आवरण कथा - अच्छी बिजली सस्ती भी
July 14, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

आवरण कथा – अच्छी बिजली सस्ती भी

by
Jul 25, 2016, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 25 Jul 2016 15:37:24

-अश्वनी मिश्र –

आप अपने घर की बिजली व गैस की सभी जरूरतें खुद पूरी कर सकते हैं वह भी कम कीमत पर। बिजली की जरूरत पूरी होगी सूरज की ऊर्जा यानी सोलर एनर्जी से। जहां तेज हवाएं चलती हैं वहां पवन ऊर्जा से और अगर पानी की तेज धारा के पास रहते हैं तो पानी में पन चक्की लगाकर के  बिजली पैदा कर सकते हैं। धूप, पानी और हवा सभी स्रोतों से सस्ती बिजली पैदा करने के लिए विभिन्न उपकरण उपलब्ध हैं, जरूरत है बस जागरूक होने की।
बिजली न हो तो घर के सभी काम ठप हो जाते हैं। रोशनी, पंखा, फ्रिज, वाशिंग मशीन, रसोई के तमाम उपकरण और जाने क्या-क्या। यही नहीं, खाना पकाने के ईंधन की अलग समस्या है। तो क्यों न अपना घर ऐसा बनवाएं जिसकी जरूरतें वैकल्पिक ऊर्जा से पूरी हों और खर्चा भी कम आए।
सौर ऊर्जा सबसे बढि़या और सस्ता साधन
सूर्य ऊर्जा का भंडार है। हम अभी तक बहुत ही कम मात्रा में इस ऊर्जा का लाभ ले पा रहे हैं। ऐसा ही एक उपकरण है फोटो वोल्टिक पैनल। फोटो वोल्टिक पैनल सोलर प्लेट होती है, जिसके ऊपर सिलिकॉन सेल लगाए जाते हैं। ये मजबूत शीशे से ढके होते हैं। यह पैनल घर की छत या किसी दूसरी ऐसी जगह लगाया जाता है जहां दिनभर धूप आती रहे। आमतौर पर इन्हें दक्षिण दिशा में 45 डिग्री के कोण पर रखे जाने से इस पर दिन भर धूप पड़ती रहेगी, क्योंकि सूरज पूरब से पश्चिम में दक्षिण से होते हुए ही जाता है। यह पैनल सौर ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदल देता है।
यह बिजली एक बैटरी में एकत्रित होती है और फिर पूरे घर में आपूर्ति होती है। इसके लिए किसी तरह की दोबारा वाइरिंग की जरूरत नहीं होती। अगर आपके घर में इनवर्टर है तो बैट्री लगाने की भी जरूरत नहीं है। पीवी पैनल से बनी ऊर्जा सीधे ही इनवर्टर में जाएगी और वहां से पूरे घर में आपूर्ति होगी। 5 किलोवाट के पीवी पैनल से हर रोज 4 हजार वाट बिजली पैदा होगी। इससे 4 कमरों और 5 सदस्यों वाले एक घर की जरूरत पूरी हो जाएगी। यानी हर कमरे में बल्ब, पंखा, फ्रिज, एसी, कंप्यूटर चल सकेंगे। 5 किलो वॉट का सोलर पैनल बाजार में 12 लाख रुपये के लगभग उपलब्ध है। इसमें सरकार की ओर से करीब 4,50,000 रुपए तक की की सब्सिडी दी जा रही है।

