500 वर्षों से मिरगपुर गांव है सात्विकता की मिसाल
July 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

500 वर्षों से मिरगपुर गांव है सात्विकता की मिसाल

by
Feb 9, 2015, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 09 Feb 2015 12:32:49

सुरेंद्र सिंघल
पाश्चात्य संस्कृति से जहां पश्चिमी उत्तर प्रदेश पूरी तरह से सराबोर है, वहीं ऐतिहासिक एवं प्रसिद्ध देवबंद नगर से आठ किलोमीटर दूर देवबंद-हरिद्वार रोड पर काली नदी तट पर बसा है 12 हजार की आबादी का वाला गांव मिरगपुर। यह गांव देश में पूर्ण मद्य निषेध एवं सात्विक खान-पान की अनूठी पहचान रखता है। आज भी यहां देशज संस्कृति के दर्शन होते हैं। मिरगपुर गांव की 90 फीसद जनसंख्या हिन्दू गुर्जरों की है। यहां के लोग सभी तरह के नशे एवं तामसिक खानपान से मुक्त हैं। कोई भी शराब, पान, बीड़ी, सिगरेट, सिगार, हुक्का, गुटखा, गांजा, अफीम एवं भांग आदि मादक पदार्थों का सेवन नहीं करता है। यहां तक कि लोग भोजन में मांस, प्याज, लहसुन का प्रयोग भी नहीं करते हैं।
गांव वालों के मुताबिक मुगल सम्राट जहांगीर के शासनकाल में इस अनूठी परंपरा की नींव पड़ी थी, जब बाबा फकीरा दास यहां आकर रुके थे। बाबा फकीरा दास की समाधि काली नदी के तट के पास ऊंचे टीले पर स्थित है। वहां हर वर्ष फाल्गुन कृष्ण पक्ष की दशमी को मेला लगता है। महाशिवरात्रि से ठीक पहले यह मेला इस 14 फरवरी को लगेगा। मेले को लेकर गांव में तैयारियां शुरू हो गई हैं। आज से करीब 500 वर्ष पहले के शासनकाल में बाबा ने अपने शिष्यों को जेल से इसी शर्त पर मुक्त कराया था कि वे कभी भी धूम्रपान और मांसाहारी भोजन का सेवन नहीं करेंगे। उस समय पूरे गांव ने श्रद्धापूर्वक बाबा की शर्त को स्वीकार करते हुए जो प्रतिज्ञा ली थी, उसका गांव वाले आज भी पालन कर रहे हैं।
मेले में आसपास नहीं बल्कि दूसरे राज्यों-राजस्थान, पंजाब, उत्तरांचल एवं हरियाणा आदि से भी बाबा फकीरा के हजारों श्रद्धालु प्रसाद चढ़ाकर आशीर्वाद लेते हैं। इस दिन गांव में दीपावली जैसा माहौल होता है और हर घर-परिवार में देसी घी का हलवा, पेड़े और पूरी-कचौड़ी का प्रसाद तैयार होता है। गांववासियों के सभी सगे संबंधी और रिश्तेदार इस मौके पर अवश्य गांव पहंुचते हैं।
मिरगपुर गांव भौगोलिक रूप से भले ही छोटा हो लेकिन उसका पूरे देश में व्यापक असर है। अखिल भारतीय गुर्जर महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चौधरी वीरेंद्र सिंह के मुताबिक जहांगीर के शासनकाल में गांव के लोग जब मुसिलमान आततायियों के अत्याचारों से त्रस्त थे तब पंजाब के संगरूर जिले के घरांचांे नाम के गांव से देश भ्रमण पर निकले सिद्ध पुरुष बाबा फकीरा दास मिरगपुर पहुंचे थे और वहां एक पखवाड़े तक रहे। उस समय गांव में गुर्जर बिरादरी के बाबा मोल्हड सिंह का अकेला परिवार ही रहता था। उन्होंने ही बाबा फकीरा दास को गांव में अपने यहां ठहराया था और उनकी श्रद्धापूर्वक सेवा की थी। बाबा फकीरा दास की तपस्थली एवं सिद्धकुटी की देखरेख महंत धर्मदास मनोहरदास, कालूदास, मुनीदास और रघुवीरादास करते हैं। सिद्धकुटी पर यज्ञशाला में प्रतिदिन यज्ञ होता है। मेले के दिन वहां भंडारे का आयोजन होता है। बाबा ने अपने चमत्कारिक व्यक्तित्व से ग्रामीणों को अभिभूत कर दिया था। उन्होंने अपने उपदेश में कहा था कि यदि गांववासी नशा और तामसिक व्यंजनों का पूरी तरह से परित्याग करते हैं तो यह गांव और उसके लोग सदैव खुशहाल रहेंगे। पांच शताब्दी पूर्व बाबा फकीरा दास द्वारा कहा गया यह कथन आज चरितार्थ हो रहा है। गांव के चौ़ यशपाल सिंह, ओमपाल सिंह एवं चौ़ सपूरा सिंह प्रधान कहते हैं कि जो लोग गांव की परंपरा का उल्लंघन करते हैं उन्हें गुरू जी स्वयं ही दंड देते हैं। कई लोगों की अस्वाभाविक मृत्यु को गांववासी इसी रूप में देखते हैं।
वर्ष 2010 में तत्कालीन राष्ट्रपति श्रीमति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने गांव मिरगपुर को निर्मल गांव के सम्मान स्वरूप तत्कालीन गांव प्रधान चौधरी कर्णपाल सिंह को सम्मानित किया था। शासकीय मानकों के अनुसार, मिरगपुर विकास खंड़ देवबंद का आदर्श गांव है। सामाजिक तौर पर यह गांव धूम्रपान रहित गांव की श्रेणी में शामिल होने के कारण समाज में एक अनोखी मिसाल के रूप में बना हुआ है। मेले में विशाल दंगल एवं सांस्कृतिक क्रार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस गांव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती-बाड़ी है। गांव में गन्ने की फसल खूब होती है। गांव में गन्ने के रस और दूध की खीर बड़े चांव से बनाई और खाई जाती है।
गांव के प्रधान चौ. ऋषिपाल के मुताबिक पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत राजेश पायलट का इस गांव से बहुत लगाव था। उन्होंने गांव की काली नदी पर पुल बनवाकर लोगों को बड़ी राहत प्रदान की थी। पायलट की स्मृति में गांव में प्रवेश द्वार पर उनकी प्रतिमा लगाई गई है। मिरगपुर गांव के लोेग प्रखर राष्ट्रवादी हैं। भाजपा नेता चौ़ विरेद्र सिंह द्वारा बाबा फकीरा दास पर तैयार की गई 30 मिनट की लघु फिल्म 1990 में डीडी-1 पर प्रसारित हुई थी। वे कहते हैं कि गांव की विशेषता है कि कोई भी व्यक्ति दूध व घी नहीं बेचता है, जो कि गांव की खुशहाली का प्रतीक है। किसी भी प्रकार के नशे का सेवन न करने से गांव के बच्चे टीबी, कैंसर, दमा आदि रोगों से मुक्त हैं। गांव के चौ़ प्रेम सिंह कहते हैं कि बाबा फकीरा दास तो उपदेश देकर चले गए, लेकिन गांव के लोग आज तक उनके उपदेशों को सख्ती के साथ अपनाए हुए हैं। गांव का कोई भी व्यक्ति उनके आदेश का उल्लंघन नहीं करता है। इस मामले में पूरे गांव की एकजुटता अपने आप में अनूठी मिसाल है। गांव में कभी चोरी, डकैती, अपहरण जैसे संगीन अपराध नहीं होते हैं क्योंकि गांव पर आज भी फकीरा दास बाबा की पूरी कृपा बरस रही है।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

कन्वर्जन कराकर इस्लामिक संगठनों में पैठ बना रहा था ‘मौलाना छांगुर’

­जमालुद्दीन ऊर्फ मौलाना छांगुर जैसी ‘जिहादी’ मानसिकता राष्ट्र के लिए खतरनाक

“एक आंदोलन जो छात्र नहीं, राष्ट्र निर्माण करता है”

‘उदयपुर फाइल्स’ पर रोक से सुप्रीम कोर्ट का इंकार, हाईकोर्ट ने दिया ‘स्पेशल स्क्रीनिंग’ का आदेश

उत्तराखंड में बुजुर्गों को मिलेगा न्याय और सम्मान, सीएम धामी ने सभी DM को कहा- ‘तुरंत करें समस्याओं का समाधान’

दलाई लामा की उत्तराधिकार योजना और इसका भारत पर प्रभाव

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

कन्वर्जन कराकर इस्लामिक संगठनों में पैठ बना रहा था ‘मौलाना छांगुर’

­जमालुद्दीन ऊर्फ मौलाना छांगुर जैसी ‘जिहादी’ मानसिकता राष्ट्र के लिए खतरनाक

“एक आंदोलन जो छात्र नहीं, राष्ट्र निर्माण करता है”

‘उदयपुर फाइल्स’ पर रोक से सुप्रीम कोर्ट का इंकार, हाईकोर्ट ने दिया ‘स्पेशल स्क्रीनिंग’ का आदेश

उत्तराखंड में बुजुर्गों को मिलेगा न्याय और सम्मान, सीएम धामी ने सभी DM को कहा- ‘तुरंत करें समस्याओं का समाधान’

दलाई लामा की उत्तराधिकार योजना और इसका भारत पर प्रभाव

उत्तराखंड : सील पड़े स्लाटर हाउस को खोलने के लिए प्रशासन पर दबाव

पंजाब में ISI-रिंदा की आतंकी साजिश नाकाम, बॉर्डर से दो AK-47 राइफलें व ग्रेनेड बरामद

बस्तर में पहली बार इतनी संख्या में लोगों ने घर वापसी की है।

जानिए क्यों है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का गुरु ‘भगवा ध्वज’

बच्चों में अस्थमा बढ़ा सकते हैं ऊनी कंबल, अध्ययन में खुलासा

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies