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.गत दिनों लखनऊ में श्री दीनानाथ बत्रा और श्री विनायक लोहानी को 20वें भाऊराव देवरस स्मृति सम्मान से सम्मानित किया गया। इन दोनों को यह सम्मान प्रदेश के राज्यपाल और समारोह के मुख्य अतिथि श्री राम नाइक ने दिया। अध्यक्षता लखनऊ के महापौर श्री दिनेश शर्मा ने की। उल्लेखनीय है कि श्री दीनानाथ बत्रा कई दशक से शिक्षा में सुधार लाने के लिए कार्य कर रहे हैं। वे इन दिनों 'शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास' के अध्यक्ष और 'शिक्षा बचाओ आन्दोलन' के राष्ट्रीय संयोजक हैं। जबकि श्री विनायक लोहानी 'परिवार' नामक संस्था के जरिए कोलकाता में निराश्रित बच्चों के सर्वागींण विकास के लिए अनेक वर्ष से समाज सेवा कर रहे हैं। भाऊराव देवरस स्मृति सम्मान प्रतिवर्ष भाऊराव देवरस सेवा न्यास देता है। प्रतिनिधि
महिलाओं को सशक्त बनाने का संकल्प
नई दिल्ली के पालम क्षेत्र की कैलाशपुरी में महिला दिवस पर एक समारोह का आयोजन हुआ। उत्तराखण्ड महिला कल्याण समिति एवं दिल्ली पुलिस, द्वारका जिले की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में लोगों ने महिलाओं को हर तरह से सशक्त बनाने का संकल्प लिया। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त कैलाश शर्मा ने स्थानीय आर.डब्ल्यू.ए. और स्वयंसेवी संस्थाओं को महिला सशक्तिकरण अभियान में सक्रिय सहभागी होने का सुझाव दिया। उन्होंने अनेक कार्यकर्ताओं को सम्मानित भी किया। इस अवसर पर अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे। प्रतिनिधि
जगदीश त्रिपाठी नहीं रहे
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्री जगदीश त्रिपाठी का 12 मार्च, 2015 को नई दिल्ली में निधन हो गया। सायं सात बजे के लगभग उन्हें मस्तिष्काघात के कारण खून की उल्टी हुई और इससे ही उनका प्राणांत हो गया। 13 मार्च को निगमबोध घाट पर उनका अंतिम संस्कार हुआ। जगदीश जी का जन्म 3 जनवरी, 1936 को अल्मोड़ा (उत्तराखंड) में श्री शिवदत्त त्रिपाठी के घर हुआ था। उनकी स्नातक तक की शिक्षा वहीं हुई। वहीं 1946 में वे स्वयंसेवक बने। उन्होंने 1954 में प्रथम वर्ष तथा 1955 में द्वितीय वर्ष संघ शिक्षा वर्ग का प्रशिक्षण प्राप्त किया तथा 1956 में वे प्रचारक बन गए। प्रचारक जीवन में वे उ़ प्र. में पूरनपुर, शाहजीपुर, एटा, शामली, गाजियाबाद, श्रीनगर (गढ़वाल) तथा रामपुर में रहे। इसके बाद 1967 में उन्हें तेजपुर (असम) भेजा गया। अनेक वर्ष वे बर्धमान में विभाग प्रचारक तथा कोलकाता में कार्यालय प्रमुख भी रहे। 1984 से 90 तक वे भाऊराव देवरस के सहायक रहे। इसके बाद उत्तरांचल उत्थान परिषद (अल्मोड़ा), वनवासी कल्याण आश्रम (सोलन), लोक भारती (लखनऊ ) तथा विश्व संवाद केन्द्र (अल्मोड़ा) में भी रहे। 2000 में उन्हें विश्व हिन्दू परिषद् भेजा गया। उन पर पहले हरिद्वार तथा फिर वृन्दावन में धर्माचार्य सम्पर्क का काम रहा। 2004 में वे दिल्ली केन्द्रीय कार्यालय पर आ गए। 2006 से उन पर 'हिन्दू चेतना' पाक्षिक पत्रिका के सम्पादन की जिम्मेदारी थी। प्रतिनिधि
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