बदलने लगा है माहौल
July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

बदलने लगा है माहौल

by
Apr 3, 2017, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 03 Apr 2017 13:12:21

मूलत: सफल चीजों की नकल होती है। सो, ऐसे वक्त जब तमिलनाडु के कोयम्बटूर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में संघ के सांगठनिक विस्तार और व्यापक सामाजिक स्वीकार्यता के वृत रखे जा रहे थे, उसी वक्त कहीं और एक अन्य अकुलाहट किसी को बेचैन किए थी। …संघ इतना सफल है तो क्यों न एक संघ ही बना लिया जाए? कितना अद्भुत विचार है! है न!
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व ओलंपियन असलम शेर खान ने इस संगठन की स्थापना की घोषणा भी कर दी है, नाम होगा राष्ट्रीय कांग्रेस स्वयंसेवक संघ। घोषणा के साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि कांग्रेसी बिल्ले वाले इस संगठन में गणवेश इत्यादि का झंझट नहीं होगा। यानी जो जरा सी दिक्कत थी वह भी पल में दूर…काम भी साफ है। यह संघ मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ चुनाव में कांग्रेस की गुपचुप तरीके से सहायता करेगा।
कितना सरल है न संघ बनाना। काम भी कितना सीधा सा है!
हंसिए मत! जिनके लिए राष्टÑ नहीं, राज ही सबकुछ है वहां आप और किस तरह के प्रयोग की कल्पना कर
सकते हैं?
हर मुद्दे में राजनीति, राजनीति में भी केवल हनक और सत्ता और दल में केवल एक ही परिवार को देखने से पैदा हुए निकट दृष्टि दोष के कारण ऐसी अनूठी सोच स्वाभाविक है।
सपने देखना बुरी बात नहीं है। जो संघ जैसा संगठन खड़ा करना चाहते हैं, उन्हें शुभकामनाएं देनी ही चाहिए किन्तु इसके लिए उन्हें वास्तव में ‘संघ’ होना पड़ेगा। कई लोगों का प्रश्न हो सकता है कि ‘संघ जैसा’ कैसे हुआ जा सकता है? सो, ऐसे में ठीक उत्तर यही बनता है कि बाहर से देखकर संघ की नकल करना मुश्किल है, इसलिए संघ का प्रतिरूप खड़ा करने के इच्छुक लोगों को संघ में इसकी शाखाओं में जाना चाहिए। यही सबसे सरल तरीका है संघ को भीतर तक समझने का। अच्छी बात यह कि देश के सभी प्रांतों में जगह-जगह लगती हजारों शाखाएं नए लोगों को जोड़ने, उनके स्वागत के लिए तैयार हैं। इसमें राजनीति करने वालों का दोष नहीं किन्तु यदि उनको राष्टÑीय स्वयंसेवक संघ में सिर्फ राजनीति समझ आती है तो उनकी यह भ्रांति शाखा के परिचय से सहज दूर हो सकती है।
इस संदर्भ में एक तथ्य कई गलतफहमियां बुहार सकता है। राजनीति ने संघ से जो पहला कार्यकर्ता औपचारिक रूप से मांगा था वह थे पं. दीनदयाल उपाध्याय। आश्चर्य की बात है कि कालांतर में जब वे जनसंघ (भाजपा के पूर्ववर्ती रूप) के अध्यक्ष बने तब वे स्वयं इस पद के इच्छुक नहीं थे। तत्कालीन सरसरंघचालक श्री गुरुजी को अंतत: उनसे यह आग्रह करना पड़ा कि भले साल भर के लिए ही सही किन्तु आपद्धर्म के रूप में वे यह दायित्व स्वीकारें।
यह सिर्फ उदाहरण है जहां संघभाव से प्रेरित स्वयंसेवक की राजनैतिक निस्पृहता और पद व दायित्व में अंतर समझने के भाव की झलक मिलती है। लेकिन केवल एक झलक क्यों? संघ क्या करता है, इससे प्रेरणा पाने वाले संगठन क्या-क्या करते हैं, यह वास्तव में जानने की
बातें हैं।
संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में सम्मिलित प्रमुख संगठनों के कार्यवृत के मुख्य बिन्दु इसमें सहायक हो सकते हैं (देखें पृष्ठ-26, 27)।
बहरहाल, तुच्छ हितों और कोरे परिवारवाद की बजबजाती राजनीति में गोता मारने के लिए कंबल खोज रहे लोग अपने इस अभियान को ‘संघ’ की खोज न ही ठहराएं तो अच्छा।
समाज के साथ, उसकी चिंता और हितों के साथ एकात्म संघ इस राष्टÑ की चरणधूल है, किसी परिवार के पांव पकड़ने वालों के हाथ संघ बनाने का फार्मूला नहीं आएगा।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

मिशनरियों-नक्सलियों के बीच हमेशा रहा मौन तालमेल, लालच देकर कन्वर्जन 30 सालों से देख रहा हूं: पूर्व कांग्रेसी नेता

Maulana Chhangur

कोडवर्ड में चलता था मौलाना छांगुर का गंदा खेल: लड़कियां थीं ‘प्रोजेक्ट’, ‘काजल’ लगाओ, ‘दर्शन’ कराओ

Operation Kalanemi : हरिद्वार में भगवा भेष में घूम रहे मुस्लिम, क्या किसी बड़ी साजिश की है तैयारी..?

क्यों कांग्रेस के लिए प्राथमिकता में नहीं है कन्वर्जन मुद्दा? इंदिरा गांधी सरकार में मंत्री रहे अरविंद नेताम ने बताया

VIDEO: कन्वर्जन और लव-जिहाद का पर्दाफाश, प्यार की आड़ में कलमा क्यों?

क्या आप जानते हैं कि रामायण में एक और गीता छिपी है?

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

मिशनरियों-नक्सलियों के बीच हमेशा रहा मौन तालमेल, लालच देकर कन्वर्जन 30 सालों से देख रहा हूं: पूर्व कांग्रेसी नेता

Maulana Chhangur

कोडवर्ड में चलता था मौलाना छांगुर का गंदा खेल: लड़कियां थीं ‘प्रोजेक्ट’, ‘काजल’ लगाओ, ‘दर्शन’ कराओ

Operation Kalanemi : हरिद्वार में भगवा भेष में घूम रहे मुस्लिम, क्या किसी बड़ी साजिश की है तैयारी..?

क्यों कांग्रेस के लिए प्राथमिकता में नहीं है कन्वर्जन मुद्दा? इंदिरा गांधी सरकार में मंत्री रहे अरविंद नेताम ने बताया

VIDEO: कन्वर्जन और लव-जिहाद का पर्दाफाश, प्यार की आड़ में कलमा क्यों?

क्या आप जानते हैं कि रामायण में एक और गीता छिपी है?

विरोधजीवी संगठनों का भ्रमजाल

Terrorism

नेपाल के रास्ते भारत में दहशत की साजिश, लश्कर-ए-तैयबा का प्लान बेनकाब

देखिये VIDEO: धराशायी हुआ वामपंथ का झूठ, ASI ने खोजी सरस्वती नदी; मिली 4500 साल पुरानी सभ्यता

VIDEO: कांग्रेस के निशाने पर क्यों हैं दूरदर्शन के ये 2 पत्रकार, उनसे ही सुनिये सच

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies