जयललिता दोष मुक्त
July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

जयललिता दोष मुक्त

by
May 16, 2015, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 16 May 2015 14:17:56

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बेनामी संपत्ति के मामले में अन्नाद्रमुक सुप्रीमो जयललिता को दोष मुक्त कर दिया। जयललिता पर मात्र कुछ ही मिनट में फैसला सुना दिया गया और बताया गया कि उन पर लगे आरोप कमजोर थे, जो कि सुनवाई के दौरान टिक नहीं सके।
कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश राचप्पा कुमारस्वामी ने गत 11 मई को हुई सुनवाई के दौरान कहा कि सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय ने दावा किया था कि जयललिता के भवन निर्माण में 27.79 करोड़ रुपए लगे हैं, लेकिन दस्तावेजों के आधार पर माना गया कि यह राशि 22.69 रुपए है। सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय ने कहा था कि जयललिता के दत्तक पुत्र रहे सुधाकरन की शादी में 6.45 करोड़ रुपए खर्च हुए थे, लेकिन उच्च न्यायालय ने कहा कि जयललिता की ओर से 28.68 लाख रुपए ही खर्च हुए। जयललिता ने आय में 18.17 करोड़ रुपए का ऋण दिखाया था जिसे निदेशालय ने स्वीकार नहीं किया था। इन सभी बातों को ध्यान में रखकर उच्च न्यायालय इस निष्कर्ष पर पहंुचा कि मुकदमा दर्ज करते समय जयललिता के पास 37.59 करोड़ रुपए की संपत्ति थी, इससे पहले वर्ष 34.76 करोड़ रुपए की संपत्ति थी। इस प्रकार जयललिता की आय के ज्ञान स्रोत में महज 8.12 फीसद की वृद्धि हुई, जो कि मान्य सीमा के अंतर्गत है। इसी के साथ उच्च न्यायालय ने जयललिता की करीबी शशिकला नटराजन, उनके रिश्तेदार जे. इलावारसी और वी. एन. सुधाकरन को भी चार वर्ष की कैद से बरी कर दिया। गौरतलब है कि जयललिता पर मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए वर्ष 1991-96 में 66.65 करोड़ रुपए की बेनामी संपत्ति रखने के आरोप लगे थे। 27 सितंबर को उनके दस वर्ष तक चुनाव लड़ने पर रोक व 100 करोड़ रुपए का जुर्माना लगा था।

सत्यम घोटाले के सभी आरोपियों को जमानत

तेलंगाना में हैदराबाद की एक अदालत ने 7 हजार करोड़ रुपए के सत्यम घोटाला मामले में सत्यम कंप्यूटर्स के संस्थापक एवं पूर्व अध्यक्ष, प्रबंध निदेशक सहित 10 दोषियों की सजा 11 मई को निलंबित कर जमानत याचिका स्वीकार कर ली। दो लोगांे को एक-एक लाख रुपए और आठ लोगों को 50-50 हजार रुपए के मुचलके पर छोड़ा गया है। सबसे बड़े कॉर्पोरेट घोटाले में गत 9 अप्रैल को इन सभी को दोषी ठहराते हुए सात-सात वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई थी। अतिरिक्त मुख्य महानगर दंडाधिकारी ने सत्यम कंप्यूटर्स के संस्थापक एवं पूर्व अध्यक्ष बी. राम लिंगम राजू, उनके भाई व प्रबंध निदेशक बी. राम. राजू सहित सभी दस लोगों सजा सुनाई थी। इसके अतिरिक्त राजू और उनके भाई पर 5.5 करोड़ रुपए और एक अन्य भाई सूर्यनारायण राजू तथा अन्य सात लोगों पर 25-25 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था। सात हजार करोड़ रुपए के घोटाले में आए इस आदेश के विरुद्ध ही इन सभी ने सत्र न्यायालय में अपील की थी। सभी चेरलापल्ली स्थित केन्द्रीय कारागार में बंद थे। इनमें राजू, उनके भाई राम राजू, बी. सूर्यनारायण राजू, कंपनी के पूर्व वित्त अधिकारी वी. श्रीनिवास, पूर्व ऑडिटर एस. गोपालकृष्णन और टी. श्रीनिवास, पूर्व कर्मचारी जी. रामकृष्ण, डी. वेंकटपति राजू, श्रीशैलम और कंपनी के मुख्य ऑडिटर वी. एस. प्रभाकर गुप्ता को आपराधिक षड्यंत्र और जालसाजी के लिए दोषी ठहराया गया था। छह माह पहले शुरू हुई बहस में तीन हजार दस्तावेज और 226 गवाहों की जांच की गई थी।
जमानत मिलना कानून के दायरे से बाहर नहीं
कानून के तहत देश में किसी भी आरोपी या पीडि़त को निचली अदालत के विरुद्ध ऊपरी अदालत में अपील करने का अधिकार है। अमूमन मजबूत दलील देने पर उच्च न्यायालय से अपील करने वाले को राहत मिल जाती है। ऐसा बिल्कुल नहीं है कि बड़ी हस्तियों के मामले में न्यायालय कोई विशेष छूट देता हो, लेकिन आम लोगों के नजरिये में रहता है कि फिल्म अभिनेता या राजनेता को छूट दी जाती है। सलमान खान के मामले में जो उन्हें मुंबई उच्च न्यायालय से राहत दी गई है, वह कानून के अंतर्गत ही दी गई। यदि राज्य सरकार चाहे तो इसके विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय में अपील कर सकती है। वहीं जयललिता के मामले में भी कर्नाटक उच्च न्यायालय ने सभी आरोप और बचाव पक्ष की दलील देखकर ही अपना निर्णय दिया है। ऐसा नहीं कि कोई गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति अपना पक्ष रखने के लिए किसी बड़े वकील को अपने लिए मुहैया नहीं कर सकता है। यदि गौर करें तो जेसिका लाल हत्याकांड में मनु शर्मा व विकास यादव, शिवानी भटनागर हत्याकांड में आईपीएस आर. के. शर्मा, बीएमडब्ल्यू कांड में संजीव नंदा, उपहार कांड में अंसल बंधु या शिक्षक भर्ती घोटाले में ओमप्रकाश चौटाला जैसे प्रभावशाली लोग कानून के शिकंजे से बच नहीं सके।
-पवन शर्मा, वरिष्ठ अधिवक्ता, दिल्ली उच्च न्यायालय व दिल्ली सरकार के पूर्व मुख्य सरकारी अधिवक्ता (अपराध)