हाल ही में पेरिस में पर्यावरण संबंधों को लेकर शिखर सम्मेलन हुआ था। इस सम्मेलन में इंटरनेशनल एजेंसी फॉर सोलर टेक्नालॉजी एंड एप्लीकेशंस (आइएएसटीए) की शुरुआत हुई। यह संगठन कर्क और मकर रेखा के बीच उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में स्थित सौ से ज्यादा देशों का अनूठा क्लब होगा, जो ऐसे राष्ट्रों को एक मंच पर लाएगा, जिनमें धूप की भरपूर उपलब्धता है। ये सभी देश सौर ऊर्जा के क्षेत्र में मिलकर काम करेंगे। इस प्रयास को वैश्विक स्तर पर ऊर्जा परिदृश्य में एक बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। इससे उष्णकटिबंधीय गांवों और पूरी दुनिया के विभिन्न समुदायों तक किफायती सौर ऊर्जा पहुंचाई जा सकती है। गौरतलब है कि करीब 210 गीगावॉट क्षमता के साथ भारत दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा बिजली उत्पादक देश है और इसकी 66 फीसद बिजली का उत्पादन कोयले से होता है। जाहिर है कि बिजली संकट का समाधान दिन ब दिन महंगी होती जा रही कोयला दहन वाली प्रौद्योगिकी पर निर्भर रहकर संभव नहीं है। बिजली संकट के दीर्घकालिक, सस्ते हल के लिए अक्षय ऊर्जा के अलावा ऊर्जा के अन्य स्रोतों पर ध्यान होना होगा। ऊर्जा अर्थशास्त्र और वित्तीय विश्लेषण के लिए संस्थान (आइइइएफए) की ताजा रिपोर्ट समेत अनेक अध्ययनों से जाहिर होता है कि भारत की अक्षय ऊर्जा संबंधी योजनाएं प्रगति कर रही हैं। सौर ऊर्जा के अलावा अन्य ऊर्जा उत्पन्न करने के मामले में भारत आगे बढ़ा है और विश्व के कई देशों ने भारत में अपनी बड़ी परियोजनाएं लगाने की घोषणा की है।  इसी तरह से पवन ऊर्जा के निर्माण में भारत का पांचवां स्थान है। लेकिन इस ऊर्जा का उपयोग अभी उतना नहीं हो पाया है जितना होना चाहिए। अभी इसमें काफी चुनौती हैं। ऊर्जा मंत्रालय ने इसके विकास के लिए राष्ट्रीय अपतटीय वायु ऊर्जा नीति (नेशनल ऑफशोर विंड एनर्जी पॉलिसी) बनाई है जिसके तहत पवन ऊर्जा परियोजनाओं के लिए बिजली निर्माण के पहले 10 साल तक कर मुक्ति, सीमा शुल्क में छूट और उपकरण और तकनीक की खरीद पर उत्पाद शुल्क माफी जैसे प्रावधान किये गए हैं।
बढ़ती जनसंख्या और बढ़ती जरूरतों के हिसाब से जिस एक चीज का संकट आज सबसे भारी है, वह है ऊर्जा। हरेक चीज ऊर्जा से जुड़ी है और इसके बढ़ते ही हमारी जेब पर बोझ बढ़ने लगता है। तेल और पेट्रोल भारत में ऊर्जा की खपत के सबसे प्रमुख संसाधन हैं। इन तीनों ही संसाधनों का बहुलता से आयात करना देश की मजबूरी है, क्योंकि ये ऊर्जा भंडार अपने यहां काफी सीमित मात्रा में हैं। असम से लेकर कावेरी-गोदावरी बेसिन तक जितना तेल निकाला जाता है, उसके निकालने में ही इतना खर्चा आता है कि सब्सिडी देने में ही काफी सरकारी राजस्व खर्च हो जाता है, जिसका असर आम आदमी की जेब पर पड़ता है। राजग सरकार इस दिशा में काफी काम कर रही है जिसका असर दिखना शुरू हो गया है। देश में बहुतायत से उपलब्ध वैकल्पिक ऊर्जा संसाधन जैसे पवन, सौर, लघु, जल बायोमास और अपशिष्ट ऊर्जा की जरूरतें पूरी करने में अपनी वृहद भूमिका निभा सकते हैं।
भारत में समुद्री तट पर पवन चक्कियां लगाकर पवन ऊर्जा पैदा हो सकती है। कुछ स्थानों पर इसके संयंत्र लगाये भी गए हैं। इसके लिए ओडिशा, पश्चिम बंगाल, आन्ध्र प्रदेश, केरल, आदि राज्यों में काफी संभावनाएं हैं। यहां पवन चक्कियां लगाना पारंपरिक संसाधनों पर खर्च की तुलना में काफी सस्ता पड़ेगा। भविष्य में किफायती ऊर्जा जरूरतों को देखते हुए ये सभी स्रोत ऊर्जा खपत को जहां पूरी करेंगे, वहीं आम नागरिक की जेब पर बोझ भी कम होगा। 

सोलर वाटर हीटर
सोलर वाटर हीटर सौर ऊर्जा से पानी गर्म करता है। यह गीजर से काफी सस्ता होता है। 100 लीटर की क्षमता वाले वाटर हीटर पर 20,000 रुपये का खर्चा आएगा। इस पर सरकार भी 10,000 रुपये की सब्सिडी देती है। इससे इसे लेने वाले को सिर्फ 10 हजार ही खर्च रु. करने पड़ेंगे। सामान्य गीजर से तुलना करें तो गीजर की कीमत 15,000 रु. के लगभग है और हर महीने बिजली का बिल अलग से। इस मायने में भी यह सोलर हीटर सस्ता है।

