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केरल के कोझीकोड में 23 सितंबर से 25 सितंबर तक हुई भाजपा की राष्ट्रीय परिषद की बैठक कई मामलोंे में ऐतिहासिक रही। पहली बार किसी राजनीतिक दल ने देश को गरीबी के अभिशाप से मुक्त करने के लिए तीन दिनों तक मंथन किया। महान विचारक और भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष रहे पंडित दीनदयाल उपाध्याय के सौवें जन्म दिवस और उनके द्वारा दिए गए एकात्म मानववाद दर्शन के 50वें वर्ष पर आयोजित इस बैठक में गरीब कल्याण के जरिए उनके अंत्योदय के सपने को पूरा करने का संकल्प लिया गया। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में केंद्र की मोदी सरकार की गरीब कल्याण से जुड़ी 80 योजनाओं के साथ-साथ भाजपाशासित राज्यों में गरीब कल्याण योजनाओं को जमीन पर उतारने की रणनीति बनी।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय को सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिए उनके जन्म शताब्दी वर्ष को गरीब कल्याण वर्ष के रूप में मनाने की घोषणा की गई। इस दौरान खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ-साफ शब्दों में कहा कि अन्य राजनीतिक दलों की तरह भाजपा की मंजिल सत्ता हासिल करना नहीं है। भाजपा का जन्म गरीबों की सेवा में अपने जीवन को होम कर देने के लिए हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि सत्ता तक पहुंचना ही भाजपा का अंतिम लक्ष्य नहीं है और न ही भाजपा में लेने और पाने की राजनीति के लिए कोई जगह है। इस दौरान पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्मशताब्दी वर्ष पर प्रस्ताव पारित कर हर हाल में गरीबी हटाने का लक्ष्य तय किया गया।
यूं तो अपने देश में गरीबी हटाने का नारा नया नहीं है। स्वतंत्रता हासिल करने के सात दशकों के दौरान देश ने गरीबी हटाने के नाम पर कई बार सियासी मजाक झेला है। वर्ष 1952 के पहले आम चुनाव से ले कर अब तक गरीबी हटाने के वादे और नारे रूप बदल बदल कर लोगों को भरमाते रहे। गरीबी हटाने के नारे-वादे करीब छह दशक तक कांग्रेस को वोटों से मालामाल तो करते रहे, मगर हकीकत में नारों के इन छलावों से देश के गरीब और गरीब होते चले गए। सही मायने में वाजपेयी सरकार के कार्यकाल में 'गरीबी हटाओ' के नारे को जमीन पर उतारने की शुरुआत विभिन्न योजनाओं के माध्यम से हुई। इसके बाद सबका साथ 'सबका विकास' के नारे के साथ केंद्र की सत्ता में आई मोदी सरकार ने पहले गरीब कल्याण के लिए 80 योजनाओं की शुरुआत करने के बाद गरीबी हटाने का नारा लगाने के बदले इस अभिशाप को दूर करने का संकल्प लिया। संकल्प के साथ इन योजनाआंे को हर हाल में जमीन पर उतारने का एक रोडमैप तैयार किया। इससे पहले सामाजिक सरोकार किसी भी सरकार या दल के एजेंडे में नहीं रहा। मगर मोदी सरकार और भाजपा ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, स्वच्छ भारत जैसे दर्जनों अभियानों के जरिए सामाजिक सरोकारों की भी जिम्मेदारी उठाई।
दुष्प्रचार पर तीखा हमला
राष्ट्रीय परिषद की बैठक के अंतिम दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा और सरकार के खिलाफ किए जा रहे दुष्प्रचार का करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि जनसंघ और भाजपा ने कभी वोट की राजनीति नहीं की। उन्होंने कहा कि पर्यावरण, वर्ग और किसी खास वर्ग के तुष्टीकरण, सामाजिक भेदभाव के सवाल पर दीनदयाल जी शुरू से ही मुखर थे। इस दौरान उन्होंने पं. दीनदयाल जी के एक बहुचर्चित बयान को साझा करते हुए कहा कि मुसलमानों को वोट की मंडी का माल नहीं समझा जाना चाहिए। दीनदयाल जी का मानना था कि मुसलमानों को न तो पुरस्कृत करो और न ही उससे घृणा करो, बल्कि उन्हें सशक्त बनाओ।
उरी हमले पर पाकिस्तान को चेतावनी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसभा में उरी आतंकी हमले के मामले में पाकिस्तान को खुली चेतावनी दी। बैठक में प्रस्ताव पारित कर आतंकी हमले की निंदा की गई। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने अपने बयान में कहा कि पाकिस्तान कश्मीर को हासिल करने का सपना देखना छोड़ दे। -प्रतिनिधि
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