एक मशाल है।’’ ल्ल प्रतिनिधि
जिहादी तत्वों पर कड़ी कार्रवाई करे सरकार
पिछले दिनों कश्मीर में अमरनाथ दर्शन कर लौट रही बस पर अनंतनाग के पास जिहादियों ने हमला किया, जिसमें 7 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। विश्व हिन्दू परिषद ने इस आतंकी घटना पर कड़ी निंदा व्यक्त की है। एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर अन्तरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष श्री प्रवीण भाई तोगड़िया ने कहा कि सम्पूर्ण विश्व जिहादी आतंक के दुष्ट और भयंकर हमलों से पिछले कई दशकों से त्रस्त है। जिहादी आक्रामकों के विनाशकारी हमलों के कारण भारत जिहादी आतंक से वर्षों से पीड़ित है। आज आधुनिक युग में जिहादी आतंक का बाहरी स्वरूप बदला है। लेकिन उनकी जिहादी विचारधारा और क्रूरता वैसी ही है। विश्व हिन्दू परिषद् भारत सरकार से मांग करती है कि ऐसे तत्वों पर कड़ी कार्रवाई करके उनका सफाया करे। तभी समाज में शांति स्थापित होगी। ल्ल
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