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गत दिनों नई दिल्ली में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, दिल्ली प्रांत के पूर्व संघचालक रहे रमेश प्रकाश की स्मृति में केदारनाथ साहनी आडिटोरियम में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।
इस दौरान राष्टÑीय स्वयंसेवक संघ तथा राष्टÑ सेविका समिति सहित समविचारी संगठनों से जुड़े कार्यकर्ताओं ने स्व़ रमेश प्रकाश जी को श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर राष्टÑीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत ने स्व़ रमेश को याद करते हुए कहा, ‘‘वे अविस्मणीय हैं। अखिल भारतीय दायित्व मिलने के बाद मेरा उनसे संपर्क हुआ। उनका स्वभाव था कि वे सबके प्रति समान व्यवहार रखते थे। इसमें कभी भी परिवर्तन नहीं आया। वे एक लम्बे काल खंड तक संघ के निष्ठावान कार्यकर्ता रहे। इस दौरान उन्होंने अनेक कार्यकर्ताओं को तैयार किया, जिन पर उनका व्यापक प्रभाव आज भी दिखता है। वे प्रत्येक कार्यकर्ता के गुण-दोष जानते थे और हर कार्यकर्ता के लिए समय लगाते थे।’’
श्री भागवत ने कहा कि उनका जीवन परिवार में, समाज में एक उदाहरण है। उन्होंने अपना हर कार्य बेहद अच्छे तरीके से किया। इसका उदाहरण उनका परिवार और स्वयंसेवक हैं। स्वास्थ्य अच्छा नहींं रहने के बावजूद वे संगठन कार्य में सक्रिय रहने की कोशिश करते रहे। ऐसी विभूतियां स्वयंसेवकों के लिए उदाहरण हैं। आज के जीवन में जैसा एक स्वयंसेवक होना चाहिए, ठीक वैसे ही थे रमेश जी। ल्ल प्रतिनिधि
‘‘दुनिया आज आतंकवाद, आर्थिक उतार-चढ़ाव, जलवायु परिवर्तन सहित विभिन्न समस्याओं से जूझ रही है। ऐसे में इन समस्याओं का निराकरण सिर्फ और सिर्फ सनातन धर्म और बौद्ध विचार में ही संभव है।’’ उक्त बातें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सहसरकार्यवाह श्री सुरेश सोनी ने कहीं। वे पिछले दिनों थाइलैंड की राजधानी बैंकाक में हिंदू स्वयंसेवक संघ द्वारा आयोजित चेतना संगम को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सनातन धर्म और बौद्ध मत दुनिया में शांति और सौहार्द को केंद्र में रखकर सबकी चिंता का भाव लिए हुए कार्य करते हैं। जबकि यूरोपीय लोग जहां-जहां भी गए, उन्होंने वहां औपनिवेशिक शासन स्थापित करके वहां के लोगों को दास बनाया। अन्य मत-पंथों ने आतंक द्वारा अपने मत-पंथ को दूसरों पर थोपा। लेकिन भारतीय संतों और बौद्ध भिक्षुओं ने दुनिया को शांति का ही संदेश दिया। क्योंकि हिन्दू और बौद्ध समाज एक सहिष्णु समाज की नींव स्थापित करने के पक्षधर हैं। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से उपस्थित ‘इंडियन एसोसिएशन आॅफ थाइलैंड’ के संस्थापक अध्यक्ष श्री गुरुमुख सिंह ने कहा कि हिन्दू और बौद्ध समाज ज्ञान अधारित दर्शन पर स्थापित हैं। समारोह में थाइलैंड के शाही पुजारी श्री भीष्म फॉमान रांगसिकुल ने कहा कि भारत के सांस्कृतिक योगदान के लिए हम सदैव उसके ऋणी हैं। इस अवसर पर हिंदू स्वयंसेवक संघ के थाइलैंड के कार्यवाह श्री महेश कुमार एवं थाइलैंड के संघचालक श्री विजय कुमार भी उपस्थित रहे। ल्ल प्रतिनिधि
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