बुद्ध पूर्णिमा पर विशेष - संशय से समाधान की ओर
May 11, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

बुद्ध पूर्णिमा पर विशेष – संशय से समाधान की ओर

by
May 8, 2017, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 08 May 2017 17:02:16

महात्मा बुद्ध की सरल, व्यावहारिक और मन को छू लेने वाली शिक्षाएं व्यक्ति को समाधान की ओर ले जाती हैं। बुद्ध का दर्शन किसी का अनुगामी होना स्वीकार नहीं करता है। यह कहता है -अप्प दीपो भव! अर्थात् अपना दीपक आप बनो। तुम्हें किसी बाहरी प्रकाश की आवश्यकता नहीं है। किसी मार्गदर्शक की खोज में भटकने से अच्छा है कि अपने विवेक को अपना पथप्रदर्शक चुनो। वे कहते हैं- समस्याओं से निदान का रास्ता, मुश्किलों से हल का रास्ता तुम्हारे पास है। सोचो, सोचो और खोज निकालो! इसके लिए मेरे विचार भी यदि तुम्हारे विवेक के आड़े आते हैं, तो उन्हें छोड़ दो। सिर्फ अपने विवेक की सुनो। करो वही जो तुम्हारी बुद्धि को जंचे।
सामान्यतया बाहरी तौर से देखने पर भगवान बुद्ध का चरित्र एक व्यक्ति विशेष की उपलब्धि मानी जा सकती है किन्तु तात्विक दृष्टि से इसे एक क्रांति कहना अधिक समीचीन होगा। करीब 2,500 वर्ष पूर्व इस युगपुरुष के अवतरण युग में अवांछनीयताओं का बोलबाला था। भारतीय वैदिक धर्म अपना शाश्वत स्वरूप खो चुका था। अंधविश्वासों व रूढि़यों को ही धर्म का पर्यायवाची माना जाने लगा था। साधना के नाम पर तांत्रिक वामाचार का बोलबाला था। चारों ओर छाए इस सघन अंधकार को देखा तो राजकुमार सिद्धार्थ की आत्मा छटपटा उठी और उन्होंने अपनी आहुति देकर अंधकार से लड़ने का बीड़ा उठा लिया। गृहत्याग कर कठोर तपश्चर्या से 'बुद्धत्व' प्राप्त करके वे युग की पुकार को पूरा करने की दिशा में चल पड़े।
 लोकमानस में छाए अंधकार को निरस्त करने के लिए सद्ज्ञान की ज्योति जलाना जरूरी होता है। मगर विशाल लक्ष्य की पूर्ति के लिए सहयोगी का भी महत्व होता है। इसलिए उन्होंने अनुयायी बनाए, जिन्हें परिपक्व पाया, उन्हें परिव्राजक बनाकर सद्ज्ञान का आलोक चहुंओर फैलाने की जिम्मेदारी सौंपी। यही था बुद्ध का धर्मचक्र प्रवर्तन अभियान जो उन्होंने वाराणसी के निकट सारनाथ से शुरू किया। तब उनके शिष्यों की संख्या केवल पांच थी, मगर बुद्ध को इसकी चिंता न थी। वे जानते थे कि आदर्श यदि ऊंचे हों और संचालन दूरदर्शितापूर्ण  तो सद्उद्देश्य अंतत: पूर्ण हो ही जाते हैं। बौद्ध मत मध्यम मार्ग के अनुसरण का उपदेश देता है। इसमें कट्टरता नहीं है।  बुद्ध मूलत: एक सुधारवादी थे। उन्होंने हिंदू धर्म में शामिल विकृतियों को दूर किया। बुद्ध का मूल प्रतिपादन सार रूप में तीन सूत्रों में है- बुद्धं शरणं गच्छामि! संघम् शरणं गच्छामि! धम्मं शरणं गच्छामि। अर्थात् हम बुद्धि व विवेक की शरण में जाते हैं। हम संघबद्ध होकर एकजुट रहने का व्रत लेते हैं। हम धर्म की नीति निष्ठा का वरण करते हैं। ये तीन सूत्र  बौद्ध मत के आधार माने जाते हैं।
बुद्ध ने तत्कालीन समाज में व्याप्त कुरीतियों और विसंगतियों का निदान करते हुए कहा कि यदि बुद्धि को शुद्ध न किया गया तो परिणाम भयावह होंगे। उन्होंने चेताया कि बुद्धि के दो ही रूप संभव हैं- कुटिल और करुण। बुद्धि यदि कुसंस्कारों में लिपटी है, स्वार्थ के मोहपाश और अहं के उन्माद से पीडि़त है तो उससे केवल कुटिलता ही निकलेगी, परन्तु यदि इसे शुद्ध कर लिया गया तो उसमें करुणा के फूल खिल सकते हैं। बुद्धि अपनी अशुद्ध दशा में इंसान को शैतान बनाती है तो इसकी परम शुद्ध दशा में व्यक्ति 'बुद्ध' बन सकता है, उसमें भगवत सत्ता अवतरित हो सकती है।
मानव बुद्धि को शुद्ध करने के लिए भगवान बुद्ध ने इसका विज्ञान विकसित किया। इसके लिए उन्होंने आठ बिंदु सुझाए, जो बौद्ध मत के अष्टांग मार्ग के नाम से जाने जाते हैं। आठ चरणों वाली इस यात्रा का पहला चरण है- सम्यक दृष्टि अर्थात् सबसे पहली जरूरत है कि व्यक्ति का दृष्टिकोण सुधरे। हम समझें कि जीवन सृजन के लिए है न कि विनाश के लिए। दूसरा चरण है-सम्यक संकल्प। ऐसा होने पर ही निश्चय करने के योग्य बनते हैं। इसके बाद तीसरा चरण है-सम्यक वाणी यानी हम जो भी बोलें, उससे पूर्व विचार करें। मुंह से निकले शब्द अपने साथ दूसरे या सामने वाले के हितसाधक हों, उनके मन को शांति पहुंचाने वाले हों। चौथा चरण है-सम्यक कर्म। यदि मानव कुछ करने से पूर्व उसके आगे-पीछे के परिणाम के बारे में भली भांति विचार कर ले तो वह दुष्कर्म के बंधन से सदैव मुक्त रहेगा। इसका अगला चरण है-सम्यक आजीविका-यानी कमाई जो भी हो, जिस माध्यम से अर्जित की जाए, उसके रास्ते ईमानदारी के हों, किसी का अहित करके कमाया गया पैसा सदैव व्यक्ति और समाज के लिए कष्टकारी ही होता है। सम्यक व्यायाम- यह छठा चरण है। इसके तहत इस बात की शिक्षा दी गई है कि शारीरिक श्रम और उचित आहार-विहार के द्वारा शरीर को स्वस्थ रखा जाए, क्योंकि अस्वस्थ शरीर से मनुष्य किसी भी लक्ष्य को सही ढंग से पूरा नहीं कर सकता। इसके आगे सातवां चरण है- सम्यक स्मृति। यानी बुद्धि की परिशुद्धि। व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक विकास का यह महत्वपूर्ण सोपान है। इसके पश्चात् आठवां  और अंतिम चरण है- सम्यक समाधि। इस अंतिम सोपान पर व्यक्ति बुद्धत्व की अवस्था प्राप्त कर सकता है। ये आठ चरण मनुष्य के बौद्धिक विकास के अत्यंत महत्वपूर्ण उपादान हैं। मानवीय बुद्धि अशुद्धताओं से जितनी मुक्त होती जाएगी,  उतनी ही उसमें संवेदना पनपेगी और तभी मनुष्य के हृदय में  चेतना के पुष्प खिलेंगे। यही संवेदना संजीवनी आज की महा औषधि है जो मनुष्य के मुरझाए प्राणों में नवचेतना का संचार कर सकती है।        ल्ल पूनम नेगी