सोलर पंप
सोलर पंप भी सूरज की ऊर्जा से चलता है। इसका इस्तेमाल गांवों में सिंचाई के लिए और शहरों में पीने के पानी की टंकी भरने के लिए किया जाता है। यह दिन भर में 2 बार 10,000 लीटर की टंकी 40 फुट नीचे तक से पानी खींचकर भर देता है। इस पर करीब 4 लाख रु. का खर्चा आता है। सरकार इस पर करीब 1,08,000 रुपए तक की सब्सिडी देती है।

सोलर लालटेन
सोलर लालटेन की खसियत इसका सस्ता होना और कहीं भी लाया, ले जाया जा सकना है। इसकी कीमत 2,000 से 4,000 रु. तक है। धूप में यह दिन भर में पूरा चार्ज होकर 5 घंटे तक 40 वॉट के एक बल्ब के बराबर रोशनी देता है। आज के समय सोलर लालटेन गांवों में बहुत ही लोकप्रिय होती जा रही है।

गार्डन लाइटिंग
एक सीएफएल के लिए 4,000 रुपये का खर्च आएगा। इससे आपके बगीचे में बिजली की जरूरत पूरी होगी और 6 घंटे तक पर्याप्त रोशनी रहेगी। बगीचे में 11 वॉट के एक सीएफएल के लिए 4,000 रुपये का खर्चा आएगा। इसमें छोटे पीवी पैनल लगाए जाते हैं।

बायोगैस प्लांट
बायोगैस संयंत्र का सबसे बड़ा साधन गोबर है। गांवों में बायोगैस संयंत्र बड़ी संख्या में लगाए जा रहे हैं। इस संयंत्र से मीथेन गैस पैदा होती है जिसे ईंधन के रूप में रोशनी के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे घरों में खाना पकाने के लिए भी गैस मिल जाती है। वाहन चलाने में भी इस गैस का उपयोग हो रहा है। 4 क्यूबिक मीटर का बायोगैस संयंत्र बनाने पर 20,000 रु. का खर्चा आएगा। इस पर सरकार की ओर से करीब 8,000 रु. तक का सब्सिडी दी जाती है। इससे 6-8 लोगों का दो समय का भोजन बनाने के साथ एक लैंप भी जलाया जा सकता है।

स्ट्रीट लाइट
आज सामान्य तौर पर गांवों में यह लाइट देखी जा सकती है। सरकार ने सांसद कोटे से ग्रामीण क्षेत्रों में इसे लगवाया है। आज इससे गांव जगमग हो रहे हैं। इनकी खासियत यह है कि ये अंधेरा होते ही जल जाती हैं और दिनभर धूप में चार्ज होती रहती हैं। रोशनी का सस्ता विकल्प है।

सोलर रिक्शा
आज वैकल्पिक ऊर्जा से वाहन चलाने पर काम हो रहा है। इस दिशा में दुनिया के विकसित देशों के अलावा भारत में भी अच्छा काम हो रहा है। कई स्थानों पर सोलर रिक्शा चलने लगे हैं। ये रिक्शे दिनभर धूप में चार्ज होते हैं और चलते भी रहते हैं। इसके अलावा बैटरी में संचित ऊर्जा से रात में भी 6 घंटे तक लगातार चल सकते हैं। कई स्थानों पर सौर ऊर्जा से साइकिल भी चलाई जा रही हैं। बायोगैस से अपने देश के अलावा दूसरे कई देशों में कारें भी चलाई जा रही हैं। यह सीएनजी की तुलना काफी सस्ती पड़ती है। 

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

नूंह में शोभायात्रा पर किया गया था पथराव (फाइल फोटो)

नूंह: ब्रज मंडल यात्रा से पहले इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद, 24 घंटे के लिए लगी पाबंदी

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

18 खातों में 68 करोड़ : छांगुर के खातों में भर-भर कर पैसा, ED को मिले बाहरी फंडिंग के सुराग

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

नूंह में शोभायात्रा पर किया गया था पथराव (फाइल फोटो)

नूंह: ब्रज मंडल यात्रा से पहले इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद, 24 घंटे के लिए लगी पाबंदी

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

18 खातों में 68 करोड़ : छांगुर के खातों में भर-भर कर पैसा, ED को मिले बाहरी फंडिंग के सुराग

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies