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र्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने राजनीतिक हत्याओं का सिलसिला दोबारा शुरू कर दिया है। हाल ही में केरल राज्य के कन्नूर जिले में संघ कार्यकर्ता की हत्या उनकी खिसकती जमीन और राजनीतिक विद्वेष के क्रूर चेहरे को उद्घाटित करती है। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का भी मानना है कि पप्पिनिसेरी में संघ के पूर्व मंडल कार्यवाह 27 वर्षीय सुजीत की हत्या इसी बदले की भावना का प्रतीक है। पता चला है कि 15 फरवरी को रात 11.50 पर माकपा के कुछ लोग सुजीत के घर में घुसे और नृशंस तरीके से उनकी हत्या तो की ही, बीचबचाव करने वाले माता-पिता और उनके भाई को बुरी तरह घायल कर दिया। इन अपराधियों ने सुजीत पर कई बार हमले किए। इससे यही बात प्रमाणित होती है कि माकपा राज्य में अपने समाप्त होते जनाधार की कुढ़न संघ और भाजपा कार्यकर्ताओं पर निकाल रही है। उसके जिला सचिव पी. जयराजन को रा.स्व.संघ के जिला शारीरिक प्रमुख कथुरूर मनोज की हत्या के आरोप में जेल भेज दिया गया था। जमानत न मिलने के बाद उसे योजनाबद्ध तरीके से एक चमक-दमक वाले अस्पताल में पूरी सुविधाओं के साथ रखा गया है। किसी भी कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए उसने बीमारी का बहाना बनाया जिस पर किसी को भरोसा नहीं है। राज्य में माकपा की खिसकती जमीन का प्रमाण यह है कि उसके सैकड़ों कार्यकर्ता पार्टी छोड़कर संघ परिवार के संगठनों से जुड़ रहे हैं। माकपा अपने संगठन में उपजे संकट का हल अब संघ परिवार के कार्यकर्ताओं की हत्या और उत्पीड़न में खोज रही है।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कुम्मनम राजशेखरन ने सुजीत की हत्या की निंदा करते हुए कहा कि यह माकपाई 'नव केरलम' का कौन सा रूप है जिसे माकपा प्रचारित कर रही है। उन्होंने हाल ही में हुई माकपा प्रमुख पिनारायी विजयन की 'नव केरल' यात्रा पर भी कटाक्ष किया।
सुजीत की हत्या ऐसे समय हुई है जब राज्य में पार्टी रैली के लिए माकपा के केन्द्रीय नेता पहुंचे थे। कुम्मनम ने कहा कि पहले माकपा ने भरोसा दिया था कि वह संघ के नेताओं से बातचीत करने के लिए तैयार है। अब उन्होंने घोषित कर दिया है कि हम संघ को खत्म करके रखेंगे। कुम्मनम कहते हैं कि अब हम माकपा नेता सीताराम येचुरी से इस बात का जवाब चाहते हैं। इस सबके बावजूद 17 फरवरी को सुबह-सुबह तलासेरी में संघ कार्यकर्ताओं द्वारा संचालित जगन्नाथ मंदिरम सेवा केन्द्रम में एक दूसरी घटना हुई। संघ कार्यकर्ता सुब्रह्मण्यम के घर पर बम से हमला किया गया। इस हमले में देसी बमों का प्रयोग किया गया। पर इसमें कोई भी व्यक्ति घायल नहीं हुआ और न ही किसी भवन को क्षति पहुंची। सुजीत की हत्या के साथ इन घटनाओं का फिर से शुरू होना बहुत ही चिंताजनक है। -टी. सतीशन
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