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मस्ती का नाम है होली। होली में रंगों का जितना महत्व है, उतना ही पकवानों का भी है। होली के समय बनने वाले स्वादिष्ट व्यंजनों की खुशबू से अपने आप ही लोगों के मुंह में पानी आ जाता है। इस दिन पकवान खाने के बाद ठंडाई पीने का एक अलग ही आनंद होता है। आइए, होली के कुछ पकवानों के बारे में जानें और ठंडाई के जायके का लुत्फ लें
दही-बड़े होली के अवसर प्
ार दही-बड़े बनाने की परंपरा बहुत पुरानी है। अब तो दही-बड़े गुझिया की तरह भी बनाए जाने लगे हैं। उड़द की पिसी हुई दाल को हाथ में पानी लगाकर गोल बनाकर बीच में मेवा और मिश्री भरकर गुझिया का आकार देकर तला जाता है। फिर इन्हें ताजा दही में थोड़ी चीनी मिला ऊपर से इमली की चटनी, भुना और पिसा हुआ जीरा, नमक और लाल मिर्च डालकर हरे धनिये के साथ परोसा जाता है।
मालपुआ
मालपुए का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है। यह मुख्य रूप से उत्तर भारतीय पकवान है। कहीं मालपुआ पके केले को मिला करके मैदा या आटा और चीनी डाल कर पानी या दूध की सहायता से घोल तैयार करके बनाया जाता है। इस घोल में छोटी या बड़ी इलायची पीस कर मिलाई जाती है। स्वाद बढ़ाने के लिए थोड़ी-सी ताजा मलाई भी मिलाई जा सकती है। कुछ जगह केले की जगह आम या अनानास का प्रयोग कर मालपुए बनाए जाते हैं। बिहार, झारखंड, बंगाल, मध्य प्रदेश जैसे कुछ राज्यों में कहीं-कहीं मैदे की जगह चावल के आटे को प्रयोग में लाया जाता है। मालपुए को रबड़ी या खीर के साथ भी खाते हैं। राजस्थान में स्वाद बढ़ाने की खातिर मालपुए में खोया भी मिलाते हैं।
सामग्री
मैदा 1 कप
दूध 1 कप
चीनी 1/4 कप
देसी घी एक बड़ा
चम्मच मेवा
विधि
पहले चीनी और दूध को खूब अच्छी तरह मिलाएं। इसके बाद इस घोल में मैदा डालकर मिलाएं। ध्यान रहे, गुठलियां न बनने पाएं। अब इतना पानी डालें कि घोल पकौड़े के घोल जैसा गाढ़ा हो जाए। घोल को चार-पांच मिनट तक अच्छी तरह मिलाएं। इसमें मेवा डालें। अब कड़ाही में घी डाल कर गर्म करें। जब घी अच्छी तरह गर्म हो जाए, तब एक छोटे गहरे चमचे में घोल भरकर गोल-गोल फैलाते हुए उसमें डालें। धीमी और मध्यम आंच पर हल्के गुलाबी होने तक पकाएं। इसके बाद परोसें। खाने वाले का पेट भर जाएगा, पर मन नहीं।
बेसन पापड़ी
होली पर बेसन पापड़ी न हो तो मानो कुछ खाया ही नहीं। लखनऊ और आसपास के कुछ क्षेत्रों में बेसन की पापड़ी बनाने के लिए बेसन में सरसों का तेल, चुटकी भर हींग, कुटी हुई लाल मिर्च, नमक और जीरा डालकर पानी के साथ गूंथते हैं और उसे बेलन से कई बार कूट-कूट कर एकसार करके छोटी लोई बनाकर पतला-पतला बेलकर तलते हैं।
सामग्री
बेसन 200 ग्राम
उड़द की दाल का चूर्ण 50 ग्राम मैदा 50 ग्राम
हींग 2 या 3 चुटकी
जीरा आधा चम्मच
नमक स्वादानुसार
खाने का सोडा चुटकी भर
लाल मिर्च 1/4 छोटा चम्मच
काली मिर्च आधा चम्मच दरदरी की हुई
तेल-आटे में डालने के लिए और तलने के लिए
विधि
बेसन, उड़द की दाल का चूर्ण और मैदा मिलाकर एक बर्तन में एक साथ छान लें। अब इसमें हींग, जीरा, नमक, खाने का सोडा, लाल मिर्च, काली मिर्च और तेल मिला लें। पानी की सहायता से पूरी जैसा आटा गूथ लें। फिर इसे 1 घंटे के लिए ढककर अलग रख दें। अब इसे बेलन से कूट-कूट कर एकसार करें। फिर हाथों पर थोड़ा तेल लगाकर आटे को मसल-मसल कर चिकना करें। अब इसे चार भागों में बांट लें। प्रत्येक भाग को एक इंच मोटा बेलनाकार में बनाकर आधा-आधा इंच दूरी पर चाकू से काट कर लोइयां बना लें। एक लोई चकले पर रखें और दो से तीन इंच के व्यास में बेलें। इसे मैदा के परोथन की सहायता से चार-पांच इंच के व्यास में बड़ा करें। एक-एक करके इसी तरह सारी लोइयां बेल कर थाली में रखें और कड़ाही में तेल गर्म कर तलें।
खुरमा या शक्करपारे
सामग्री
मैदा 2 कप
घी 1/2 कप
चीनी 2 कप
तलने के लिए घी या रिफाइंड
बिहार में शक्कर की परत चढ़े शक्करपारे होली पर जरूर बनाए जाते हैं। अब तो यह पकवान प्राय: हर जगह बनने और बिकने भी लगा है।
विधि
पहले मैदा और घी को अच्छी तरह मिलाएं। फिर पानी की सहायता से मैदा को पूरी से भी थोड़ा सख्त गूंथ लें। आटे को हल्के गीले कपड़े से ढककर करीब 20 मिनट के लिए रख दें। गुंथे हुए आटे से दो बड़ी-बड़ी लोई बनाएं। एक लोई लें और गोल करके 1/4 सेमी मोटी पूरी बेलें। चाकू से आधा-आधा इंच की पट्टी काटें, दूसरी ओर से भी इसी तरह काटें, जिससे चौकोर शक्करपारे बन जाएंगे। दूसरी लोई को भी इसी तरह बेल कर अपने मनपसंद आकार में तैयार कर लें। कड़ाही में घी या रिफाइंड डालकर गर्म करें। अब थोड़ी मात्रा में शक्करपारे डालें। धीमी आंच पर सभी तरफ से सुनहरा होने तक तल लें। इसी तरह सभी को तलेंं। एक अन्य कड़ाही में चीनी डालें और आधा कप पानी मिलाएं। गैस पर उबलने के लिए रख दें। चाशनी को चीनी घुलने तक पकने दें। आंच धीमी करके चाशनी बनाएं। एक बूंद चाशनी को किसी कटोरी में टपकाएं। ठंडी होने के बाद चाशनी को उंगली से उठाकर देखें। उंगली और अंगूठे के बीच चिपका कर देखें। उंगली और अंगूठे को अलग करते समय चाशनी में दोनों तरफ से तार निकलने चाहिए। इसे दो तार की चाशनी कहते हैं। अब इसमें तले हुए शक्करपारे डालें और एक चम्मच मैदा डालें। मैदा डालने से शक्करपारे एक-दूसरे से चिपकेंगे नहीं। गैस बंद करके शक्करपारों को ठंडा होने दें। इन्हें अच्छी तरह बंद होने वाले डिब्बे में भरकर रख लें।
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