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गुजरात के प्रसिद्ध हीरा व्यवसायी सावजी ढोलकिया देश के उन चंद उद्योगपतियों में हैं जो कर्मचारियों की खुशी में अपनी खुशी ढूंढते हैं और हर दीवाली पर उन्हें कंपनी के लाभांश का एक बड़ा हिस्सा उपहार में देते हैं
नाम : सावजी ढोलकिया (55 वर्ष)
कार्य : हीरा कारोबारी
प्रेरणा : परिश्रम और उद्यम
अविस्मरणीय क्षण: जब 1,250 रुपये लेकर अमरेली से सूरत आया
400 फ्लैट्स पिछले वर्ष, 1,260 कारें और 51 करोड़ रुपये बोनस में दिए अपने कर्मचारियों को
अश्वनी मिश्र
मैं ऐसा मानता हूं कि अगर हमारी कंपनी के कर्मचारी खुश रहेंगे तो इससे कंपनी को कई गुना ज्यादा लाभ होगा।
गुजरात के सूरत जिले के हीरा कारोबारी सावजी ढोलकिया तब मीडिया की सुखिर्यों में आए जब पिछले वर्ष उन्होंने अपनी कंपनी के कर्मचारियों को दीवाली बोनस के रूप में एक कार और अपार्टमेंट दिया। हीरा कारोबारी ढोलकिया ने अपनी कंपनी हरे कृष्ण एक्सपोर्ट्स के कर्मचारियों को दीवाली बोनस के रूप में 400 फ्लैट्स और 1,260 कारें उपहार में दीं। तो वहीं बोनस पर 51 करोड़ रुपये खर्च किए। इसी तरह वे हर दीवाली पर अपने कर्मचारियों को उपहार देकर
उनका उत्साहवर्धन करते हैं। सूरत के बड़े कारोबारियों में से एक ढोलकिया के कारोबार की कमाई आज 6,000 करोड़ रु. और उनकी कंपनी में 6,000 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं। हरे कृष्ण एक्सपोर्ट्स आज अगर बुलंदियों पर है तो उसके पीछे कर्मचारियों की अथक मेहनत ही है।
1977 में मात्र 1,2़50 रुपये लेकर अमरेली से सूरत आए सावजी भाई ने एक छोटी नौकरी से अपनी जिंदगी की शुरुआत की। लेकिन जब काम उन्हें रास नहीं आता था तो वे थोड़े-थोड़े दिन के अंतराल पर ही गांव चले जाते थे। यह उनके पिताजी को अच्छा नहीं लगा और उन्होंने इस बात पर उन्हें डांटा। तब सावजी ने तय किया कि सूरत में रहकर कुछ कर दिखाना है। उन्होंने 169 रुपये की नौकरी की। इसी बीच अपने चाचा से हीरे का काराबोर करने के लिए कर्ज लिया और लग गए काम में। धीरे-धीरे कारोबार का विस्तार हुआ। अपने कठिन परिश्रम और समर्पण के बाद उन्होंने काफी धन अर्जित किया और खुद की कंपनी खड़ी की। उसी का परिणाम है कि कंपनी का कारोबार 71 देशों में फैला हुआ है।
ढोलकिया कहते हैं,‘‘मेरा प्रयास रहता है कि हर दीवाली
अपने कर्मचारियों को कुछ ऐसा उपहार दूं जिससे वे खुश हों। इसके अलावा मैं कंपनी में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों का चुनाव करवाकर उन्हें उपहार देता हूं। इससे न केवल हमारे कर्मचारी खुश होते हैं बल्कि हमें भी खुशी होती है।’’
सावजी ढोलकिया मानते हैं कि कंपनी जब भी लाभ में होती है तो उसमें कर्मचारियों का बड़ा योगदान होता है। तो इसी लाभ को हम अपने कर्मचारियों के बीच बांटकर उनके हित का ध्यान रखें, यह न केवल कंपनी के लिए अच्छा है, बल्कि इससे कर्मचारियों में भी एक उत्साह का भाव आता है। बस यही मैं करता चला आ रहा हूं। ल्ल
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