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नरेन्द्र मोदी प्रथम भारतीय प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने बंगलादेश का दौरा करते समय न केवल ढाका में ढाकेश्वरी मंदिर में दर्शन किए बल्कि वहां जाकर देवी की पूजा भी की। भारत के बाकी प्रधानमंत्रियों ने सेकुलरवाद के नाम पर भूल कर भी ढाकेश्वरी दर्शन का कार्यक्रम नहीं बनाया था। परंतु मोदी ने उसकी परवाह न करते हुए ढाकेश्वरी मंदिर तथा रामकृष्ण मिशन दोनों में जाकर बंगलादेश के सशंकित हिन्दुओं को संकेत दे दिया कि उनकी सरकार वहां के अल्पसंख्यक हिन्दुओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर है। बंगलादेश के अल्पसंख्यक हिन्दू-बौद्ध-ईसाई नरेन्द्र मोदी के इस कदम से खुश हैं। लेकिन हमें वहां की जमीनी सचाई को भी ध्यान में रखना होगा। मोदी की बंगलादेश यात्रा खत्म होते ही वहां के कट्टरवादी, उग्रवादी संगठनों ने फिर से हिन्दुओं के विरुद्ध हिंसा रचनी शुरू कर दी। जमाते इस्लामी इस हिंसा का नेतृत्व कर रहा है। शेख हसीना सरकार अपराधियों से सख्ती से निबट रही है। वहां 1971 युद्ध के अपराधियों, कट्टर जमातियों को एक के बाद एक फांसी दी गई है। हालांकि इस सरकार ने ऐसा अल्पसंख्यकों के प्रति कथित सहानुभूति के कारण नहीं किया है, बल्कि यह सब अपनी सत्ता बचाने के लिए ही किया है। अगर ऐसा नहीं होता तो मोदी के भारत लौटते ही हिन्दुओं पर अत्याचार इतना बढ़ नहीं जाता। इन अत्याचारों के कारण ही एक बार फिर बंगलादेश से भारत में आने वाले हिन्दू शरणार्थियों की संख्या बढ़ती जा रही है। वहां हिन्दू पुरुषों, महिलाओं पर पाशविक अत्याचार करना, उन्हें कन्वर्ट करना आदि हिंसक अभियान तो सन्1947 से लगातार चल रहे हैं। उसमें कोई रोकथाम नहीं हो रही है। विभाजन के समय पूर्वी पाकिस्तान में हिन्दुओं की संख्या कुल जनसंख्या की करीब 20 प्रतिशत थी। अब वह महज 6 प्रतिशत रह गई है। वहां ब्लॉगरों की हत्या से साफ जाहिर है कि सुधारवादी या उदारवादी आवाज को बंगलादेश की अवाम तक पहंुचने न देने की जैसे कसमें खाई गई हैं। बंगलादेश के भविष्य को लेकर वहां राजनीतिक विशेषज्ञ अलग-अलग आकलन लगा रहे हैं। क्या वहां आज जिस तरह कट्टरवादी ताकतें हावी होती दिख रही हैं, उन पर शेख हसीना सरकार प्रभावी रोक लगा पाएगी? -असीम कुमार मित्र
लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं बंगलादेश मामलों के गहन जानकार हैं
1967 में पश्चिमी और पूर्वी पाकिस्तान के विभिन्न मदों में यह था अंतर
सेवाएं पश्चिमी पाकिस्तानी पूर्वी पाकिस्तानी
सिविल सर्विस 84 प्रतिशत 16 प्रतिशत
विदेश सेवा 85प्रतिशत 15 प्रतिशत
सेना 95 प्रतिशत 5 प्रतिशत
ले. जनरल और ऊपर 16 प्रतिशत 1 प्रतिशत
फॉरेन हेड्स ऑफ मिशन 60 प्रतिशत 9 प्रतिशत
सशस्त्र बल 5 लाख 20 हजार
पाकिस्तान एयरलाइंस 7 हजार 280
में कर्मचारी
पाकिस्तान वायुसेना 89 प्रतिशत 11 प्रतिशत
नौसेना 91 प्रतिशत 9 प्रतिशत
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