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इराक व सीरिया में मजहबी आतंक का पर्याय बने इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) के आतंकियों का एक और खौफनाक चेहरा दुनिया के सामने तब आया जब उन्होंने जॉर्डन के पायलट मुआथ अल-कसासबेह को पहले पिंजरे में बंद किया और पिंजरे के आस-पास पेट्रोल डालकर उसे आग के हवाले कर दिया। इस घटना का वीडियो जैसे ही आईएसआईएस ने 'हीलिंग द बीलीवर्स' शीर्षक से जारी किया इस घटना की सभी लोगों द्वारा जमकर निंदा होने लगी। जॉर्डन सरकार ने तत्काल इस वीभत्स घटना पर आईएसआईएस को करारा जवाब देते हुए 'मौत के बदले मौत' को आधार बनाते हुए अपने यहां सजा काट रहे दो आतंकियों को तत्काल फांसी पर लटका दिया। इसमें महिला आतंकी साजिदा अल रिशावी भी शामिल थी।
आईएसआईएस आतंकी पायलट के बदले लंबे समय से जॉर्डन सरकार से महिला आतंकी साजिदा की मांग कर रहे थे। घटना का पता चलते ही अपनी आधिकारिक अमरीकी यात्रा पर गए जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला ने वहीं से स्थानीय जनता से अपील की कि वह इसी प्रकार एकता बनाए रखें। पायलट की दर्दनाक हत्या आतंकी संगठन की कायराना हरकत को दर्शाता है। गौरतलब है कि वर्ष 2014 के दिसम्बर में एफ-16 लड़ाकू विमान हादसे का शिकार होकर सीरिया के आईएसआईएस प्रशासित क्षेत्र में गिरा था, जिसके बाद आतंकियों ने पायलट मुआथ अल-कसासबेह को बंधक बना लिया था।
कायराना हरकत की चौतरफा निंदा
संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने जॉर्डन के पायलट मुआथ अल-कसासबेह को जिंदा जलाने की वीभत्स घटना की कटु शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि सभी देश आतंक से मिलकर लड़ें वहीं जापान के प्रधानमंत्री श्िंाजो आबे ने घटना को क्रूर से क्रूरतम बताया। अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस घटना पर कहा कि 'हम कसासबेह की मौत से आहत जॉर्डन के लोगों के साथ हैं। आतंकवाद को हराने के लिए उनके बलिदान का हमें मिलकर सम्मान करना चाहिए।'
अरबपतियों की सूची में तीसरे नंबर पर भारत
भारत आज प्रत्येक क्षेत्र में धीरे-धीरे नए मुकाम हासिल कर रहा है। इसी कड़ी में पहली बार सबसे ज्यादा अरबपतियों की सूची में भारत तीसरे नंबर पर स्थान बनाने में कामयाब रहा, जबकि अमरीका पहले और चीन दूसरे नबंर पर अरबपतियों की सूची में काबिज है। चीन की पत्रिका हुरुन की ग्लोबल रिच लिस्ट-2015 के अनुसार दुनियाभर के 2,089 अरबपतियों की सूची में अकेले 97 अरबपति भारत से हैं। पत्रिका के अनुसार अरबपति भारतीयों की सूची में रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी पहले स्थान पर हैं। वहीं महिलाओं की सूची में भारत की ओर से सावित्री जिंदल एकमात्र महिला हैं, जिनकी संपत्ति 16,200 करोड़ रुपये है। गौर करने वाली बात यह है कि 97 भारतीय अरबपतियों में 56 अरबपति ऐसे हैं, जो अपनी मेहनत और बल से इस स्थान पर पहुंचे हैं, जबकि 41 को यह संपत्ति विरासत में प्राप्त हुई है।
थाती को सहेजती महाराष्ट्र सरकार
