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पुणे ''आज हमें ऐसी शिक्षा की आवश्यकता है जो केवल जीविका दिलाने वाली न हो बल्कि अच्छा मनुष्य बनने की सीख देने वाली हो। शिक्षा मनुष्य की अनिवार्य जरूरत भी है और बुनियादी अधिकार भी लेकिन वर्तमान शिक्षा इस कसौटी पर खरी नहीं उतरती।'' ये विचार क्रांतिवीर चाफेकर स्मारक समिति की ओर से चिंचवाड़ में पुनरुत्थान समरसता गुरुकुलम की दशकपूर्ति के कार्यक्रम में सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत ने व्यक्त किए। श्री भागवत ने कहा कि वर्तमान शिक्षा से मनुष्य न तो स्वाभिमानी बन सकता है और न ही स्वावलंबी। मनुष्य को सम्मान के साथ जीना आना चाहिए। शिक्षा का उद्देश्य यह होना चाहिए कि वह प्रत्येक को मनुष्य की तरह जीना सिखाए। इस समारोह में विभिन्न क्षेत्रों में योगदान देने वाले डॉ. नरेन्द्र जाधव (मुम्बई) इंदुमती काटदरे (वडोदरा), महेश शर्मा (झाबुआ), सुनील देशपांडे (चंद्रपुर) डॉ. प्रभाकर मांडे, रमेश पतंगे (मुंबई), लक्ष्मीबाई गोरडे (पुणे), रवींद्र शर्मा, गणेश शास्त्री, द्रविड़ (वाराणसी) तथा शांतिलाल मुथा व मेंद्र शाहा (पुणे) को श्री भागवत ने सम्मानित किया। इसके साथ ही अभिनव शैक्षणिक प्रयोग 'सिंहावलोकन' नामक पुस्तक का भी लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर सांसद अमर साबले, डॉ. विनय सहस्रबुद्धे, संस्था के अध्यक्ष गिरीश प्रभुणे और अधिवक्ता सतीश गोरडे उपस्थित थे। विसंके, पुणे
मेरठ में विशाल 'स्वयंसेवक संगम'
मेरठ । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मेरठ महानगर के तत्वावधान में 14 फरवरी को एक विशाल 'स्वयंसेवक संगम' आयोजित किया गया। भैसाली मैदान में आयोजित इस संगम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सहसरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबले ने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि संघ समाज को संगठित कर दुर्गुणों से मुक्त भारत को परम वैभव दिलाने के लिए ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन करता है। भारत की तस्वीर बदलने की यह साधना विगत 90 वर्षों से चल रही है। श्री होसबले ने कहा कि जापान के प्रधानमंत्री वाराणसी में मां गंगा की आरती करते हैं, ऐसा भारत में पहली बार हुआ है। योग, प्राणायाम, कुटुम्ब पद्घति, पर्यावरण संरक्षण ये सब विश्व को हिन्दू जीवन पद्घति की ही देन हैं।
जेएनयू में चल रहे देश विरोधी षड्यंत्र पर श्री होसबले ने कहा कि एक तरफ पूरा देश लांस नायक हनुमंतप्पा के लिये भगवान से प्रार्थना कर रहा था तो जेएनयू में कुछ छात्र देश विरोधी नारे लगा आतंकियों की जय-जयकार कर रहे थे। आखिर शिक्षा के मंदिर में देश विरोधी नारे लगाने वाले लोगों की पीढ़ी तैयार कैसे हो गई? और अभिव्यक्ति की स्वतं़त्रता की बात वे कर रहे हैं जिन्होंने 1975 मेंे पूरे देश को जेल बना दिया था। संविधान के मौलिक अधिकारों का हनन करने वाले आज कह रहे हैंं कि यह स्वतंत्रता की आवाज को दबाने की कोशिश है।
इस विशाल स्वयंसेवक संगम में प्राकृतिक रंगों से सजे मंच पर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया। प्लास्टिक के फ्लेक्स के स्थान पर कपड़े पर प्राकृतिक रंगों से बैनर बनाया गया। साथ ही ध्वजमंडल और मंच के पास बनी रंगोली में प्राकृतिक रंगों का प्रयोग कर सजाया गया था।
स्वयंसेवक संगम में क्षेत्र संघचालक दर्शनलाल अरोड़ा, क्षेत्र प्रचारक आलोक कुमार, प्रान्त संघचालक सूर्यप्रकाश टोंक, सह प्रान्त प्रचारक कर्मवीर, प्रान्त कार्यवाह फूलसिंह, सह प्रान्त कार्यवाह जोगेन्द्र दत्त, प्रान्त प्रचारक धनीराम, विभाग कार्यवाह अशोक कुमार, विभाग प्रचारक अनिल कुमार, महानगर संघचालक विनोद भारतीय, महानगर कार्यवाह अनिल कुमार, महानगर प्रचारक धनंजय, मेरठ महानगर कार्यकारिणी के सभी सदस्यों समेत संघ के समविचारी संगठनों के लोगों ने भाग लिया।विसंके, मेरठ
विज्ञान और अध्यात्म पर वैचारिक कुंभ में चर्चा
भोपाल सिंहस्थ के दौरान 12, 13 और 14 मई 2016 को उज्जैन और इन्दौर के बीच निनौरा में बसाये जा रहे विशेष अस्थायी नगर में वैचारिक महाकुंभ का आयोजन होगा। महाकाल की पावन भूमि से पूरी दुनिया को एक संदेश दिया जायेगा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ़ मोहनराव भागवत और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित देश और दुनिया के बड़े बुद्धिजीवी इसमें शामिल होंगे। आयोजन से जुड़े राज्यसभा सांसद अनिल माधव दवे के अनुसार अंतर्राष्ट्रीय परिसंवाद में कई राष्ट्राध्यक्षों सहित 300 से अधिक विदेशी प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। समापन समारोह में प्रधानमंत्री पूरे विश्व के सम्मुख सभी वैचारिक कुंभों का निष्कर्ष रखेंगे। गत 12, 13 और 14 फरवरी को भोपाल में चौथे वैचारिक कुम्भ का आयोजन हुआ था। इसका विषय था – 'विज्ञान और अध्यात्म।'
संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रा.स्व.संघ के सहसरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल ने कहा कि पाश्चात्य जगत में धर्म और विज्ञान में द्वंद्व है। भारत में धर्म का स्वरूप व्यापक है। इसके अंत:रूप में धर्म है। सभ्यता विज्ञान और अर्थ से आगे बढ़ती है। सभ्यता परिवर्तनशील है, जबकि संस्कृति स्थायी है। संस्कृति में अध्यात्म है जो जीवन को दिशा देता है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति के सद्गुण अध्यात्म से प्रकट होते हैं। विज्ञान लेना सिखाता है जबकि अध्यात्म देना सिखाता है। अध्यात्म के बिना विज्ञान, विनाश कर सकता है। उद्घाटन सत्र के अध्यक्ष मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि विज्ञान और अध्यात्म परस्पर पूरक हैं। भारत में मिलकर विचार करने की पुरानी परंपरा है। सिंहस्थ के परिप्रेक्ष्य में वैचारिक कुंभ के माध्यम से इस परंपरा को पुनर्जीवित किया गया है। अध्यात्म मनुष्य को जीवन के अंतिम लक्ष्य तक पहुंचाता है।
मुख्य वक्ता डॉ़ एच़ आऱ नागेन्द्र ने कहा कि आधुनिक विज्ञान चार सदी पहले शुरू हुआ। भौतिक विश्व के आगे क्या है, यह अध्यात्म ही बताता है। उपनिषदों में ज्ञान और अध्यात्म का भंडार है। अध्यात्म से आधुनिक समय की सारी चुनौतियों के समाधान ढूंढ़े जा सकते हैं।
डॉ. कपिल तिवारी ने कहा कि अध्यात्म एक तरह की अंतर्यात्रा है। स्वामी विवेकानन्द योग एवं अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ़ आऱ नागरत्ना ने एक शोध के हवाले से बताया कि अस्थमा के इलाज में ॐ के उच्चारण प्रयोग का चमत्कारी प्रभाव सामने आया। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली की डा़ॅ रमा जयसुंदर ने कहा कि वर्तमान में बीमारियों के साथ-साथ इलाज की कीमतें भी बढ़ रही हैं। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय, ब्रिटेन के डॉ. मदन थंगावेलू ने कहा कि वर्ष 2001 में वैज्ञानिकों ने जीनोम का अनुक्रमण पूरा कर लिया था। गणितज्ञ प्रो़ घनश्याम पाण्डे ने कहा कि उज्जैन ने विश्व को गणित के क्षेत्र में बहुत कुछ दिया है। इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ. जी़ माधवन नायर ने कहा कि विज्ञान और अध्यात्म के रास्ते भिन्न हैं, लेकिन दोनों का उद्देश्य एक ही है- सत्य की खोज। रामकृष्ण मिशन विवेकानन्द विश्वविद्यालय कोलकाता के कुलपति स्वामी आत्मप्रियानन्द ने कहा कि विज्ञान और अध्यात्म का संयोग जरूरी है।
कार्यक्रम के समापन सत्र में डॉ़ नागेन्द्र, विज्ञान भारती के संरक्षक शंकरराव तत्ववादी और मध्यप्रदेश शासन के वैज्ञानिक सलाहकार प्रो़ प्रमोद वर्मा ने तीन दिनों के विमर्श का विश्लेषण प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संयोजन मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के वरिष्ठ वैज्ञानिक तस्लीम हबीब और डॉ. कपिल खरे ने किया। अनिल सौमित्र
जल चिकित्सा द्वारा नशामुक्ति अभियान
दिल्ली के निकट लोनी क्षेत्र के बेहटा हाजीपुर में एक व्यक्ति के प्रयासों से पिछले 22 साल में हजारों-लाखों लोग नशे की बुरी लत छोड़ चुके हैं। यहां स्थित जगज्जननी दरबार के जयकुमार शर्मा यह सेवा पूरी तरह नि:शुल्क करते हैं और इलाज के लिए सिर्फ जल का प्रयोग करते हैं। वे ऐसा किसी प्रकार के जादू मंत्र से नहीं, बल्कि सुप्त मनोवैज्ञानिक शक्ति से करते हैं। श्री शर्मा लोगों में भारतीय नैतिक मूल्यों के विकास और धार्मिक आस्था को जगाने का काम भी कर रहे हैं।
15 फरवरी को जगज्जननी दरबार के 22वें वार्षिक दिवस पर आयोजित विराट धर्म सभा में साध्वी प्राची भी उपस्थित थीं, उन्होंने कहा कि आज देशद्रोही तो बढ़-चढ़कर अपनी बात बोल रहे हैं लेकिन देशभक्त चुप्पी साधे अपने घरों में बैठे हैं। देशभक्तों को आगे बढ़कर इसकी रक्षा करनी होगी। प्रतिनिधि
अभिनव गुप्त सहस्राब्दी समारोह की शुरुआत
कन्याकुमारी से कश्मीर तक के भारत के लोगों को अगर कोई जोड़ता है तो वह है शैव सिद्धांत। यह दु:ख की बात है कि जिन आचार्य अभिनव गुप्त ने यह संभव किया उनका आज विद्यालयी पाठ्यक्रमों में कोई जिक्र नहीं है। ये विचार श्री श्री रविशंकर ने विज्ञान भवन में 13 फरवरी को आचार्य अभिनव गुप्त सहस्राब्दी समारोह के उद्घाटन अवसर पर व्यक्त किए।
इस अवसर पर जम्मू कश्मीर अध्ययन केंद्र के अध्यक्ष पद्मश्री श्री जवाहर लाल कौल की पुस्तक 'अभिनव गुप्त एंड द शैव रेनेंसा' का विमोचन भी हुआ। उल्लेखनीय है कि जम्मू कश्मीर अध्ययन केंद्र और आर्ट ऑफ लिविंग समेत कई दूसरे संगठनों के सहयोग से इस वर्ष देशभर में आचार्य अभिनव गुप्त सहस्राब्दी वर्ष मनाया जाएगा। इस हेतु एक अखिल भारतीय सहस्राब्दी समारोह समिति का गठन किया गया है, जिसके अध्यक्ष आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर हैं।
समारोह के शुरू में लखनऊ विश्वविद्यालय के संस्कृत और प्राकृत भाषा विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. नवजीवन रस्तोगी ने कहा कि आचार्य अभिनव गुप्त खुद में एक विश्वकोश थे।
कश्मीर में शैव दर्शन के प्रस्तावक के रूप में विख्यात अभिनव गुप्त ने तंत्र और रंगमंच पर भी कई किताबें लिखी हैं। भरत मुनि के नाट्यशास्त्र पर उनकी टीका भारतीय काव्य, नाटक, नृत्य और संगीत जगत का एक अनिवार्य हिस्सा है।
आचार्य गुप्त ने प्राचीन पुस्तकों और वेदों की कम से कम 250 पांडुलिपियों का अध्ययन किया और उन्हें आम आदमी के लिए एक सरल प्रारूप में प्रस्तुत किया।
हिंदू धर्म आचार्य सभा के संयोजक स्वामी परमात्मानंद ने कहा कि पूर्वजों के प्राचीन ज्ञान को हमें पुनर्जीवित करने के प्रयास करने चाहिए।
केंद्रीय मंत्री किरण श्री रिजीजू ने कहा कि हमने दुनिया को महान संदेश दिया है, लेकिन अब अपने महान गुरुओं द्वारा दिखाए पथ को हम भूल गए हैं। यही आज हमारी समस्याओं का कारण है। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि आचार्य अभिनवगुप्त की सहस्राब्दी मनाकर हम स्वयं को अनुग्रहीत कर रहे हैं।
ब्रिटिश संसद के सदस्य बॉब ब्लैकविल ने समारोह में कहा कि ''भारत एक आनंदमय जगह है और मैं आज यहां आकर बहुत खुश हूं।'' उन्होंने ब्रिटेन के विकास में असीम योगदान के लिए भारतीय मूल के लोगों को धन्यवाद देते हुए इस अवसर पर संयुक्त राष्ट्र में भारत के लिए स्थायी सीट के लिए अपने समर्थन की घोषणा की। प्रतिनिधि
श्रमदान से नदी पर बनाया अस्थायी पुल
दंतेवाड़ा। पाहुरनार में एक किमी. फैली इंद्रावती नदी पर 150 ग्रामीण विगत दिनों से अस्थायी पुल तैयार कर रहे हैं। नदी के दोनों ओर ग्रामीणों का अपार जनसमूह नजर आता है। महिलाएं और पुरुष बराबरी से इस काम में पूरे उत्साह से लगे हुए हैं और काम समाप्ति की ओर है। ग्रामीणों को विश्वास है कि शीघ्र ही ट्रैक्टर के माध्यम से राशन पाहुरनार पहुंचने लगेगा। सरपंच पोसे कश्यप ने बताया कि पिछले साल भी उन्होंने अस्थायी पुल तैयार किया था, जिससे ट्रैक्टर के माध्यम से यहां खाद्यान्न पहुंचाना आसान हो गया था। पुल लकडि़यों का था लेकिन इंद्रावती की बाढ़ ने इसे बहा दिया था। उन्होंने फिर संकल्प लिया और इस बार फिर पुल तैयार कर लिया।
दरअसल इंद्रावती में बरसात के दौरान और बरसात उतरने के बाद भी काफी पानी रहता है और नाव ही आवागमन का एकमात्र साधन है। नदी से खाद्यान्न से भरे ट्रैक्टर का गुजरना संभव नहीं था। इसके चलते एसडीएम ने ग्रामीणों से अस्थायी पुलिया बनाने का सुझाव दिया जिसे इन लोगों ने मान लिया। लगभग एक किमी. में फैली इंद्रावती में ग्रामीणों ने रेत के बोरे आधे रास्ते पर लगाए और जहां पानी का प्रवाह है, वहां पत्थर डाल दिए। लकड़ी का अपव्यय रोकने के उद्देश्य से ग्रामीणों ने इस बार पत्थर बिछाने का निश्चय किया। एसडीएम हरेश मंडावी इस अवसर पर पाहुरनार पहुंचे। इससे अबूझमाड़ के गांवों में राशन पहुंचाना आसान हो जाएगा। इस सामूहिक प्रयास से राशन लाने की बड़ी दिक्कत दूर हो गई है। प्रतिनिधि
खुले में शौच से मुक्त हुआ एक गांव
निनवा/रायपुर। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने रायपुर जिले की निनवा ग्राम पंचायत को खुले में शौच से मुक्त होने पर ग्रामवासियों को बधाई दी है। मुख्यमंत्री को यह जानकारी निनवा के सरपंच गिरेंद्र साहू ने यहां उनके निवास पर उनसे मुलाकात के दौरान दी। साहू एक प्रतिनिधिमंडल के साथ मुख्यमंत्री डॉ. सिंह से मिलने रायपुर आये थे। मुख्यमंत्री को बताया गया कि निनवा ग्राम पंचायत रायपुर जिले की खुले में शौच से मुक्त होने वाली पहली ग्राम पंचायत है। गांव वालों ने अपने सामूहिक प्रयास से यह उपलब्धि तीन माह में ही हासिल कर ली। पिछले वर्ष 11 मार्च से इसकी शुरुआत हुई, लोगों को स्वच्छता और स्वास्थ्य के महत्व के विषय में बताने के साथ घरों में शौचालय निर्माण के लिए प्रोत्साहित किया गया। इस अभियान में ग्रामवासियों के साथ-साथ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, साक्षरता अभियान के प्रेरकों और मनरेगा के रोजगार सहायकों ने भी लोगों को स्वच्छता के लिए प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। प्रतिनिधि
हरियाणा में मनेगा प्रकाश पर्व
नई दिल्ली स्थित हरियाणा भवन में राष्ट्रीय सिख संगत का एक शिष्टमंडल हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल से मिला। गुरु गोविंद सिंह महाराज के 350वें वर्ष को राज्यभर में मनाने के आग्रह को मुख्यमंत्री ने स्वीकार कर लिया। राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार गुरचरन सिंह गिल, महामंत्री संगठन श्री अविनाश जायसवाल, महासचिव डॉ. अवतार सिंह शास्त्री, हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष स. हरीत सिंह मोंगा आदि ने मुख्यमंत्री द्वारा श्री गुरुगोविंद सिंह महाराज के पावन प्रकाश पर्व पर राजकीय अवकाश घोषित करने हेतु आभार प्रकट किया। प्रतिनिधि
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े परिवारों का शक्ति संगमम
चेन्नै : शक्ति कार्यालय में 17 फरवरी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के परिवारों ने 'शक्ति संगमम' नाम से एक अनौपचारिक सम्मेलन किया। इसमें लगभग 640 परिवारों से जुड़े 1,528 पुरुषों, महिलाओं और बच्चों ने भाग लिया।
इस बैठक में अखिल, प्रांत और क्षेत्र अधिकारियों के साथ परस्पर बातचीत का कार्यक्रम था। इस कार्यक्रम में एमानाई, पलांकुझी, पांडी और परंपदम इत्यादि परंपरागत खेल भी आगंतुकों के आकर्षण का केन्द्र रहे। इनमें बच्चों ने पूरे उत्साह और जोश के साथ भाग लिया। आयुर्वेद और पट्टी वैद्यम (परंपरागत चिकित्सा परामर्श) पर भी परस्पर चर्चा हुई जिसमें सभी महिलाओं और पुरुषों ने रुचि लेते हुए इसे उपयोगी बताया।
कार्यक्रम का उद्घाटन क्षेत्र प्रचारक श्री स्थानुमालयन ने पुष्पांजलि से किया। उपस्थित लोगों के मन मस्तिष्क में उठे प्रश्नों का समाधान व मार्गदर्शन उपस्थित रा.स्व.संघ अधिकारियों सर्वश्री सेतु माधवन, सूर्यनारायण राव एवं श्री राम गोपाल ने किया। इस अवसर पर हिन्दू मुन्नानी के आयोजक श्री भक्तवत्सलम ने परिवार और संस्कृति के महत्व पर जोर दिया। विश्व संवाद केन्द्र, चेन्नै
जेएनयू प्रकरण के विरोध में देशभर में प्रदर्शन
वाराणसी। दिल्ली के जेएनयू में देश विरोधी नारों, देश को बांटने की साजिश और भारत की बर्बादी तक जंग जारी रखने के मंसूबे पालने वालों के खिलाफ मुस्लिम राष्ट्रीय मंच, काशी प्रांत एवं मुस्लिम महिला फाउण्डेशन के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने विवेकानंद चौराहे (भेलूपुर) पर तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया। हाथों में तिरंगा, होठों पर भारतमाता के जयकारे के साथ मुस्लिम महिलाओं ने सड़क पर उतरकर जेएनयू में राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में लिप्त छात्रों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। सामाजिक संगठनों ने देश विरोधी गतिविधियों का केन्द्र बने जेएनयू की सब्सिडी बंद करने, ऐसे देशद्रोहियों की नौकरी छीनने और उनकी डिग्री रद्द करने की मांग की। विवेकानंद चौराहे पर जुटे लोगों ने जेएनयू प्रकरण में गद्दार लोगों के खिलाफ नारे लगाये और तिरंगे को सलामी देकर सार्वजनिक राष्ट्रगान गाकर देशभक्ति का संदेश दिया।
मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधियों ने देश विरोधी नारे लगाने और देश के खिलाफ साजिश रचने वालों को जेएनयू से निष्कासित करने की मांग की और कहा कि इन्हें कभी भी कोई सरकारी नौकरी न दी जाए। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय सेवा प्रमुख डॉ. राजीव श्रीवास्तव ने कहा कि जेएनयू में भारत की बर्बादी के नारे लगने से हर भारतीय का हृदय छलनी हो गया है। जिन लोगों ने 'पाकिस्तान जिन्दाबाद' कहा है उनकी नागरिकता छीनी जाए। ये वही लोग हैं जो हाफिज सईद के एजेंट के रूप में काम करते हैं।
मुस्लिम महिला फाउण्डेशन की सदस्य नाजनीन अंसारी ने कहा कि ''अफजल गुरु आतंकवादी था, भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने में उसको फांसी दी गयी, जो उसका समर्थन करते हैं वे देशद्रोही व गद्दार हैं। जेएनयू के कुछ छात्र चंद पैसों और मादक पदार्थों के लोभ में पाकिस्तान के हाथ बिककर भारत के टुकड़े करने की साजिश रचकर मुसलमानों को बदनाम कर रहे हैं।'' मुस्लिम राष्ट्रीय मंच, काशी प्रांत के संरक्षक डॉ. हेमंत गुप्ता ने कहा कि देश के सीने में छुरा घोंपने वाले गद्दारों को क्षमा नहीं किया जायेगा। जो कश्मीर का सपना देखते हैं, वे पहले बलूचिस्तान, गिलगित और लाहौर को तो बचा लें। प्रतिनिधि
दिल्ली में बुद्धिजीवियों और शिक्षाविदों का मार्च
जीवन के विविध क्षेत्रों से जुड़ी सक्रिय एवं ऊर्जस्वी सामाजिक महिलाओं की संस्था जीआईए द्वारा जेएनयू में हुई राष्ट्रविरोधी गतिविधि के खिलाफ 15 फरवरी को एक बड़े धरने का प्रदर्शन किया गया। यह प्रदर्शन मार्च विट्ठलभाई चौक, कांस्टीट्यूशन क्लब से प्रेस क्लब होता हुआ आगे अमर जवान ज्योति तक पहुंचा। लोगों ने इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में भाग लिया। बाद में अमर जवान ज्योति पर दीया जलाया गया। प्रदर्शन में वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि देश एक पीड़ादायक घटना का साक्षी बना है जहां राष्ट्रविरोधी और आतंकवाद समर्थक नारे लगे, देश को तोड़ने और एकता को खंडित करने की बात हुई। ऐसी घटनाएं राष्ट्रविरोधी शक्तियों, देश के दुश्मनों और मानवता के शत्रु आतंकवादियों को बढ़ावा देंगी। जेएनयू के बाद 11 फरवरी को प्रेस क्लब में आयोजित गोष्ठी में बैनर पर अफजल गुरु और मकबूल भट्ट के चित्रों के साथ उनके पक्ष में नारे लगाना देशद्रोह से कम नहीं है। बुद्धिजीवियों ने शिक्षा और मीडिया के इन प्रमुख केन्द्रों में हुई देशविरोधी घटनाओं की तीव्र भर्त्सना करते हुए प्रेस क्लब के अध्यक्ष को एक ज्ञापन सौंपा और गृह मंत्री से भी इनमें शामिल लोगों के खिलाफ शीघ्र कड़ी कार्रवाई की मांग की। प्रतिनिधि
गोरखपुर में विहिप और बजरंग दल का प्रदर्शन
जेएनयू में देश विरोधी तत्वों के कृत्य के खिलाफ विहिप व बजरंग दल ने गोरखपुर में जोरदार प्रदर्शन किया। 'जिस घर से अफजल निकलेगा, उस घर में घुस के मारेंगे', 'भारत माता का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान', 'वतन के गद्दारों को गिरफ्तार करो गिरफ्तार करो।'आदि नारों से गोरखपुर महानगर गूंज उठा। इस राष्ट्रद्रोही घटना पर रोष प्रकट करते हुए सभी कार्यकर्ता विभाग संयोजक दुर्गेश त्रिपाठी के नेतृत्व में जुलूस की शक्ल में नारे लगाते हुए वैष्णवी लेन से चलकर कचहरी चौराहे पहुंचे और गद्दारों का प्रतीकात्मक पुतला दहन किया। उसके बाद प्रदर्शनकारियों ने जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर जिला प्रशासन को प्रधानमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन सौंपते हुए इसमें शामिल असामाजिक तत्वों के विरुद्ध तत्काल कार्रवाई की मांग की। प्रतिनिधि
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