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डेयरी टेक्नोलॉजीडेयरी की ताकत

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May 23, 2016, 12:00 am IST
in Archive
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दिंनाक: 23 May 2016 12:04:07

दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए नए-नए अनुसंधान हो रहे हैं। दूध के उत्पादन और उनसे निर्मित उत्पाद की देखभाल और निर्माण कार्य किया जाता है जिसमें मिल्क प्रोडक्ट के उत्पादन, स्टोरेज, प्रोसेसिंग और वितरण का काम सम्मिलित है।

भारत एक कृषि प्रधान देश है। कृषि में डेयरी के महत्व को नकारा नहीं जा सकता। आज पूरे विश्व में दूग्ध उत्पादन करने में भारत का दूसरा स्थान हैं। आज से करीब दो दशक पहले बहुत कम दूध डेयरी फार्मों की मार्फत बाजार में आता था, लेकिन इस क्षेत्र में आमदनी को देखते हुए बहुत से लोगों ने निवेश किया और अपना बड़ा व्यवसाय खड़ा किया। आज डेयरी उद्योग लगातार बढ़ रहा है। देश में केवल दूध का हजारों करोड़ का कारोबार है जबकि उससे बनी चीजों जैसे, घी, खोया, पनीर आदि का अलग कारोबार है।  डेयरी उद्योग के बढ़ने के कारण ही इस क्षेत्र से जुड़े पेशेवरों की मांग भी लगातार बढ़ती जा रही है। डेयरी टेक्नोलॉजी से जुड़े पेशेवरों का काम दूध उत्पादन, प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, स्टोरेज, ट्रांसपोर्ट, डिस्ट्रीब्यूशन आदि से जुड़ा होता है।
आज डेयरी क्षेत्र में नए नए प्रयोग हो रहे हैं। दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए नए-नए अनुसंधान हो रहे हैं। ऐसे में लगातार इस क्षेत्र में पेशेवरों की मांग बढ़ती जा रही है। इस उद्योग के अंतर्गत दूध के उत्पादन और उनसे बने उत्पादों की देखभाल और निर्माण कार्य किये जाते हैं जिसमें मिल्क प्रोडक्ट उत्पादन, स्टोरेज, प्रोसेसिंग और वितरण का काम सम्मिलित है। इस क्षेत्र में रिसर्च करने वालों को डेयरी साइंटिस्ट या डेयरी रिसर्चर कहा जाता है। डेयरी टेक्नोलॉजी से जुडे प्रोफेशनल का काम दूध उत्पादन, प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, स्टोरेज, ट्रांसपोर्ट, डिस्ट्रीब्यूशन आदि से जुडा होता है। भारत में डेयरी के क्षेत्र में विस्तार को देखते हुए संबंधित विशेषज्ञों की अधिक मांग है। सरकारी के अलावा प्राइवेट सैक्टर में इस क्षेत्र के विशेषज्ञों की बहुत मांग है।

योग्यता : डेयरी टेक्नोलॉजी के लिए अभ्यर्थियों को विज्ञान विषयों में 55 प्रतिशत अंकों के साथ बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य है।
इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी से दसवीं के बाद बीपीपी (बैचलर प्रिपेटरी प्रोग्राम) कोर्स करवाया जाता है।
कोर्स के बारे में : डेयरी टेक्नोलॉजी में, डेयरी इंजीनियरिंग, डेयरी केमिस्ट्री तथा डेयरी बैक्टिरियोलॉजी आदि आते हैं। कोर्स के दौरान छात्रों को मिल्क प्रोडक्शन, डेयरी इक्विपमेंट एंड यूटिलिटीज, मिल्क प्रोसेसिंग ऐंड पैकेजिंग, डेयरी प्रोडक्ट्स, इंश्योरेंस, डेयरी मैनेजमेंट तथा मार्केटिंग से जुड़ी चीजों के बारे में बताया जाता है। इस क्षेत्र में आप डिप्लोमा इन डेयरी टेक्नोलॉजी, बीएससी इन डेयरी टेक्नोलॉजी, बीटेक इन डेयरी टेक्नोलॉजी, एमटेक इन डेयरी टेक्नोलॉजी, एमएससी इन डेयरी टेक्नोलॉजी कर सकते हैं।
अवसर: कोर्स के बाद प्राइवेट अथवा पब्लिक सेक्टर में नौकरी की भरपूर संभावनाएं होती हैं। डेयरी टेक्नोलॉजिस्ट, सुपरवाइजर,कंसल्टेंट, डेयरी इंजीनियर, डेयरी साइंटिस्ट, रिसर्चर, टीचिंग, प्लांट मैनेजर के तौर पर नौकरियों के भरपूर मौके रहते हैं।  इस क्षेत्र में आठ से दस वर्ष का अनुभव लेने के बाद कंसल्टेंट के रूप में भी काम किया जा सकता है। इसके अलावा आप सरकार के द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के तहत लोन लेकर अपना  व्यवसाय भी शुरू कर सकते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार 2020 तक डेयरी के क्षेत्र में पांच लाख से ज्यादा नौकरियां पैदा होंगी।
वेतनमान: शुरुआती तौर पर 30 से 35 हजार रुपए तक तनख्वाह मिलती है। अनुभव होने के बाद लाखों रुपए तक तनख्वाह हो सकती है
संस्थान
इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी दिल्ली
नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट, हरियाणा
इलाहाबाद एग्रीकल्चरल इंस्टीट्यूट, इलाहाबाद
आनंद एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, गुजरात
संजय गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ डेयरी साइंस एंड टेक्नोलॉजी, बिहार
कॉलेज ऑफ वेटनरी साइंस, तिरुपति, आंध्र प्रदेश

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