जनता के हितों को सर्वोच्च रखने वाले भारत के पहले विधिमंत्री डॉ.भीमराव अम्बेडकर की लंदन से जुड़ी स्मृति को महाराष्ट्र सरकार ने सहेजने का फैसला लिया है। 1921-22 में जब डॉ. अम्बेडकर उच्च शिक्षा प्राप्त करने लंदन गए थे तो लंदन के 10,किंग हेनरी रोड,एनडब्ल्यू 3 स्थित मकान में रहे थे। महाराष्ट्र सरकार ने बीते दिनों इसी लंदन स्थित लगभग 200 वर्ग फुट बंगले को खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। बंगले की वर्तमान समय में अनुमानित कीमत 40 करोड़ रुपये है।
महाराष्ट्र सरकार के सामाजिक न्यायमंत्री राजकुमार बडोले ने कहा कि इस छह कमरे वाले बंगले को खरीदने के लिए जल्द ही एक समिति गठित कर सभी प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी।
गौरतलब है कि बंगले का मालिक इस बंगले को बेच रहा है। सरकार का कहना है कि इसे खरीदने के बाद बंगले के चार कमरे छात्रवृत्ति पर लंदन में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले वंचित छात्रों को दिए जाएंगे। ल्लबंगलादेश ने पाकिस्तान के उच्च् आतंकी गतिविधियों में लिप्त था पाक राजनयिक
ाायोग के एक अधिकारी को भारत के खिलाफ आतंकी एवं नकली मुद्रा जैसे आपराधिक गतिविधियों में पिछले दिनों रंगे हाथों पकड़ा। लेकिन पाकिस्तान और बंगलादेश की आपसी नूराकुश्ती में पाकिस्तान उच्चायुक्त उसे वहां से सुरक्षित बाहर निकालने में कामयाब रहा। खुफिया विभाग की रपटों की मानें तो पाक उच्चायोग में गैर राजनयिक अधिकारी मो.मजहर खान अपने दो वर्ष के कार्यभार के बीच ढाका में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी का काम कर रहा था। बीते दिनों जब बंगलादेश सरकार को पाक अधिकारी की कार्यशौली पर शक हुआ तो उन्होंने उस पर नजर रखना शुरू किया और जिस बात की आशंका थी वही सामने आया। मो. मजहर खान और बंगलादेशी नागरिक मुजीबुर्र रहमान पिछली 12 जनवरी को बनानी मैत्री बाजार में शाम को छिपकर मिले थे और इस समय पाक राजनयिक खान नकली भारतीय करेंसी लगभग एक लाख अस्सी हजार रुपये बंगलादेशी नागरिक मुजीबुर्र रहमान को दे रहा था। मौका ताक रहे खुफिया अधिकारियों ने तत्काल इनको हिरासत में लिया। इस धरपकड़ में खान के पास से कुछ बंगलादेशी पासपोर्ट जब्त किए हैं। सूत्रों की मानें तो बंगलादेश की शेख हसीना सरकार ने नाटकीय ढंग से पाक सरकार से कहा कि वह ढाका स्थित पाक उच्चायोग में सलाहकार श्रेणी में तैनात राजनयिक अधिकारी मो. मजहर खान को वापस बुला ले क्योंकि मजहर खान नकली भारतीय करेंसी के रैकेट चलाने में लिप्त था। ध्यान देने वाली बात यह है कि बड़े पैमाने पर नकली भारतीय नोट बंगलादेश के रास्ते ही भारत में भेजे जाते हैं। बंगलादेश के समाचारपत्र डेली स्टार ने विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी के हवाले से बताया कि खान पाक उच्चायोग की मदद से नकली करेंसी से हासिल रकम को आतंकी संगठन हिज्ब उत ताहिर, जमात ए इस्लामी को फंडिंग करता था। इनको यह रकम इसलिए दी जाती थी कि वह इस रकम से आतंकी हमले करें। पश्चिम बंगाल के बर्धमान में हुआ बम धमाका भी ऐसे ही आतंकी हमले का उदाहरण है। अश्वनी कुमार मिश्र
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