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दर्शकों के दिल को लुभाने वाली शिवाय ने जब 100 करोड़ से ज्यादा कमाए तो 'मल्टीस्टारर' फिल्म बनाने वाले देखते रह गए। न लंबी-चौड़ी 'स्टारकास्ट' और बेमतलब ग्लैमर रहित शिवाय ने अजय देवगन के निर्देशन को जनता के दिल में स्थान दिलवा दिया है
प्रदीप सरदाना
जय देवगन की फिल्म 'शिवाय' ने अंतत: 100 करोड़ रुपए वाले क्लब में शमिल होकर विजय पताका लहरा ही दी। ऐसा नहीं की यह अजय की पहली फिल्म है, जो 100 करोड़ रु. का विशुद्ध कारोबार करने में सफल हुई है। वे इससे पहले अपनी पांच फिल्मों को इस श्रेणी में पहुंचा चुके हैं। जिनमें गोलमाल-3, सिंघम, बोल बच्चन, सन ऑफ सरदार और सिंघम रिटर्न के नाम हैं। लेकिन 'शिवाय' अजय के लिए कई कारणों से शुरू से ही चुनौती के साथ अहम् भी थी। इसलिए इसकी सफलता-असफलता उनके लिए बहुत मायने रखती थी।
पहली बात तो यह कि अजय की 'शिवाय' तब प्रदर्शित हुई है जब उनके फिल्म करियर के 25 साल पूरे हुए हैं। उनकी पहली फिल्म 'फूल और कांटें' 22 नवम्बर, 1991 को प्रदर्शित हुई थी। इसलिए ऐसे मौके की खुशी तब ही महसूस होती है जब इस समय प्रदर्शित फिल्म सफल हो जाए। दूसरा यह कि 'शिवाय' दीवाली के मौके पर जब गत 28 अक्टूबर को प्रदर्शित हुई तो इसके साथ करण जौहर की 'ए दिल है मुश्किल' भी प्रदर्शित होने से दोनों के बीच जबरदस्त प्रतियोगिता थी। यह प्रतियोगिता तब और बढ़ गई जब करण जौहर अपनी फिल्म के लिए 'शिवाय' से कहीं अधिक स्क्रीन लेने में सफल हो गए। ऊपर से 'ए दिल है मुश्किल' में जहां रणबीर कपूर, ऐश्वर्या राय बच्चन और अनुष्का शर्मा जैसे बड़े कलाकार हैं और मेहमान भूमिका में शाहरुख खान और आलिया भट्ट भी करण की फिल्म में मौजूद हैं। वहीं 'शिवाय' सिर्फ अजय देवगन के कंधों पर टिकी थी। फिल्म की दोनों अभिनेत्रियां सायशा सैगल और एरिका कार दोनों नई हैं। फिर इस फिल्म को लेकर देवगन इसलिए भी अधिक उत्साहित थे कि 'शिवाय' का निर्देशन उन्होंने खुद किया है। वे इससे पहले भी फिल्म 'यू मी और हम' का निर्देशन कर चुके हैं लेकिन वह फिल्म नाकाम रही। इसलिए उन्हें अपनी इस फिल्म से खुद को बतौर निर्देशक भी स्थापित करना जरूरी सा हो गया था। 'शिवाय' यदि सफल नहीं रहती तो भविष्य में उनके निर्देशन पर सवालिया निशान लग सकते थे। लेकिन इन सबसे हटकर अजय के लिए चिंता की बात यह भी थी कि उनकी पिछले साल आई फिल्म 'दृश्यम' अच्छी प्रशंसा के बावजूद 100 करोड़ नहीं कमा पाई थी और उसका बिजनेस 76 करोड़ पर ठहर गया था। हालांकि 'दृश्यम' का बजट कम था और इस नजरिए से 100 करोड़ एकत्र न करने के बावजूद वह फिल्म हिट थी, बस उसके साथ 100 करोड़ का तमगा नहीं था। लेकिन 'दृश्यम' से पहले आई उनकी एक और फिल्म 'एक्शन जैक्सन' उनके साथ सोनाक्षी सिन्हा जैसी नायिका के होते हुए भी असफल हो गई थी। ़इसलिए 'शिवाय' को लेकर अजय और उनकी टीम कोई गुंजायश नहीं छोड़ना चाह रही थी।
