जम्म्-कश्मीर/एनआईटी विवाद - श्रीनगर में अलगाववादी षड्यंत्र
July 15, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

जम्म्-कश्मीर/एनआईटी विवाद – श्रीनगर में अलगाववादी षड्यंत्र

by
Apr 11, 2016, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 11 Apr 2016 12:49:07

देश विरोधी नारों का विरोध करने और 'भारत माता की जय' के नारे लगाने के कारण श्रीनगर स्थित एनआईटी परिसर में इन दिनों माहौल गर्म है। भारत के वेस्ट इंडीज से मैच हारने के बाद देश विरोधी मानसिकता रखने वाले कश्मीरी छात्रों के खुशी मनाए जाने और देश विरोधी नारे लगाए जाने के बाद शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। परिसर में तिरंगा फहराने के चलते जिस तरह स्थानीय पुलिस ने बाहर से आकर पढ़ रहे छात्रों पर लाठियां भांजी और आंसू गैस के गोले छोड़े, उसका किसी तरह से समर्थन नहीं किया जा सकता। अलगाववादी और विपक्षी दल लगातार इस संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं। अलगाववादी इस मामले को कश्मीरी और गैर कश्मीरी का मुद्दा बनाकर राज्य में ऐसी परिस्थितियां पैदा करना चाहते हैं कि उन्हें लोगों की सहानुभूति मिले और वे जनता को बरगला सकें। फिलहाल तनाव की स्थिति को देखते हुए पूरे परिसर में सीआरपीएफ को तैनात कर दिया गया है।
पूरे घटनाक्रम पर एक नजर डालें। एनआईटी श्रीनगर में 31 मार्च की रात भारत के वेस्टइंडीज से टी-20 मैच हारने के बाद कुछ कश्मीरी छात्रों ने देश विरोधी नारेबाजी की और दूसरे राज्यों से आकर यहां पढ़ाई कर रहे छात्रों के कमरों पर पथराव किया। छात्रों ने कॉलेज के सुरक्षाकर्मियों को मामले की जानकारी दी, लेकिन उन्होंने कोई हस्तक्षेप नहीं किया। अगले दिल 1 अप्रैल को छात्रों ने  हॉस्टल के चीफ वार्डन डॉ. अब्दुल लीमान और एनआईटी के निदेशक प्रो. रजत गुप्ता को मामले से अवगत कराया, दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की, लेकिन कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला। भारत विरोधी नारों और हॉस्टल में हुई पत्थरबाजी से आक्रोशित छात्रों ने 'भारत माता की जय' के नारे लगाते हुए तिरंगा हाथ में लेकर कैंपस में रैली निकाली तो हंगामा हो गया। देश विरोधी नारेबाजी करने वाले छात्र भी वहां इकट्ठे हो गए। बी. टेक. प्रथम वर्ष के एक छात्र ने फोन पर बताया, ''कैंपस में बाहर के छात्र भी घुस आए और उन्होंने हमसे हाथापाई शुरू कर दी। कॉलेज प्रशासन ने किसी तरह का बीच-बचाव करने की कोशिश नहीं की, इसके उलट स्थानीय पुलिस ने दूसरे राज्यों के छात्रों को दौड़ा-दौड़ाकर लाठियों से पीटा, दर्जनों छात्रों को चोट आई। इससे नाराज होकर छात्र कैंपस में सुरक्षा की मांग को लेकर हड़ताल पर
चले गए। ''
एनआईटी के चिनाब हॉस्टल में रहने वाले बी. टेक. द्वितीय वर्ष के एक छात्र ने बताया, ''अगले दिन दो अप्रैल को स्थानीय छात्र बाहर के कुछ लड़कों के साथ हॉस्टल में आए और वहां रह रहे छात्रों के कमरों में जाकर उन्हें धमकाया। उन्होंने छात्रों से कहा कि 'तुम हिन्दुस्थान से कश्मीर में पढ़ने आए हो, सो चुपचाप पढ़ाई करो, ज्यादा बोलोगो तो जान से जाओगे।'' सबसे गंभीर बात यह है कि छात्राओं को बलात्कार की धमकी दी गई।  5 अप्रैल की शाम को जब छात्रों ने कैंपस के बाहर खड़े मीडिया से बात करने की कोशिश की तो फिर से उन पर लाठीचार्ज किया गया और आंसू गैस के गोले छोड़े गए। बाद में घटना के लिए 20 गैर-कश्मीरी छात्रों के विरुद्ध मामले भी दर्ज कर लिए गए।
एनआईटी में जो हुआ, वह कश्मीर के लिए नया नहीं है। श्रीनगर की सड़कों पर अक्सर कुछ अलगाववादी भारत विरोधी नारेबाजी करते रहते हैं, वे कभी पाकिस्तानी झंडा लहराते हैं तो कभी आईएस का झंडा लहराते हैं। यह बात दीगर है कि अब उन्हें स्थानीय लोगों से किसी तरह का समर्थन नहीं मिलता। जानकारों का कहना है कि एक दौर था जब अलगाववादियों को स्थानीय लोगों का समर्थन मिलता था, लेकिन समय के साथ अब सबकुछ बदल चुका है। अब कश्मीर घाटी में ऐसा कुछ नहीं है। यहां के लोग भलीभांति जान चुुके हैं कि अलगाववादियों का मकसद क्या है? वे उनसे सहयोग नहीं करते इसीलिए अलगाववादी आए दिन कुछ न कुछ विवादास्पद बोलकर सुर्खियों में बने रहना चाहते हैं ताकि उन्हें फिर से स्थानीय लोगों का समर्थन मिल सके।
