चौथा स्तम्भ / नारद : कब तक चलेगा यह शुतुरमुर्गी रवैया?
July 14, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

चौथा स्तम्भ / नारद : कब तक चलेगा यह शुतुरमुर्गी रवैया?

by
Jun 26, 2017, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 26 Jun 2017 10:11:56

'भगवा आतंकवाद' पर बीते एक दशक में हुई कथित खोजी पत्रकारिता की पोल पट्टी खुल रही है। जिन चैनलों, पत्रिकाओं और अखबारों ने नकली सबूतों और झूठे गवाहों के दम पर यह साबित करने की कोशिश की थी कि 'हिंदू संगठनों ने आतंकवादी हमले करवाए, वे अपना मुंह छिपाकर दुबके हुए हैं।' इंडिया टीवी और टाइम्स नाऊ पर यह रिपोर्ट सामने आई कि 2007 में हुए समझौता एक्सप्रेस विस्फोट के मामले में तब की सरकार में बैठे लोगों ने देश के साथ गद्दारी की। धमाकों के बाद पकड़े गए दो पाकिस्तानी संदिग्धों को छुड़वाकर इस मामले में हिंदू संगठनों को फंसाया गया। यह वही दौर था जब एनडीटीवी और कुछ कांग्रेस प्रायोजित पत्र-पत्रिकाओं में फर्जी इंटरव्यू और नकली खुलासे हुआ करते थे। यह सिलसिला 2014 के लोकसभा चुनाव तक जारी रहा था। अब जब इन इंटरव्यू और खुलासों की सच्चाई सामने आ रही है तब वे मीडिया संस्थान और पत्रकार कहां हैं? क्या इसकी जांच नहीं होनी चाहिए कि इन मीडिया संस्थानों ने हिंदुओं को आतंकवादी साबित करने की सुपारी किससे ली थी?
रिपब्लिक टीवी ने स्टिंग ऑपरेशन के जरिए दिखाया कि कैसे कुछ एनजीओ पैसे लेकर फर्जी विरोध-प्रदर्शन करते हैं। कोई बांध बने या बिजली घर, देश के लिए जरूरी हर परियोजना का विरोध करने वाले इन एनजीओ की सच्चाई सबने अपनी आंखों से देख ली। एनजीओ के इस रैकेट में चर्च सक्रिय भूमिका निभाता रहा है, लेकिन अब तक कुछ अज्ञात कारणों से मीडिया उनका नाम लेने से बचता रहा है।
बंगाल में ममता बनर्जी सरकार ने एक कट्टरपंथी मुसलमान को हुगली जिले के तारकेश्वर मंदिर एरिया बोर्ड का चेयरमैन बनाया। यह शख्स अपने चुनाव क्षेत्र को 'मिनी पाकिस्तान' कहने के लिए चर्चा में आ चुका है। स्थानीय अखबारों से यह खबर सोशल मीडिया तक पहुंची, लेकिन दिल्ली के तथाकथित मुख्यधारा मीडिया को इसमें कोई 'बड़ी बात' नजर नहीं आई। टाइम्स नाऊ चैनल ने बीते हफ्ते पहली बार यह रिपोर्ट दिखाई, उसके बाद भी तथाकथित सेकुलर मीडिया कान बंद किए पड़ा है। ममता के राज में बंगाल में तेजी से इस्लामीकरण चल रहा है। यह फैसला भी उसी की कड़ी है।
कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में हुई प्रायोजित हिंसा को खूब तूल देने वाले मीडिया ने बंगाल के दार्जिलिंग में गोरखा प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी को लेकर चुप्पी साध ली। यह प्रश्न गायब दिखा कि मालदा और दूसरी जगहों पर बांग्लादेशी घुसपैठियों पर नरमी बरतने वाली ममता सरकार गोरखा आंदोलनकारियों को लेकर इतनी निर्मम क्यों है?
उधर राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को लेकर मीडिया में अजीबोगरीब बेचैनी देखने को मिली। कई बड़े पत्रकारों की तरफ से रामनाथ कोविंद पर तरह-तरह की अभद्र टीका-टिप्पणियों का सिलसिला जारी है। बिहार के राज्यपाल जैसे पद पर रहे और अनावश्यक विवादों और प्रचार से दूर रामनाथ कोविंद को 'लुटियंस पत्रकारों' ने ऐसा साबित करने की कोशिश की मानो वे किसी दूसरी दुनिया से आए हों। दिल्ली के मीडिया का यही अभिजात्य चरित्र है, जिसका शिकार गांव-देहात और गरीबी से संघर्ष करके आने वालों को होना पड़ता है।
अखलाक, पहलू खान की कड़ी में मीडिया ने इस बार राजस्थान में एक नई कहानी गढ़ी। दिल्ली के अंग्रेजी अखबारों के जरिए दावा किया गया कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत काम करने वालों ने जफर नाम के एक शख्स को पीट-पीटकर मार डाला। सरकारी योजनाओं और फैसलों को बदनाम करने का मीडिया का यह अंदाज पुराना है। लेकिन इस बार भी पोल खुल गई। न सिर्फ प्रत्यक्षदर्शियों ने बल्कि पोस्टमार्टम की रिपोर्ट ने भी यह साबित कर दिया कि कोई मारपीट नहीं हुई और उस आदमी की मौत घर जाने के बाद हृदय गति रुकने से हुई।
इसी तरह बीते हफ्ते सभी चैनलों पर खबर चली कि सरकार ने जमीन के दस्तावेजों को आधार से जोड़ने का आदेश दिया है। महीने भर के अंदर यह काम नहीं करने वालों की जमीन-जायदाद को बेनामी घोषित कर दिया जाएगा। चैनलों ने कैबिनेट सेक्रेटरी के दस्तखत वाला एक आदेश भी दिखाया। बाद में पता चला कि यह दस्तावेज फर्जी है और किसी ने अफवाह फैलाने के उद्देश्य से इसे बंटवाया था। कुछ ही घंटों में चैनलों ने खबर वापस ले ली, लेकिन इस मामले ने मीडिया की असलियत को सामने ला दिया। वस्तुत: अखबारों और चैनलों की संपादकीय गुणवत्ता नियंत्रण प्रणाली इतनी कमजोर हो चुकी है कि वे असली और नकली का फर्क भी नहीं कर पाते। यही कारण है कि आएदिन फर्जी सूत्रों और आरटीआई के नकली जवाब के आधार पर खबरें छपती रहती हैं। जब भी ऐसा होता है, पत्रकारीय स्वतंत्रता के तमाम प्रतिष्ठान शुतुरमुर्ग की तरह अपना मुंह रेत में धंसा लेते हैं। उनमें अपनी गलती मानने तक का साहस नहीं होता। मीडिया का ये गैर-जिम्मेदार रवैया लोकतंत्र के लिए अच्छा लक्षण नहीं है।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

नूंह में शोभायात्रा पर किया गया था पथराव (फाइल फोटो)

नूंह: ब्रज मंडल यात्रा से पहले इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद, 24 घंटे के लिए लगी पाबंदी

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

18 खातों में 68 करोड़ : छांगुर के खातों में भर-भर कर पैसा, ED को मिले बाहरी फंडिंग के सुराग

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

नूंह में शोभायात्रा पर किया गया था पथराव (फाइल फोटो)

नूंह: ब्रज मंडल यात्रा से पहले इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद, 24 घंटे के लिए लगी पाबंदी

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

18 खातों में 68 करोड़ : छांगुर के खातों में भर-भर कर पैसा, ED को मिले बाहरी फंडिंग के सुराग

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies