|
ऊर्जा, सुरक्षा और चीन , इन तीन शब्दों में प्रधानमंत्री की मध्य एशिया यात्रा की संक्षिप्त व्याख्या हो सकती है। तुर्कमेनिस्तान, तजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान ,किर्गिस्तान और कजाकिस्तान ऊर्जा और तेल के धनी देश हैं। तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के पास विश्व के सबसे बड़े प्राकृतिक गैस भंडार हैं तो कजाकिस्तान बड़ा तेल उत्पादक है। इन देशों की अपनी सुरक्षा , व्यापार , आर्थिक सम्बन्ध विविधता संबंधी अनेक चिंताएं हैं। भूबंदी, जिसे 'लैंड लॉक' कहा जाता है , से परेशान देश चारों ओर नजर दौड़ा रहे हैं। ये भारत के लिए एक अवसर है। चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग 2013 में इन पांचों देशों की यात्रा कर चुके हैं। इस यात्रा में चीन ने इन देशों को ऊर्जा क्षेत्र और आधारभूत ढांचे के विकास के लिए बड़े कर्ज बांटे हैं। रूस और चीन ने मध्य एशिया के देशों को जोड़ने वाली 400 बिलियन डॉलर की पाइप लाइन की भी घोषणा कर दी है। चीन के नए रेशम मार्ग के चलते भारत को भी नए विकल्प तलाशना और संभावनाओं को टटोलना जरूरी हो गया है। स्वाभाविक रूप से भारत को तेजी दिखाने की जरूरत है। उफा में, एक बार फिर ब्रिक्स ने प्रधानमंत्री के सुझावों का स्वागत किया है। एससीओ (शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन) को लेकर भी महत्वपूर्ण सरगर्मियां जारी हैं। तालिबान , इस्लामिक स्टेट और दूसरे जिहादी संगठनों को लेकर मध्य एशियाई देशों की आशंकाएं उन्हें भारत के साथ रक्षा एवं सामरिक सहयोग के लिए प्रेरित कर रही हैं।
ल्ल उज्बेकिस्तान- अफगानिस्तान का पड़ोसी उज्बेकिस्तान तालिबान की रोकथाम करने के लिए भारत के साथ रिश्ते मजबूत करना चाहता है ,साथ ही चीन और रूस पर अपनी आर्थिक निर्भरता भी कम करना चाहता है। बातचीत के एजेंडे में पारस्परिक परिवहन का विकास और भारत को दो हजार मीट्रिक टन यूरेनियम की आपूर्ति प्रमुख।
ल्ल कजाकिस्तान- मध्य एशिया का यह सबसे धनी, खनिजों से भरपूर देश। मध्य एशिया में भारत का आधा व्यापार कजाकिस्तान के साथ। भारत के साथ अंतरिक्ष और परमाणु गठबंधन। कजाकिस्तान हमें 5000 टन यूरेनियम निर्यात करेगा। रक्षा के क्षेत्र में संयुक्त सैन्य अभ्यास , प्रशिक्षण , तकनीकी सहयोग और सामरिक साझेदारी पर समझौता।
ल्ल तुर्कमेनिस्तान -दुनिया का चौथा बड़ा प्राकृतिक गैस भण्डार। भारत दोनों देशों के बीच गैस पाइप लाइन बिछाने की कोशिश में, जिसके पूरा होने पर प्रतिदिन 38 मिलियन मीट्रिक स्टैण्डर्ड क्यूबिक मीटर प्राकृतिक गैस की आपूर्ति सम्भव होगी।
ल्ल किर्गिस्तान – चीन और रूस के बीच 'सैंडविच' बना मध्य एशिया का लोकतांत्रिक देश जो भारत के साथ सैन्य अभ्यास करता है। 20 साल में पहली बार भारत के प्रधानमंत्री की यात्रा। व्यापार सम्बन्ध बढ़ाने पर जोर। भारत मेडिकल टूरिज्म को बढ़ाने की कोशिश में।
ल्ल ताजिकिस्तान – अफगानिस्तान का सामरिक रूप से महत्वपूर्ण पड़ोसी। तालिबान के खिलाफ सबसे प्रभावी रहे ताजिक लड़ाके और ताजिकिस्तान। भारत के साथ सामरिक सहयोग है , जिसका महत्व आने वाले दिनों में बढ़ने वाला है। भारत का सांस्कृतिक प्रभाव है। व्यापार को बढ़ाने के लिए प्रयत्न।
ल्ल ब्रिक्स सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने आतंकवाद पर दो टूक बात की। चीन के सामने भी आतंकवाद पर दोहरे मापदंडों का मुद्दा पुख्ता तौर पर उठाया गया। एससीओ में नवाज- मोदी के मिलने से पहले पाकिस्तानी राजनयिकों के साथ होने वाली हुर्रियत नेताओं की इफ्तार पार्टी रद्द कर दी गई। एक छोटे अंतराल के बाद भारत और रूस सामरिक -रणनीतिक संबंधों को अगले स्तर पर ले जाने के इच्छुक दिख रहे हैं। संक्षेप में , भारत प्रतिक्रिया देने वालों की कतार से निकलकर पहल करने वालों की पंक्ति में आ खड़ा हुआ है।
प्रस्तुति:- प्रशांत बाजपेई
टिप्पणियाँ