एनआईटी में छात्रों के बीच हुए विवाद में साजिश की बू आती है। विपक्षी दल और अलगाववादी दोनों अपने फायदे के लिए इस मौके को भुनाने की कोशिश में जुटे हैं। उदाहरण के तौर पर एनआईटी के छात्रों से बात करने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय की तरफ से दो सदस्यीय दल भेजे जाने के मामले को लेकर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भाजपा-पीडीपी गठबंधन सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने अपने  ट्वीट में कहा, ''मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा एनआईटी में तुरंत टीम भेजना और राज्य पुलिस के स्थान पर सीआरपीएफ को तैनात करना यह संकेत देता है कि केंद्र को मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती पर विश्वास नहीं है।'' मामले ने जब तूल पकड़ा तो उन्होंने दूसरा ट्वीट किया जिसमें उन्होंने कहा ''दूसरे राज्यों के छात्रों को कश्मीरी छात्रों की तरह बर्ताव नहीं करना चाहिए। उन्हें शांति से काम लेना चाहिए।''  कश्मीरी अलगाववादी नेता सैय्यद अली शाह गिलानी ने  ट्वीटर अकाउंट पर 2 अप्रैल को एनआईटी मामले को लेकर एक धमकी भरा ट्वीट किया कि ''भारतीय अपने दिमाग में इस बात को बिठा लेें कि कश्मीर दिल्ली नहीं है और न ही भारत का कोई अन्य राज्य''। इसके बाद 6 अप्रैल को गिलानी के ट्वीटर हैंडल पर एक समाचार का लिंक शेयर किया गया। इसमें गिलानी ने कहा, '' यह कश्मीरी संस्कृति है कि यहां पढ़ने वाले भारतीयों को कोई हानि नहीं पहुंचाई जाती। मुंबई और अन्य महानगरों में पढ़ने वाले छात्रों को हमेशा धमकियां दी जाती हैं, लेकिन यदि अब ऐसा होगा तो श्रीनगर में उसकी प्रतिक्रिया देखने को मिलेगी।'' इसके  बाद मामला बिगड़ता देख गिलानी ने एक और ट्वीट किया जिसमें गैर-कश्मीरी छात्रों को आश्वासन दिया गया है कि यदि वे यहां पढ़ाई करते हैं तो उनकी पूरी हिफाजत की जाएगी।
बहरहाल  स्थानीय मीडिया भी इस मामले को कश्मीरी और गैर कश्मीरी रंग में जुट गया है। एक न्यूज चैनल पर बहस के दौरान दिल्ली से छात्रों से बात करने गए दो सदस्यीय दल पर सवाल उठाए गए। कहा गया, ''मेवाड़ विश्वविद्यालय में 31 मार्च को टी-20 मैच में भारत के हारने के बाद मेस में झगड़ा हुआ। इस पर कश्मीर के रहने वाले नौ छात्रों को निलंबित कर दिया गया तो वहां मंत्रालय से किसी को क्यों नहीं भेजा गया?'' यहां तक कि एनआईटी में छात्रों पर हुए लाठीचार्ज के बाद भी कश्मीर के स्थानीय मीडिया में जो खबरें आईं, उनको इस तरह से प्रस्तुत किया गया कि मानो सारी गलती एनआईटी में पढ़ने वाले दूसरे राज्यों से आए छात्रों की है।
केंद्र और जम्मू-कश्मीर सरकार दोनों को इस मामले की गंभीरता को देखते हुए ऐसा रास्ता निकालना चाहिए कि कैंपस में दोबारा ऐसी स्थिति न बने। मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी का कहना है कि, ''उन्होंने जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री से बात की है। छात्रों के साथ किसी तरह का अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।'' केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह भी मुख्यमंत्री से बात कर चुके हैं। राज्य के उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह का कहना है, ''छात्रों पर लाठीचार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी।''
वहीं मानव संसाधन विकास मंत्रालय की तरफ से छात्रों से बात करने पहुंचे दो सदस्यीय दल जिसमें निदेशक तकनीकी शिक्षा संजीव शर्मा और उप निदेशक फजल महमूद शामिल थे, से छात्रों ने स्पष्ट कहा कि वे अब श्रीनगर में रहकर पढ़ाई नहीं करना चाहते। उन्हें किसी दूसरे एनआईटी में स्थानांतरित किया जाए। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने भी छात्रों पर हुए लाठीचार्ज की निंदा की है और मामले को लेकर दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है। इसके अलावा उनसे कॉलेज और राज्य प्रशासन से कैंपस में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की मांग की है।     -आदित्य भारद्वाज

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

सुशांत कुमार मजूमदार  (File Photo)

अपहरणकर्ता मजहबियों से कैसे मुक्त हुए सुशांत मजूमदार? क्यों बांग्लादेश में आएदिन हिन्दुओं को किया जा रहा अगवा!

anand mahindra

आनंद महिंद्रा ने अपने करियर के 44 साल पूरे होने पर बताया सफलता का मूल मंत्र

Bihar Voter List Verification

बिहार में फर्जी वोटर्स का भंडाफोड़, चुनाव आयोग ने 35.69 लाख नाम वोटर लिस्ट से हटाए

Supreme Court

अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर कुछ भी पोस्ट नहीं कर सकते, SC ने कार्टूनिस्टोंं और स्टैंडअप कॉमेडियनों पर की सख्त टिप्पणी

प्रतीकात्मक तस्वीर

नाम बदलकर, टीका लगाकर और कलावा बांधकर हिंदू लड़कियों को फंसाने की चल रही साजिश, लव जिहादियों से सतर्क रहने की जरूरत

CM Yogi

29.6 लाख करोड़ की ओर बढ़ी यूपी की अर्थव्यवस्था, CM योगी आदित्यनाथ ने बताया आत्मनिर्भरता का मार्ग

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

सुशांत कुमार मजूमदार  (File Photo)

अपहरणकर्ता मजहबियों से कैसे मुक्त हुए सुशांत मजूमदार? क्यों बांग्लादेश में आएदिन हिन्दुओं को किया जा रहा अगवा!

anand mahindra

आनंद महिंद्रा ने अपने करियर के 44 साल पूरे होने पर बताया सफलता का मूल मंत्र

Bihar Voter List Verification

बिहार में फर्जी वोटर्स का भंडाफोड़, चुनाव आयोग ने 35.69 लाख नाम वोटर लिस्ट से हटाए

Supreme Court

अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर कुछ भी पोस्ट नहीं कर सकते, SC ने कार्टूनिस्टोंं और स्टैंडअप कॉमेडियनों पर की सख्त टिप्पणी

प्रतीकात्मक तस्वीर

नाम बदलकर, टीका लगाकर और कलावा बांधकर हिंदू लड़कियों को फंसाने की चल रही साजिश, लव जिहादियों से सतर्क रहने की जरूरत

CM Yogi

29.6 लाख करोड़ की ओर बढ़ी यूपी की अर्थव्यवस्था, CM योगी आदित्यनाथ ने बताया आत्मनिर्भरता का मार्ग

ईडी कार्यालय में पूछताछ के लिए जाते रॉबर्ट वाड्रा (फाइल फोटो)

मनी लॉन्ड्रिंग: ED ने रॉबर्ट वाड्रा से की लंबी पूछताछ, हथियार बिचौलिये संजय भंडारी मामले में भेजा था समन

Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट ने RSS और PM मोदी पर अपमानजनक कार्टून मामले में दिखाई सख्ती, कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय की जमानत खारिज

सरदार फौजा सिंह

Turban Tornado: विश्व के सबसे उम्रदराज एथलीट फौजा सिंह का सड़क हादसे में निधन, 100 साल की उम्र में बनाए 8 रिकॉर्ड

क्या आप मेथी दाना खाने के ये फायदे जानते हैं?

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies