|
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक रहे श्री सीताराम केदिलाय (अब सन्त सीताराम) की पदयात्रा पश्चिम बंगाल राज्य में पहंुच गई है। पिछले दिनों उनकी यात्रा दार्जिलिंग जिले के नक्सलवाड़ी होते हुए बूढ़ागंज पहुंची तो बड़ी संख्या में लोगों ने उनका स्वागत किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सच्चा और सही भारत गांव में बसा है। गांव बचेगा, तो भारत बचेगा, भारत बचेगा, तो भारतवासी बचेंगे। इसके लिए जल, जंगल, जमीन और अपनी सदियों पुरानी संस्कृति का संरक्षण करना होगा। इसके बाद वे गांव के विभिन्न घरों में गए और वहां के लोगों का हालचाल लिया। अपने बीच सन्त सीताराम को पाकर लोग भी बड़े खुश हुए। उल्लेखनीय है कि 9 अगस्त, 2012 को कन्याकुमारी से सन्त सीताराम ने पदयात्रा शुरू की थी। अब तक वे 14 राज्यों के अनेक हिस्सों मंे जा चुके हैं और लोगों को भारतीयता का सन्देश दे रहे हैं। पश्चिम बंगाल 15वां राज्य है।
बासुदेब पाल
जितेन्द्र नाथ जोशी नहीं रहे
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक रहे श्री जितेन्द्र नाथ जोशी का 5 मार्च को निधन हो गया। श्री जोशी का जन्म 4 अप्रैल, 1930 को हुआ था। उन्होंने 1950 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की उपाधि लेकर इंडियन एयरलाइंस में सरकारी सेवा शुरू की। इसके बाद संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास करके वे राजपत्रित पदाधिकारी बने। उन्होंने डी.आर.डी.ओ. के अनुसंधान कायार्ें में भी योगदान दिया था। 1960 में सरकारी नौकरी छोड़कर वे संघ के प्रचारक बने और 16 वर्ष तक हिमाचल प्रदेश में संघ कार्य को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। वे अनेक वर्ष तक दिल्ली प्रान्त के बौद्धिक प्रमुख भी रहे। वे लघु उद्योग भारती, संकल्प, भारतीय इतिहास संकलन योजना, पंचनद शोध संस्थान, बाबा साहब आप्टे स्मारक समिति सहित अनेक संगठनों से जुड़े हुए थे। 1948 में संघ पर प्रतिबंध लगने पर श्री जोशी ने सत्याग्रह करते हुए छह मास का कारावास काटा। जेल में संघ के कार्यकर्ताओं को राजनीतिक कैदी का दर्जा दिलाने के लिए उन्होंने जेल में ही भूख हड़ताल की थी। पाञ्चजन्य परिवार की ओर से स्व. जोशी को भावभीनी श्रद्धांजलि। प्रतिनिधि
टिप्पणियाँ