उधर 'शिवाय' के लिए तब मुश्किल और बढ़ गई जब पाकिस्तान द्वारा उड़ी में सैनिकों पर हमले के बाद 'ए दिल है मुश्किल' में पाकिस्तानी कलाकार फवाद खान के होने के कारण, देश भर में इस फिल्म का विरोध बढ़ गया। देखने में वैसे तो 'ए दिल है मुश्किल' का विरोध 'शिवाय' के लिए लाभदायक रहता लेकिन इस विरोध के चलते 'ए दिल है मुश्किल' को देश-विदेश में करोड़ों का इतना प्रचार नि:शुल्क मिल गया कि अजय करोड़ों रुपए खर्च करके भी इतना प्रचार नहीं पा सकते थे। फिल्म का विरोध दिन पर दिन जैसे बढ़ता जा रहा था वैसे-वैसे वह फिल्म और चर्चाओं में आकर सभी की जुबान पर आ रही थी और 'शिवाय' के लिए ये निश्चय ही अच्छे संकेत नहीं थे। लेकिन तमाम विपरीत परिस्थितियों के बाद भी अजय ने हिम्मत नहीं हारी और 'शिवाय' को निर्धारित तिथि पर ही प्रदर्शित किया।
'ए दिल है मुश्किल' बड़ी स्टार कास्ट वाली, विदेशों की कई खूबसूरत स्थानों पर फिल्मांकित एक ऐसी प्रेम कहानी है जिसका संगीत रिलीज से पहले से ही अच्छा खासा लोकप्रिय हो चुका थ। फिर उसका निर्देशन भी खुद उन्हीं करण जौहर का है जिनके खाते में बतौर निर्देशक 'कुछ कुछ होता है', कभी खुशी कभी गम' और 'स्टूडेंट ऑफ द इयर' जैसी सुपर हिट फिल्में हैं। यूं करण बतौर निर्माता तो साल में एक से तीन फिल्म तक भी उतार देते हैं लेकिन फिल्म का निर्देशन कभी-कभी करते हैं। एक अंतराल के बाद वह 'ए दिल है मुश्किल' के साथ बहुत आत्मविश्वास से 'शिवाय' के सामने मैदान में उतरे थे।
उधर 'शिवाय' बुल्गारिया के चाइल्ड ट्रेफिकिंग अर्थात बाल अपहरण और बच्चों के गैर कानूनी खरीद फरोख्त के खतरनाक व्यापार पर आधारित फिल्म है। जिसमें दो-दो नायिकाएं होते हुए भी प्रेम कहानी कम और पिता-पुत्री की प्रेम गाथा अधिक दिखती है। फिल्म का आकर्षण भगवान् शिव का विनाशकारी स्वरूप है। फिल्म का नायक शिवाय भगवान शिव का ऐसा भक्त है जो मौत से नहीं डरता। जिस तरह भगवान शिव अत्याचार, पाप और अन्याय को देख जब अपना त्रिनेत्र खोलते हैं तब सम्पूर्ण विनाश करके ही दम लेते हैं। कुछ ऐसा ही कथानक 'शिवाय' का है। जिसकी शूटिंग देश के कुछ पहाड़ी स्थलों के साथ बुल्गारिया में भी की गई। 'ए दिल है मुश्किल' के पास अपना जौहर दिखाने के लिए जहां कुल लगभग 3200 स्क्रीन थीं वहां 'शिवाय' के हिस्से करीब 2200 स्क्रीन ही आ सकी थीं। सारे घटनाक्रम से साफ था कि 'ए दिल है मुश्किल' के विरोध बावजूद 'शिवाय' से कहीं अधिक मजबूत दिख रही थी। ऐसे में दीवाली पर 'ए दिल है मुश्किल' का पहले दिन की कमाई करीब 25 से 30 करोड़ रुपए का आकलन कुछ फिल्म पंडित कर रहे थे। कुछ ने तो फिल्म के पहले शो के बाद ही इस फिल्म को सुपर हिट घोषित कर दिया था। लेकिन जब ये दोनों फिल्में प्रदर्शित हुईं तो पहले दिन 'ए दिल है मुश्किल' मात्र 13 करोड़ 30 लाख ही एकत्र कर सकी और अगले दिन यह व्यापार घटकर 13 करोड़ 10 लाख और तीसरे दिन रविवार को और भी बहुत कम होकर 9 करोड़ 20 लाख पर पहुंच गया। यानी जो कुछ लोग इस फिल्म के जहां पहले एक दिन में ही 30 करोड़ रुपए कमाने की बात कर रहे थे, वहां असल में तीन दिन में भी यह फिल्म 35 करोड़ 60 लाख रुपए ही इकट्ठे कर सकी। सच कहा जाए तो इतने शोर-शराबे के बाद भी यह फिल्म सुपर हिट क्या, हिट भी नहीं है। इस बात के संकेत पहले तीन दिन में ही मिल गए। क्योंकि इन दिनों ऐसी बड़ी फिल्में यदि पहले 3 या 4 दिन में ही 100 करोड़ रुपए एकत्र कर लें तभी सुपर हिट कहलाती हैं। लेकिन 'ए दिल है मुश्किल' पहले पूरे सप्ताह में भी मात्र 80 करोड़ 19 लाख का ही विशुद्ध व्यापार कर सकी। 100 करोड़ का कलेक्शन करने में 'ए दिल है मुश्किल' को 12 दिन का लम्बा सफर तय करना पड़ा।
हालांकि देश में नोटबंदी लागू होने और बाद में रॉक ऑन-2, फोर्स 2, तुम बिन-2 और डियर जिंदगी जैसी कुछ अन्य फिल्मों के आने के बाद एक बार लगा था कि 'शिवाय' शायद अब 100 करोड़ क्लब का हिस्सा नहीं बन सकेगी। लेकिन इन सब फिल्मों के प्रदर्शित होने के बावजूद 'शिवाय' ने अपनी रिलीज के एक महीने बाद 100 करोड़ का धन अर्जित करके विजय प्राप्त कर ही ली।
यहां बड़ी बात यह भी है कि एक महीने की इस अवधि में जहां कुल मिलाकर 'ए दिल है मुश्किल' ने कुल 112 करोड़ 39 लाख का कारोबार किया वहां 'शिवाय' ने इसी दौरान कुल 100 करोड़ 25 लाख का। इस हिसाब से कुल मिलाकर 'शिवाय' अब भी 'ए दिल है मुश्किल' से करीब 12 करोड़ पीछे है। लेकिन 'ए दिल है…का बजट जहां 'शिवाय' से अधिक है वहां 'शिवाय' कम स्क्रीन, एकल सितारा और 'ए दिल है मुश्किल' के सामने कम प्रचार के बाद भी इतना बिजनेस करने से 'ए दिल है मुश्किल' से कहीं अधिक सफल फिल्म मानी जाएगी। 'ए दिल है मुश्किल' तब सुपर हिट मानी जाती जब उसकी कमाई के आंकड़े की सुई 150 से 200 करोड़ रुपए के बीच कहीं आकर ठहरती। लेकिन दर्शकों ने इस फिल्म में पाक कलाकार फवाद खान होने के कारण शुरू में जो 'ए दिल है…' के प्रति अपनी नाराजगी जताई थी उसी का खामियाजा इस फिल्म को शुरू से अब तक भुगतना पड़ा। उम्मीद है दूध के जले करण जौहर अब आगे छाछ को भी फूंक-फूंक कर पिएंगे।
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