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Operation sindoor

थल सेनाध्यक्ष ने शीर्ष सैन्य कमांडरों के साथ पश्चिमी सीमाओं की मौजूदा सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की

राष्ट्र हित में प्रसारित हो संवाद : मुकुल कानितकर

Jammu kashmir terrorist attack

जम्मू-कश्मीर में 20 से अधिक स्थानों पर छापा, स्लीपर सेल का भंडाफोड़

उत्तराखंड : सीमा पर पहुंचे सीएम धामी, कहा- हमारी सीमाएं अभेद हैं, दुश्मन को करारा जवाब मिला

Operation sindoor

अविचल संकल्प, निर्णायक प्रतिकार : भारतीय सेना ने जारी किया Video, डीजीएमओ बैठक से पहले बड़ा संदेश

पद्मश्री वैज्ञानिक अय्यप्पन का कावेरी नदी में तैरता मिला शव, 7 मई से थे लापता

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Operation sindoor

थल सेनाध्यक्ष ने शीर्ष सैन्य कमांडरों के साथ पश्चिमी सीमाओं की मौजूदा सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की

राष्ट्र हित में प्रसारित हो संवाद : मुकुल कानितकर

Jammu kashmir terrorist attack

जम्मू-कश्मीर में 20 से अधिक स्थानों पर छापा, स्लीपर सेल का भंडाफोड़

उत्तराखंड : सीमा पर पहुंचे सीएम धामी, कहा- हमारी सीमाएं अभेद हैं, दुश्मन को करारा जवाब मिला

Operation sindoor

अविचल संकल्प, निर्णायक प्रतिकार : भारतीय सेना ने जारी किया Video, डीजीएमओ बैठक से पहले बड़ा संदेश

पद्मश्री वैज्ञानिक अय्यप्पन का कावेरी नदी में तैरता मिला शव, 7 मई से थे लापता

प्रतीकात्मक तस्वीर

घर वापसी: इस्लाम त्यागकर अपनाया सनातन धर्म, घर वापसी कर नाम रखा “सिंदूर”

पाकिस्तानी हमले में मलबा बनी इमारत

‘आपरेशन सिंदूर’: दुस्साहस को किया चित

पंजाब में पकड़े गए पाकिस्तानी जासूस : गजाला और यमीन मोहम्मद ने दुश्मनों को दी सेना की खुफिया जानकारी

India Pakistan Ceasefire News Live: ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य आतंकवादियों का सफाया करना था, DGMO राजीव घई

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies