|
उत्तर प्रदेश के आगरा में पिछले दिनों प्रताप शाखा का वार्षिकोत्सव कार्यक्रम प्र्रताप नगर पार्क में मनाया गया। प्रारंभ में स्वयंसेवकों ने योग-व्यायाम, शाखा पर प्रतिदिन खेले जाने वाले खेलों का प्रदर्शन किया। समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित अखिल भारतीय प्रचारक प्रमुख श्री सुरेश चंद्र ने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि एकजुट समाज ही उज्ज्वल राष्ट्र का निर्माण करता है। हम सभी को आज के युवाओं, बच्चों में संस्कार और अनुशासन का समावेश करने का प्रयास करना चाहिए। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व्यक्ति निर्माण के साथ-साथ समाज में समरसता लाने के लिए वषोंर् से कार्य कर रहा है। क्योंकि जब समाज एकजुट रहेगा, तभी राष्ट्र एकजुट होगा। आगरा (विसंकें)
समाज का संगठन करना संघ का कार्य
''संघ राष्ट्र और राष्ट्रीय विचारों का निर्माण करता है, जिससे समाज में समरसता का भाव पैदा होता है।'' उक्त बातें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय शारीरिक शिक्षण प्रमुख श्री सुनील कुलकर्णी ने गत दिनों उत्तर प्रदेश-आगरा स्थित विजय क्लब में विद्यार्थी शाखा के वार्षिकोत्सव में स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि संघ का कार्य चरित्र निर्माण, ध्येयनिष्ठ पवित्रता के साथ ही सभी नागरिकों में राष्ट्र प्रेम को जागृत करते हुए नेतृत्व क्षमता को उत्पन्न करना है। और यह कार्य संघ अपनी स्थापना के दिन से करता चला आ रहा है।
संघ बाल स्वयंसेवकों को मानसिक, शारीरिक व सामाजिक बल प्रदान करता है, जिसके चलते स्वयंसेवकों में समाज के प्रति आत्मीयता का भाव उत्पन्न होता है। उन्होंने पर्यावरण असंतुलन पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पर्यावरण असंतुलन एक बड़ी समस्या के रूप में उभरकर सामने आ रहा है। इसलिए वर्षाकाल में सभी अधिकाधिक वृक्षों का रोपण करें। कार्यक्रम में स्वयंसेवकों ने विभिन्न योग क्रियाएं, गीत, खेल, नियुद्ध, दंडप्रहार, मल्लखंभ योग आदि शारीरिक क्रियाओं का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी सुरेश चंद्र अग्रवाल ने की। प्रतिनिधि
'डॉ. अंबेडकर ने भारत के भविष्य को गढ़ा'
''जो महान राष्ट्र नायक होते हैं वे सुदूर भविष्य का चिंतन करके अपनी रणनीति बनाते हैं और इस कारण जनसामान्य काफी बाद में उनकी बातों को समझ पाता है। डॉ. आंबेडकर ऐसे ही महापुरुष हैं जिनकी दूरदृष्टिता ने भारत के भविष्य को गढ़ा।'' उक्त विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अभिलेखागार प्रमुख श्री मिलिंद ओक ने गत दिनों जबलपुर में एक सार्वजनिक व्याख्यान में व्यक्त किये। डॉ. आंबेडकर के व्यक्तित्व के विविध आयामों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि डॉ. अंाबेडकर के पास साधन नहीं थे परंतु सामाजिक समरसता के लिए उन्होंने नित निरंतर सामाजिक संस्थाएं खड़ी कीं। अध्ययन के दौरान उन्होंने ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा भारत की लूट पर विस्फोटक शोध प्रबंध लिखा था। अर्थशास्त्र पर उनकी गहरी पकड़ थी। वे महान शिक्षाशास्त्री थे। 1945 में उन्होंने पीपल्स एजुकेशन सोसाइटी की स्थापना की जो आज भी बड़ी-बड़ी 40 शिक्षण संस्थाएं चला रही हैं। यह संस्था सामाजिक विज्ञान को स्न्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के रूप में देश में लाने वाली पहली संस्था थी। उन्होंने जनता के प्रबोधन के लिए अखबार निकाले। इसके साथ ही समाज के वंचित वर्ग के लिए सामाजिक तथा राजनैतिक स्तर पर संघर्ष करते रहे। खुद के लिए कुछ भी नहीं चाहा। इस त्याग और संघर्ष ने उन्हें जननायक बनाया। वे अत्यंत सक्षम प्रशासक भी थे। केंद्र सरकार के मंत्री के रूप में पीडब्ल्यूडी मंत्रालय उनके पास था तब उन्होंने सारे देश में हवाई अड्डों का निर्माण अत्यंत तीव्र गति से करवाया। श्री ओक ने कहा कि 1956 में उन्होंने कहा कि देश में लोकतंत्र है। इसे सार्थक बनाने के लिए जनप्रतिनिधियों को प्रशिक्षण देने वाले संस्थान की स्थापना होनी चाहिए। बाद में एकमात्र भारतीय जनता पार्टी ने ही इस सुझाव को अपनाया और ऐसा प्रशिक्षण अपने जनप्रतिनिधियों के लिए प्रारंभ किया। यह अंग्रेजी नीति थी कि भारत में जाति समस्या बनी रहे ताकि वे सदा के लिए राज कर सकें। डॉ. आंबेडकर ने अपना जीवन जाति भेद को समाप्त करने के लिए समर्पित कर दिया। समाज की कुरीतियां अत्यंत जटिल थीं और रूढि़वादी बदलने को तैयार नहीं थे। अंग्रेज इस मौके का फायदा उठाकर वंचित वर्ग को भारत की मूल जड़ों से तोड़ने का षड्यंत्र रच रहे थे। आर्य-अनार्य जैसे झूठी बातें गढ़ी जा रही थीं। पर डॉ. आंबेडकर ने उनके ऊपर कठोर वैचारिक प्रहार किया और बेनकाब किया। उन्होंने अपने सहयोगियों से साफ कहा था कि वे किसी का भी विरोध उसकी जाति के आधार पर नहीं होने देंगे। महाड़ सत्याग्रह में उन्होंने शिवाजी महाराज की जयजयकार करवाई। इस अवसर पर बड़ी संख्या में विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि एवं नागरिक उपस्थित थे। प्रतिनिधि
विश्व में हो रही भारत
मां की जय-जयकार
भारतीय नववर्ष के उपलक्ष्य में रा.स्व.संघ के स्वयंसेवकों ने उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले में तीन स्थानों- ग्रेटर नोएडा, दादरी और झाझर में पथ संचलन निकाला। ग्रेटर नोएडा में संचलन श्रमविहार पार्क गामा-2 से रामपुर जागीर, बीटा 1, जगतफार्म, गामा-1 होते हुए श्रमविहार पार्क में समाप्त हुआ। दादरी नगर के स्वयंसेवकों का संचलन मिहिर भोज स्नातकोत्तर महाविद्यालय से निकलकर रेलवे रोड होते हुए रामवाटिका मोड़ से नगर पालिका होते हुए महाविद्यालय प्रांगण में समाप्त हुआ। झाझर में संचलन मुख्य मोटरमार्ग और बाजार में निकाला गया। इस अवसर पर स्थान-स्थान पर पुष्पवर्षा कर स्वयंसेवकों का स्वागत किया गया। दादरी के कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड के संयुक्त प्रचार प्रमुख श्री कृपाशंकर ने स्वयंसेवकों को नववर्ष की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में पूरे विश्व में हो रही भारत मां की जय-जयकार स्वयंसेवकों की 90 वषोंर् से अधिक की तपस्या का सुफल है। हमारा यह नववर्ष उमंग लेकर आता है। हम मानते हैं कि इसी दिन सृष्टि की रचना की गई थी। प्रकृति भी परिवर्तन का संदेश देती है, इसी समय आय-व्यय का आंकलन होता है और आगे की आर्थिक योजनाएं बनती हैं। अत: सही मायनों में यही नयावर्ष है। ल्ल प्रतिनिधि
'राष्ट्रीय एकता के लिये होना होगा जागरूक'
भारतीय नववर्ष के उपलक्ष्य में रा.स्व.संघ के स्वयंसेवकों ने उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले में तीन स्थानों- ग्रेटर नोएडा, दादरी और झाझर में पथ संचलन निकाला। ग्रेटर नोएडा में संचलन श्रमविहार पार्क गामा-2 से रामपुर जागीर, बीटा 1, जगतफार्म, गामा-1 होते हुए श्रमविहार पार्क में समाप्त हुआ। दादरी नगर के स्वयंसेवकों का संचलन मिहिर भोज स्नातकोत्तर महाविद्यालय से निकलकर रेलवे रोड होते हुए रामवाटिका मोड़ से नगर पालिका होते हुए महाविद्यालय प्रांगण में समाप्त हुआ। झाझर में संचलन मुख्य मोटरमार्ग और बाजार में निकाला गया। इस अवसर पर स्थान-स्थान पर पुष्पवर्षा कर स्वयंसेवकों का स्वागत किया गया। दादरी के कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड के संयुक्त प्रचार प्रमुख श्री कृपाशंकर ने स्वयंसेवकों को नववर्ष की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में पूरे विश्व में हो रही भारत मां की जय-जयकार स्वयंसेवकों की 90 वषोंर् से अधिक की तपस्या का सुफल है। हमारा यह नववर्ष उमंग लेकर आता है। हम मानते हैं कि इसी दिन सृष्टि की रचना की गई थी। प्रकृति भी परिवर्तन का संदेश देती है, इसी समय आय-व्यय का आंकलन होता है और आगे की आर्थिक योजनाएं बनती हैं। अत: सही मायनों में यही नयावर्ष है। प्रतिनिधि
टिप्पणियाँ