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'थैंक्यू दलाई लामा' फोटो प्रदर्शनी प्रतिष्ठित ऑल इंडिया फाइन आर्ट्स एंड क्राफ्ट्स सोसाइटी, उत्तरी दिल्ली में 9-15 अप्रैल, 2016 तक आयोजित की गई। यह प्रसिद्ध फोटो पत्रकार विजय क्रांति द्वारा खींची गईं दलाई लामा की तस्वीरों की सबसे बड़ी प्रदर्शनी थी जिसका आयोजन अक्षत क्रांति महाजन ने किया। यह भव्य फोटो-प्रदर्शनी श्रृंखला 'बुद्धाज होम कमिंग' का 5वां और अंतिम भाग थी जो तिब्बती शरणार्थियों और उनके अलौकिक आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा के जीवन का चित्रण करती है। पिछली चार प्रदर्शनियां 2011 में बार्सिलोना, स्पेन में, 2012 में दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में, 2013 में चंडीगढ़ के ललित कला संग्रहालय में और 2014 में ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में आयोजित की गईं।
लगभग 300 फोटो की इस प्रदर्शनी में थंगका चित्रकारी, रेत मंडाला चित्रकारी और मक्खन मूर्तिकला जैसी तिब्बती आध्यात्मिक कला का जीवंत प्रदर्शन हुआ। साथ ही, यह प्रदर्शनी भारत में रह रहे तिब्बतियों की विरासत और एक विदेशी जमीन पर अपनी संस्कृति के पुनर्निर्माण की उनकी सफल कोशिशों की यात्रा दर्शा रही थी। एक फोटोग्राफर के रूप में विजय क्रांति खुद कहते हैं, ''यह चित्रों के रूप में एक अद्भुत शरणार्थी समुदाय, उनके नेता और उनके उदार मेजबान के प्रति आभार प्रदर्शन है।''
प्रदर्शनी को चार भागों में बांटा गया, जिसमें आयोजन स्थल की चार दीर्घाएं शामिल हैं। पहला भाग दलाई लामा को समर्पित है। दूसरे भाग में तिब्बती संस्कृति का चित्रण है। तीसरे भाग में तिब्बती शरणार्थियों के सामाजिक जीवन को दर्शाया गया है और चौथे भाग में तिब्बती संस्कृति और वहां के जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में फोटोग्राफर के कौशल का एक ऐसा कलात्मक प्रदर्शन है जिसकी हर तस्वीर एक पूरी कहानी बयान करती है और इस कहावत को साकार करती है कि 'तस्वीरें शब्दों से ज्यादा बोलती हैं।'
इस प्रदर्शनी को हर क्षेत्र से जुड़ी हस्तियों ने देखा। छात्रों में इसे लेकर खास तौर पर दिलचस्पी दिखी जो तिब्बत, वहां के लोगों, उनकी संस्कृति और उनके संघर्ष के बारे में जानना चाहते थे। तिब्बती समुदाय के लोगों ने फोटोग्राफर के प्रति आभार जताने के लिए प्रदर्शनी में भाग लिया। प्रदर्शनी की खास बात यह रही कि इसके दूसरे दिन खुद दलाई लामा विजय क्रांति को आशीष देने आए थे। -के. आयुषि
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