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' सबसे बड़ी उपलब्धि : मंडी सुधार प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए ई-मंडी पायलट प्रोजेक्ट शुरू, जिसमें 8 राज्यों की 21 मंडियां शामिल हैं। इससे एक ही राज्य की अलग-अलग मंडियों के अलग-अलग नियम एवं लाइसेंस में एकरूपता लाने में सफलता मिली है। अब तक 12 राज्यों की 365 मंडियों से प्रस्ताव मिले।
' लक्ष्य : नई खाद नीति के तहत घरेलू उत्पादन और ऊर्जा दक्षता बढ़ाना और खाद उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाना। कृषि लागत मूल्य में हो रही वृद्धि में कटौती और उपज का उचित मूल्य दिलाना। 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करना। 'एक राष्ट्र-एक मंडी' के तहत मार्च 2018 तक देश की 585 मंडियों को ई-प्लेटफॉर्म पर लाने की भी योजना है।
' महत्वाकांक्षी योजनाएं : जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए 'परंपरागत कृषि विकास योजना' और पूर्वोत्तर क्षेत्र में जैविक खेती व जैविक उत्पाद के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजना। गांवों में निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए ग्राम ज्योति योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना, मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन योजना, राष्ट्रीय कृषि मंडी।
' नया मंत्र : हर खेत में सुरक्षात्मक सिंचाई के साधन हों उपलब्ध और पानी की 'हर बूंद के बदले मिले अधिक पैदावार'
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