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जयपुर : बीते दिनों जयपुर में गो पर्यावरण चेतना पदयात्रा के तत्वावधान में गोकथा का शुभारंभ किया गया। नगर में विशाल शोभायात्रा निकाली गई। गजराज, ऊंट की सवारी से माहौल भक्तिमय हो गया। शोभायात्रा जिधर से भी गुजरी, स्थानीय लोगों ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। जगह-जगह पर स्वागत के लिए तोरणद्वार बनाये गए और 'गोमाता है राष्ट्र माता' के जयकारों के साथ हजारों माताएं एवं बहनें कलश लेकर मंगलगान करती हुए चल रही थीं।
मीडिया प्रभारी नीलेश भंडारी ने बताया कि प्रतिदिन चलने वाली गो कथा में गाय के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला जाएगा। प्रतिनिधि
''कथा हर बार नई होती है''
चित्रकूट : उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में चल रही रामकथा में सुप्रसिद्ध कथावाचक मोरारी बापू ने कहा कि दुनिया में पे्रम ही एक ऐसी चीज है जिसे देने वाले में इतनी मात्रा बढ़ जाती है कि उसे लुटाना ही पड़ता है। कथा एक बार सुनने के बाद भी संतुष्ट नहीं करती। कथा हर बार नई होती है, उससे नया आनंद मिलता है।
जनमानस को आशा
महाकौशल : गत दिनों विश्व संवाद केन्द्र महाकौशल द्वारा नारद जयंती के उपलक्ष्य में पत्रकारों के सम्मान का कार्यक्रम संपन्न हुआ। मुख्य अतिथि थे नई दुनिया के पूर्व संपादक श्री आनंद पाण्डेय। इस अवसर पर विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं व समाचार पत्रों के पत्रकारों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के संचालक थे श्री यतीश जैन। आभार डॉ. रामानंद साहू ने व्यक्त किया। प्रतिनिधि
संवाद व संप्रेषण जरूरी
भिंड : विगत दिनों भिंड में भी नारद जयंती समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें पत्रकारिता की भूमिका पर चर्चा हुई। इस अवसर पर पत्रकारिता के आदि पुरुष नारद की श्रेष्ठ संवाद कला और संप्रेषणीयता के साथ वर्तमान संदर्भ में पत्रकारों के सामाजिक दायित्व की भूमिका पर विशेष प्रकाश डाला गया। इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया से जुड़े कई पत्रकारों को इस समारोह में सम्मानित किया गया। प्रतिनिधि
विहिप कार्यकर्ता शिविर
नई दिल्ली : हरि नगर स्थित सरस्वती बाल मंदिर विद्यालय में 21 से 30 मई तक चले परिषद शिक्षा वर्ग का समापन हुआ। वर्ग में हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और पंजाब के कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। विहिप के अखिल भारतीय पदाधिकारियों एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय अधिकारियों का कार्यकर्ताओं को मार्गदर्शन मिला।
इन दस दिनों में अलग-अलग सत्रों में कार्यकर्ताओं को विहिप के राष्ट्रीय अध्यक्ष- श्री राघव रेड्डी, संगठन महामंत्री- श्री दिनेश चंद्र, महामंत्री-श्री चंपत राय, संयुक्त महामंत्री-डॉ.सुरेन्द्र जैन, केन्द्रीय मंत्री- श्री महावीर एवं रास बिहारी, रा.स्व.संघ के क्षेत्रीय प्रचारक- श्री प्रेम कुमार, क्षेत्रीय संघचालक-डॉ. बजरंग लाल गुप्त, दिल्ली सह प्रांत संघचालक -श्री आलोक कुमार का विभिन्न विषयों पर मार्गदर्शन मिला। वर्ग का समापन क्षेत्रीय संघचालक डॉ. बजरंग लाल गुप्त ने किया। विहिप के क्षेत्रीय संगठन मंत्री श्री करुणा प्रकाश वर्ग पालक थे। प्रतिनिधि
अध्यात्म पर केन्द्रित पुस्तकों का लोकार्पण
गत दिनों न्यूजर्सी, उत्तरी अमेरिका के संन्यासी आध्यात्मिक नेता व भारत सेवाश्रम संघ के वेदांत शिक्षक स्वामी अमरनाथानंद ने शिवजी तिवारी द्वारा लिखित दो पुस्तकों 'जर्नी विदिन' व 'थॉट कल्चर' का लोकार्पण मंदिर सभागार केंडाल पार्क न्यूजर्सी अमेरिका में किया गया। उन्होंने इन पुस्तकों में निहित सामग्री को अत्यंत उपयोगी और लाभप्रद बताया। उन्होंने कहा कि इन पुस्तकों में आत्मा की गहराई में उतरने वाले प्रश्नों का समाधान बताया गया हे। इन पुस्तकों में सहज मानव रूप में आध्यात्मिकता और ईश्वर प्राप्ति की अनुभूति का वर्णन है। इस अवसर पर पुस्तकों के लेखक सहित कई श्रद्धालु च बुद्धिजीवी उपस्थित थे। प्रतिनिधि
भारत और हिन्दुत्व की शिक्षा का विरोध गलत
कैलीफोर्निया : 26 मई को सैकड़ों हिन्दू अमेरिकी, बच्चों, अभिभावकों और हिन्दू समुदाय के लोगों ने कैलीफोर्निया के शिक्षा विभाग (सीडीई) द्वारा पाठ्यपुस्तकों में भारत और हिन्दुत्व के गलत चित्रण के विरोध में सड़कों पर प्रदर्शन किया। स्कूली छात्रों ने कक्षाओं में हो रहे शारीरिक हमलों व नस्लीय भेदभाव के खिलाफ नारे भी लगाए। उनका कहना था कि एक ओर कैलीफोर्निया में समता की बात कही जाती है दूसरी ओर ये सब चल रहा है। हिन्दू-अमेरिकी समूह ने सउथ एशिया फैकल्टी ग्रुप द्वारा पाठ्यपुस्तकों में शामिल 30 से भी अधिक जगहों से भारत का नाम हटाए जाने के प्रयास की निंदा की। चरम वामपंथियों और उन्मादी इस्लाम से प्रभावित ऐसे समूह न केवल हिन्दुत्व जैसे शब्दों को ही पाठ्यक्रम से हटाने की सोच रखते हैं बल्कि वे वाल्मीकि और व्यास जैसे ऋषियों के उल्लेख मात्र से भी झुंझलाने लगे हैं। हिन्दू समुदाय ने इन बदलावों को खारिज करने के साथ इस पर गंभीर आपत्ति दर्ज की है। हिन्दू एजुकेशन फाउंडेशन, हिन्दू अमेरिकन फाउंडेशन आदि संगठनों ने इंस्ट्रक्शनल क्वालिटी कमीशन के सामने प्रभावी तर्क रखते हुए स्पष्ट किया है कि यह सरासर राजनीतिक दुराग्रह वाली सोच का परिणाम है। हिन्दू शिक्षा, दर्शन, कला, संगीत, नृत्य व पुरातत्व का शिक्षण पिछले 2 वर्षों से हो रहा है जिससे किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ ठीक नहीं है। प्रतिनिधि
ग्राम सम्मेलन का आयोजन
टिहरी : विगत दिनों उत्तराखंड के टिहरी जनपद के घनसाली-भिलंगना क्षेत्र में पर्वतीय लोकविकास समिति द्वारा द्विदिवसीय ग्राम सम्मेलन का आयोजन किया गया। चीन की सीमा पर स्थित गंगी गांव, गंेवली, पिनस्वाड़ एवं कैलबागी जैसे मूलभूत सुविधाओं से वंचित गांवों की उपेक्षा पर राज्य सरकार की उदासी पर गहरी चिंता व्यक्त की गयी।
वक्ताओं ने कहा कि स्व. इंद्रमणि बडोनी द्वारा प्रवर्तित खतलिंग महायात्रा को दिल्ली से शुरू करने से राष्ट्रीय स्तर पर पांचवें धाम की कल्पना को बल मिलेगा और इन उपेक्षित क्षेत्रों का विकास होगा।
सम्मेलन के पहले दिन अचानक उपस्थित आपदा के चलते कवि सम्मेलन का कार्यक्रम इंटर कॉलेज घुत्तू के बजाय सूर्या लॉज घनसाली में कवि सम्मेलन हुआ जिसमें कवियों ने हिमालय क्षेत्र के पर्यावरण, आपदा, सूखे वनों की आग, पलायन और बेरोजगारों युवाओं पर केन्द्रित कविताएं सुनाईं। लोकगायक ओम बधाणी की अध्यक्षता में कवि सम्मेलन में वरिष्ठ शिक्षाविद् व कवि ओम प्रकाश सेमवाल, नरेन्द्र गुंजन, सुनील डंगवाल, मुरली दीवान, संदीप रावत, जगदंबा चमोला आदि ने कविताएं प्रस्तुत कीं। सम्मेलन के दूसरे दिन गंगी गांव के बजाय इंन्टर कॉलेज घुत्तू में विचार गोष्ठी, पूर्व सैनिकों का सम्मान और छात्र प्रतिभा सम्मन कार्यक्रम हुआ। इसके मुख्य अतिथि पूर्व जिला स्वास्थ्य प्रभारी डॉ. चंदन सिंह चौहान थे और अध्यक्षता वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता कलम सिंह राणा ने की। इस अवसर पर शिक्षक सम्मान के तहत श्री राजेन्द्र प्रसाद डंगवाल, श्रीमती रचना भट्ट, राजेंद्र सिंह चौहान, जगदंबा प्रसाद भट्ट और देवेन्द्र सिंह राणा को सम्मानित किया गया। पूर्व सैनिक सम्मान सर्वश्री प्रेम सिंह रावत, सरदार सिंह नेगी, इन्द्र सिंह रावत, लक्ष्मण सिंह राणा, प्रेम सिंह गुसाईं, उमराव सिंह बगड़वाल, केदार सिंह रौथान व सूरत सिंह पंवार को प्रदान किया गया। सामाजिक कार्यकर्ता अब्बल सिंह भंडारी और राम प्रसाद तिवारी, रंगमंच से जुड़े राजेन्द्र सिंह कैंतुरा व कवि वीर सिंह राणा को भी सम्मानित किया गया। संचालन समिति की स्थानीय इकाई के चेयरमैन शिव सिंह रौथाण ने किया। अतिथियों का स्वागत क्षेत्रीय अध्यक्ष शूरवीर सिंह रावत ने और आभार प्रदर्शन विनोद तिवारी ने किया। प्रतिनिधि
नहीं रहे कर्मयोगी जुगलकिशोर जैथलिया
कोलकाता : वृहत्तर कोलकात्ता की सामाजिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक संस्थाओं में सक्रिय रूप से संबद्ध श्री बड़ाबाजार कुमारसभा पुस्तकालय के पूर्व अध्यक्ष कर्मयोगी श्री जुगल किशोर जैथलिया का उनके निवास स्थान में हृदयगति अवरुद्ध होने से देहावसान हो गया। वे 79 वर्ष के थे। अपने पीछे एक पुत्र तथा तीन पुत्रियों के अतिरिक्त पौत्र-पौत्रियों दौहित्र-दौहित्रियों का भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं। श्री जैथलिया पिछले
डेढ़ वर्ष से अस्वस्थ थे। उनकी अंतिम यात्रा कालीकृष्ण टैगोर स्ट्रीट से निकलकर नीमतल्ला घाट पहुंची जहां बड़ी संख्या में लोगों ने भावपूरित श्रद्धांजलि दी।
श्री जुगल किशोर जैथलिया के निधन पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल श्री केशरी नाथ त्रिपाठी, गोवा की राज्यपाल श्रीमती मृदुला सिन्हा, त्रिपुरा के राज्यपाल श्री तथागत राय ने गहरा शोक व्यक्त किया।
भागैय्या ने दी श्रद्धांजलि
इटावा : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सहसरकार्यवाह श्री भागैया ने वरिष्ठ प्रचारक श्री जुगलकिशोर जैथलिया के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है। अपने शोकसंदेश में उन्होंने कहा कि श्री जैथलिया के आकस्मिक निधन की खबर सुनकर मुझे गहरा आघात पहुंचा है। वे अपने जीवन के अंत तक विचारधारा व कार्य की दृष्टि से एक समर्पित स्वयंसेवक रहे। वे बड़ा बाजार पुस्तकालय के मील के पत्थर, चिंतक, योजनाकार और क्रियान्वयन करने वाले व्यक्ति थे। योजना और दूरदृष्टि के कुशल शिल्पी जुगलजी संघ परिवार के लिए एक आत्मीय नाम थे। डॉक्टर जी पर केन्द्रित व्याख्यानमाला और ऐतिहासिक पुस्तक रचना में वे विष्णुकांत शास्त्री जी के साथ थे। सेवा सम्मान और डॉक्टरजी पुरस्कारों में भी उनकी भूमिका रही। वे बहुत ही सहृदय और संगठनात्मक व्यक्तित्व के स्वामी थे। स्वयं खतरनाक बीमारी से जूझते हुए भी वे कभी मौत से नहीं डरे बल्कि निरंतर सक्रिय रहे। मैं करबद्ध होकर व सिर झुकाकर उन्हें अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि देता हूं और उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। मैं परमात्मा से प्रार्थना करता हूं कि उन्हें सद्गति प्राप्त हो और परिजनों को इस पीड़ा को सहने की शक्ति मिले। प्रतिनिधि
पूर्व संघचालक ओमप्रकाश आर्य का निधन
जयपुर : 2 जून। रा़.स्व.संघ, राजस्थान क्षेत्र के पूर्व संघचालक ओमप्रकाश आर्य का निधन 1 जून रात 9़30 बजे हिण्डौन में निधन हो गया। प्रसिद्घ वकील, प्रखर वक्ता, वाकपटु और सच्चे कर्मयोगी ओमप्रकाश आर्य का जन्म 9 दिसम्बर 1928 को गजाधर आर्य और माता गुलकंदी देवी के घर राजस्थान के हिण्जौन गांव में हुआ था। उनका बचपन का नाम बाबू था। वे बाल्यकाल से ही चंचल और होनहार थे। उन्होंने बीए, एलएलबी तक शिक्षा प्राप्त की। स्वतंत्रता से पहले विद्यार्थी काल में ही वे संघ के सम्पर्क में आ गये थे। उन पर संघ के प्रचारक स्व. ़श्री सोहन सिंह जी का विशेष स्नेह और प्रभाव था। आर्य सन् 1948 से 1952 तक संघ के प्रचारक रहे। इसके बाद 12 फरवरी 1952 को उनका विवाह प्रेमवती जी से हुआ। गृहस्थ जीवन का निर्वहन करते हुये वे सतत संघ कार्य करते रहे। आपातकाल के दौरान 1975 से 1976 तक वे जेल में रहे। 1982 में घर गृहस्थी का भार अपने बेटों को सौंपकर आर्य संघ के पूर्णकालिक कार्यकर्ता बन गये। उन्होंने विभाग कार्यवाह, प्रांत कार्यवाह, सहप्रांत संघचालक, क्षेत्र संघचालक जैसे दायित्व कुशलता से संभाले। वे 1992 से 20 मार्च 2009 तक 17 साल राजस्थान क्षेत्र के संघचालक रहे। सामाजिक सेवा कार्य में रुचि रखने वाले ओमप्रकाश आर्य सेवा भारती के प्रदेशाध्यक्ष भी रहे। हिण्डौन में राजकीय महाविद्यालय, आदर्श विद्या मंदिर और अभय विद्या मंदिर की स्थापना में उनकी विशेष भूमिका रही।। ल्ल विसंके जयपुर
भाजपा नेता दलपत सिंह परस्ते दिवंगत
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ आदिवासी नेता एवं शहडोल से सांसद श्री दलपतसिंह परस्ते का गत दिनों दिल्ली में निधन हो गया। उनके निधन का समाचार मिलते ही पार्टी के कार्यकर्ताओं में शोक की लहर दौड़ गई। पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने इस मौके पर उनके परिजनों से मिलकर शोक संवेदना व्यक्त की। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ़ विनय सहस्रबुद्धे ने कहा कि स्व.दलपतसिंह परस्ते ने जीवनपर्यन्त पार्टी के लिए कार्य किया और संगठन को मजबूती प्रदान की। पार्टी ने एक आदिवासी नेता खो दिया है। मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ आदिवासी नेता श्री दलपतसिंह परस्ते ने जनजाति समुदाय के उत्थान के लिए कार्य किया। वेे राजनीति को आदिवासियों की सेवा का माध्यम मानते थे। केन्द्रीय मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि श्री दलपतसिंह परस्ते अनुसूचित जनजाति वर्ग के मसीहा के रूप में जाने जाते थे। प्रदेश संगठन महामंत्री श्री सुहास भगत ने कहा कि उन्होंने हमेशा जनजाति वर्ग के लिए काम किया। संगठन को जनजाति वर्ग तक पहंुचाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। प्रतिनिधि
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