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विश्व हिन्दू परिषद् की केन्द्रीय प्रबन्ध समिति बैठक 27 और 28 जून को भीलवाड़ा (राजस्थान) में सम्पन्न हुई। इस अवसर पर अनेक विषयों पर चर्चा हुई। बैठक में महामंत्री श्री चम्पत राय ने जनवरी, 2015 से जून, 2015 तक का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने धर्म प्रसार आयाम की जानकारी देते हुए बताया कि स्वर्णजयंती वर्ष में 48,651 हिन्दुओं को कन्वर्ट होने से बचाया गया तथा 33,975 व्यक्ति अपने पूर्वजों की परंपरा में वापस लाए गए। सेवा आयाम के बारे में उन्होंने बताया कि भारत में 15 स्थानों में सेवा कुंभ हुए। गोरक्षा आयाम के सम्बंध में उन्होंने कहा कि इस अवधि में हमारे कार्यकर्ताओं ने कसाइयों से गोवंश को छुड़ाया और गोमांस निर्यात और गोहत्या के विरुद्ध दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया गया। उन्होंने कहा कि 304 स्थानों पर समरसता गोष्ठियां हुईं। 310 स्थानों पर आंबेडकर जयंती और 355 स्थानों पर रविदास जयंती मनाई गई तथा 5500 परिवारों को गोद लिया गया। मातृशक्ति कार्य के बारे में उन्होंने कहा कि जम्मू में दुर्गावाहिनी एवं मातृशक्ति की बहनों द्वारा श्रीराम महोत्सव के अवसर पर रामलला की झांकियां निकाली गईं। स्वर्णजयंती वर्ष के अवसर पर सम्पूर्ण भारत में दुर्गावाहिनी की बहनों द्वारा 1184 स्थानों पर गोष्ठियां आयोजित की गईं। उज्जैन में संस्कृत के उत्थान के लिए देशभर के प्रमुख कार्यकर्ताओं का सम्मेलन हुआ। दिल्ली में अखिल भारतीय संस्कृत प्रशिक्षण शिविर मंे चार विश्वविद्यालयांे के कुलपति पधारे। धनबाद (झारखण्ड) में एकल परिणाम कुंभ सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर आयोजित हिन्दू सम्मेलन में लगभग 40 हजार वनवासी उपस्थित थे और कार्यकर्ता सम्मेलन मंे भारत और भारत के बाहर के देशों से 2000 बन्धु पधारे थे। विश्व समन्वय कार्य के बारे में उन्होंने कहा कि हिन्दू हैरिटेज फाउण्डेशन के तत्वावधान में पतित पावनी मां गंगा के तट पर 15वीं हैरिटेज सेमिनार हुई, जिसमें 9 देशों के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। बैठक में श्वेत क्रान्ति और गोवंश की रक्षा पर एक प्रस्ताव भी पारित हुआ। – प्रतिनिधि
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