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केरल में राजनीतिक इतिहास की नई इबारत लिखी गई! केरल के इतिहास में पहली बार वहां भाजपा का कमल खिला है; भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ओ़ राजगोपाल ने विधानसभा चुनाव में राजधानी तिरुअनंतपुरम के निकट नेमाम क्षेत्र से जीत हासिल की है। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी वी़ सिवनकुट्टी को हराया है। राजगोपाल को 67,813 मत हासिल हुए जबकि सिवनकुट्टी और यूडीएफ के प्रत्याशी को क्रमश: 59,142 एवं 13,860 मत प्राप्त हुए। इस तरह भाजपा ने राज्य विधानसभा में अपना खाता खोला है।
राजेत्तन नाम से प्रसिद्ध ओ़ राजगोपाल की जीत राज्य भाजपा इकाई के लिए बड़ी उपलब्धि है। ऐसा इसलिए क्योंकि भाजपा 1980 में अपने गठन के बाद से राज्य से लोक सभा या विधानसभा में पहुंचने का जीतोड़ प्रयास कर रही थी। कुछ ऐसा ही प्रयास भाजपा से पहले भारतीय जनसंघ का भी रहा था। परंतु दोनों ही दलों को पंचायत या नगर निगम चुनाव जीतने में भी खासी दिक्कतें झेलनी पड़ी थीं। बाद में जब भाजपा पलक्कड नगर निगम क्षेत्र से सत्तासीन हुई और त्रिप्पुनिथुरा नगर निगम और तिरुअनंतपुरम नगर निगम से क्रमश: 13 और 35 पार्षदों के साथ मुख्य विपक्षी दल के तौर पर उभरी तो उस जीत से केरल के लोग खासे चकित रह गए थे। लेकिन इसके बाद 2014 में राजगोपाल को शशि थरूर ने लोक सभा चुनाव में बेहद कम अंतर से हराया। फिर विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान माकपा की अगुआई में एलडीएफ और कांग्रेस की अगुआई में यूडीएफ के नेता लगातार दावे करते जा रहे थे कि भाजपा असेंबली में नहीं पहुंच सकेगी। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ए़ के़ एंटनी ने तो यहां तक कह दिया था कि केरल के लोग कभी किसी भाजपा प्रत्याशी को नहीं जिताएंगे। उनका लक्ष्य भाजपा मुक्त असेंबली था! एंटनी ने दावा ठोंका था कि यदि भाजपा के किसी कार्यकर्ता को असेंबली हॉल में जाना हो तो उसे आगंतुक पास बनवाकर ही जाना होगा!
भाजपा का कथन था कि मतदान संपन्न होने के तुरंत बाद एलडीएफ और यूडीएफ ने अपने वादे के अनुसार क्रॉस वोटिंग कराई थी। भाजपा के कार्यकर्ताओं का मानना है कि क्रॉस वोटिंग के कारण ही वट्टीयूरक्कावू और चेंगन्नूर के वरिष्ठ नेता कुम्मनम राजशेखरन और पी़ एस़ श्रीधरण पिल्लई की हार हुई है। मंजेश्वरम से भाजपा नेता के़ सुरेंद्रन भी इसी कारण मात्र 89 मतों से हारे। उनके यूडीएफ प्रतिद्वंद्वी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के पी़ बी़ अब्दुल रज्जाक ने जनम टीवी पर एक महीने पहले कहा था कि भाजपा को जीतने से रोकने के लिए यूडीएफ एलडीएफ के साथ कुछ 'व्यवस्था' करने से गुरेज नहीं करेगा। पलक्कड में कुछ ऐसी ही व्यवस्था देखने को मिली है। भाजपा केरल में आमजन के निकट है। इसलिए राजगोपाल की जीत राजग के सभी प्रत्याशियों की जीत है। खास बात यह है कि 7 चुनाव क्षेत्रों में भाजपा दूसरे स्थान पर रही है। ये हैं- पलक्कड, मंजेशवरम, कझाकुट्टम, वट्टीयूरकावू, कासरगोड, चट्ठनूर और मलमपुझा।
ये चुनावी नतीजे राज्य में समूची भाजपा को खासे उत्साहित करने वाले हैं। इनका असर अगले आम चुनावों में भी देखने को मिल सकता है। इन नतीजों से एलडीएफ और यूडीएफ के खेमों में सदमे की सी स्थिति है। खास बात यह है कि चुनावों में कांग्रेस की हालत बद से बदतर नजर आई है। कांग्रेस के चार मंत्री मिलकर भी चुनाव नहीं जीत सके। यूडीएफ के दो अन्य दल जद (यू) और आरएसपी का एक भी विधायक असेंबली में नहीं पहुंच सका है। – टी़ सतीशन, केरल
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