कानून नहीं बिकता, बड़े वकील निकालते हैं बचाव का रास्ता
मैं सबसे पहले यह स्पष्ट कर दूं कि 'सेलेब्रिटी', राजनेताओं या जानी-मानी हस्तियों के जो हाल ही में जमानत पर छूटने के मामले प्रकाश में आए उसमें कानून के दायरे से बाहर जाकर कुछ भी नहीं हुआ है। आमजन बेशक यह सोचता है कि बड़े लोगों के चेहरे देखकर कानून लचीला हो गया, लेकिन ऐसा नहीं होता है। कानून पूरे देश में सभी लोगों पर समान रूप से लागू है। यदि कानून समान नहीं होता तो निचली अदालत कभी सलमान को सश्रम पांच वर्ष की सजा नहीं सुनाती। इसी तरह से जयललिता पर 100 करोड़ रुपए का जुर्माना भी नहीं लगाया जाता। जहां तक सत्यम घोटाले की बात है तो वह आर्थिक अपराध का मामला रहा और उसमें आरोपी काफी समय से जेल में बंद हैं, इस कारण से न्यायालय ने उन्हें जमानत दी। दरअसल बड़े वकील कानून को बेहतरी से जानते हैं। यदि सलमान खान के सत्र न्यायालय के फैसले के विरुद्ध उन्हें उसी दिन अंतरिम जमानत देने की बात करें तो उनके वकील ने समय रहते मुंबई उच्च न्यायालय में अपील दायर करने की पूरी तैयारी की ली थी। इसी कारण सत्र न्यायालय के फैसले के तुंरत बाद उन्होंने उच्च न्यायालय के समक्ष अपनी दलील रखकर न केवल अंतरिम जमानत पाई, बल्कि जेल जाने बच गए।
-नवीन कुमार जग्गी
वरिष्ठ अधिवक्ता, सर्वोच्च न्यायालय

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

जिन्होंने ने बसाया उन्ही के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिलवुमन का झलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

नहीं हुआ कोई बलात्कार : IIM जोका पीड़िता के पिता ने किया रेप के आरोपों से इनकार, कहा- ‘बेटी ठीक, वह आराम कर रही है’

जगदीश टाइटलर (फाइल फोटो)

1984 दंगे : टाइटलर के खिलाफ गवाही दर्ज, गवाह ने कहा- ‘उसके उकसावे पर भीड़ ने गुरुद्वारा जलाया, 3 सिखों को मार डाला’

नेशनल हेराल्ड घोटाले में शिकंजा कस रहा सोनिया-राहुल पर

‘कांग्रेस ने दानदाताओं से की धोखाधड़ी’ : नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी का बड़ा खुलासा

700 साल पहले इब्न बतूता को मिला मुस्लिम जोगी

700 साल पहले ‘मंदिर’ में पहचान छिपाकर रहने वाला ‘मुस्लिम जोगी’ और इब्न बतूता

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

जिन्होंने ने बसाया उन्ही के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिलवुमन का झलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

नहीं हुआ कोई बलात्कार : IIM जोका पीड़िता के पिता ने किया रेप के आरोपों से इनकार, कहा- ‘बेटी ठीक, वह आराम कर रही है’

जगदीश टाइटलर (फाइल फोटो)

1984 दंगे : टाइटलर के खिलाफ गवाही दर्ज, गवाह ने कहा- ‘उसके उकसावे पर भीड़ ने गुरुद्वारा जलाया, 3 सिखों को मार डाला’

नेशनल हेराल्ड घोटाले में शिकंजा कस रहा सोनिया-राहुल पर

‘कांग्रेस ने दानदाताओं से की धोखाधड़ी’ : नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी का बड़ा खुलासा

700 साल पहले इब्न बतूता को मिला मुस्लिम जोगी

700 साल पहले ‘मंदिर’ में पहचान छिपाकर रहने वाला ‘मुस्लिम जोगी’ और इब्न बतूता

Loose FASTag होगा ब्लैकलिस्ट : गाड़ी में चिपकाना पड़ेगा टैग, नहीं तो NHAI करेगा कार्रवाई

Marathi Language Dispute

‘मराठी मानुष’ के हित में नहीं है हिंदी विरोध की निकृष्ट राजनीति

यूनेस्को में हिन्दुत्त्व की धमक : छत्रपति शिवाजी महाराज के किले अब विश्व धरोहर स्थल घोषित

मिशनरियों-नक्सलियों के बीच हमेशा रहा मौन तालमेल, लालच देकर कन्वर्जन 30 सालों से देख रहा हूं: पूर्व कांग्रेसी नेता

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies