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नाम : नेहा यादव (28 वर्ष)
व्यवसाय : सामाजिक कार्यकर्ता
प्रेरणा : समाजसेवा की ललक
अविस्मरणीय क्षण : गरीब महिला को जब रोजगार मिलता है
मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले के छोटे-से गांव पोहा की रहने वाली नेहा यादव का आईएएस बनने का सपना भले ही अधूरा रह गया हो लेकिन अब वे अपने गांव से गरीबी व अशिक्षा को दूर करने के काम में पूरी तत्परता से जुटी हुई हैं। उनका मानना है कि यदि इच्छाशक्ति व सच्चा समर्पण हो तो छोटी-छोटी कोशिशों से बड़े सामाजिक बदलाव लाए जा सकते हैं।
आज उनके दोना निर्माण कारखाने में ग्रामीण महिलाएं पूरी रुचि से प्रशिक्षण लेती हैं। इन महिलाओं का कहना है कि यह काम उनकी आमदनी का जरिया बन गया है। साथ ही उनके बच्चे भी अब स्कूल जाने लगे हैं। इस नेक काम के लिए वे अपने गांव की इस बिटिया का हृदय से आभार व्यक्त करती हैं। सचमुच नेहा उन लोगों के लिए मिसाल हैं, जो सपने टूटने के बाद खुद भी टूट जाते हैं और हालातों के आगे घुटने टेक देते हैं। नेहा ने साबित किया है कि रास्ते कई हैं, जरूरत है उन्हें पहचान कर पूरी शिद्दत से उन पर आगे बढ़ने की।
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