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.ना.ह. पालकर
र।ष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शिविरों में अनेक स्थानों से स्वयंसेवक अपने व्यय से गणवेश इत्यादि बनाकर तथा अपना बिस्तर आदि सामान लेकर एकत्र होते थे। 1934 के वर्धा के शिविर में एक हजार पांच सौ स्वयंसेवकों ने भाग लिया था। शिविर की व्यवस्था तथा तम्बू आदि को गाड़ने के लिए पन्द्रह-बीस दिन पूर्व से ही स्वयंसेवकों का उस स्थान पर आना-जाना प्रारंभ हो गया था।
इस स्थान के पास ही महात्मा गांधी जी का उस काल का सत्याग्रह आश्रम था। वे उसी में एक दुमंजिले बंगले में रहते थे। नित्य प्रात: घूमने के लिए जाते समय उन्हें शिविर की
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