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‘‘राष्टÑ सेविका समिति का यह पूर्ण विश्वास है कि भारत बाहरी खतरों का मुकाबला करके उनको परास्त करने में सक्षम है। विश्व की सर्वश्रेष्ठ सेनाओं में से एक भारत की सेना किसी भी खतरे से भारत की सीमाओं की रक्षा कर सकती है, परन्तु भारत की आन्तरिक सुरक्षा के बारे में देश के नागरिक चिंतित हैं।’’ यह कहना है राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका शांतक्का जी का।
वे गत दिनों नागपुर के धंतोली में राष्टÑ सेविका समिति की अखिल भारतीय कार्यकारिणी एवं प्रतिनिधिमंडल की तीन दिवसीय बैठक के समापन समारोह में बोल रही थीं। उन्होंने कहा कि आज देश में प्रतिदिन कोई न कोई ऐसी घटना हो रही है जो देश की आन्तरिक सुरक्षा के प्रति खतरा बन जाती है। जिहादी, माओवादी प्रेरित आतंकवादी काफी समय से राष्टÑ विरोधी गतिविधियों में संलग्न हैं। दुर्भाग्य से अब बौद्धिक आतंकवादियों के संरक्षण में न केवल इनकी गतिविधियां बढ़ रही हैं, अपितु ये सब मिलकर एक राष्टÑघाती माफिया के रूप में काम कर रहे हैं।
भारत में जिहादी आतंकवाद का दुष्परिणाम भारत के विभाजन के रूप में भोगा जा चुका है। स्वतन्त्र भारत में कश्मीर से प्रारम्भ हुए आतंकवाद ने सम्पूर्ण देश को अपनी चपेट में ले लिया है। उन्होंने कहा कि राष्टÑ सेविका समिति देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा निर्माण करने वाले इन सभी तत्वों की गतिविधियों पर चिंता व्यक्त करती है। वह भारत के समस्त राष्टÑ भक्त समाज का आह्वान करती है कि इनकी चुनौतियों का जवाब देने के लिए तत्पर रहें। (विसंकें, नागपुर)
‘संघ का काम व्यक्ति निर्माण करना’
‘‘संघ का काम व्यक्ति को राष्टÑ सेवा और साधना के लिये तैयार करना है, इसके लिए उसमें वे सारे गुण आ जाने चाहिए, जिनसे राष्टÑ निर्माण की बाधाएं दूर हो सकें।’’ उक्त बातें राष्टÑीय स्वयंसेवक संघ के मध्य क्षेत्र शारीरिक प्रमुख श्री विलास गोले ने कहीं। वे पिछले दिनों भोपाल के मानसरोवर सभाकक्ष में वरिष्ठ साहित्यकर श्रीधर पराड़कर के सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि ‘श्री पराड़कर से ग्वालियर में मेरा संपर्क एक कार्यकर्ता के नाते हुआ। जब वे शासकीय सेवा में थे। महात्मा गांधी की हत्या का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 1948 में महात्मा गांधी की हत्या का आरोप लगाकर संघ पर प्रतिबंध लगा दिया था, इस तरह से संघ को नष्ट करने का प्रयास किया गया, लेकिन पराड़कर जी जैसे कर्मठ, निस्वार्थभावी, देश सेवा करने वाले सुिधजनों की देन है कि आज संघ संसारभर में फल फूल रहा है। विधानसभा अध्यक्ष डॉ.सीतासरन शर्मा जी ने कहा कि साहित्य में सबकुछ सही था, लेकिन वामपंथी विचारधारा ने सब कुछ बिगाड़ दिया। कार्यक्रम में अपने सम्मान पर श्री श्रीधर पराड़कर ने कहा कि ‘जब ड़ॉ. हेडगेवार ने संघ की स्थापना की तो लोग पूछते थे कि संघ क्या करेगा? डॉ़ साहब कहते थे कि जो कुछ करना है, स्वयंसेवक वह सब करेंगे। और आप देख ही रहे हैं कि स्वयंसेवक आज देश में शीर्ष स्थानों पर बैठकर देश और समाज हित कार्य कर रहे हैं। (विसंकें, भोपाल)
‘राष्ट्र निर्माण में संतों की महती भूमिका’
पिछले दिनों विश्व हिन्दू परिषद के प्रांतीय मार्गदर्शक मण्डल की बैठक जयपुर में श्री सियारामदासजी महाराज की बगीची में सम्पन्न हुई। बैठक में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए विहिप के केन्द्रीय मंत्री श्री अशोक तिवारी ने कहा कि राष्टÑ निर्माण में संतों की भूमिका का बड़ा महत्व है। संतों के मार्गदर्शन से ही हिन्दू समाज का विकास होगा। हिन्दुत्व व समाज के विकास के लिये संतों को आगे आना चाहिए। बैठक की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध संत अमृतरामजी ने की तथा क्षेत्रीय धर्माचार्य सम्पर्क प्रमुख श्री राधेश्याम गौतम मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। प्रतिनिधि
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