मिशनरी मुहिम/अंधविश्वास बढ़ाता चर्च-आडम्बर की डुगडुगी और टेरेसा की संतई
July 14, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

मिशनरी मुहिम/अंधविश्वास बढ़ाता चर्च-आडम्बर की डुगडुगी और टेरेसा की संतई

by
Dec 28, 2015, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 28 Dec 2015 11:57:17

महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक नरेन्द्र दाभोलकर की हत्या के बाद पूरे देश में कथित प्रगतिशीलों ने एक ऐसा माहौल बनाने की कोशिश की जैसे उनकी हत्या चंद लोगों ने अपने निजी टकराव के चलते नहीं बल्कि करोड़ों लोगों की भावनाओं का प्रतिनिधि बनकर की है। दाभोलकर चंद लोगों की दुर्भावना के शिकार हुए, इस बात का जवाब कथित प्रगतिशीलों को महाराष्ट्र सरकार के उस फैसले से मिल गया जिसमें दाभोलकर के अभियान को पूरे महाराष्ट्र में कानून बना दिया गया। अंधश्रद्धा निर्मूलन कानून। इसी अंधश्रद्धा को बढ़ावा देते हुए सामाजिक कार्यकर्ता टेरेसा को संत बनाने की घोषणा अभी18 दिसम्बर को रोमन कैथोलिक चर्च, वेटिकन सिटी में हुई। इस घोषणा से प्रगतिशील अभिभूत हैं। वे भूल गए कॉमरेड दाभोलकर की हत्या, जिन्होंने अंधश्रद्धा से लड़ते हुए जान दी। क्या भारतीय तथाकथित प्रगतिशील अब अंधविश्वास को अल्पसंख्यक अंधविश्वास और बहुसंख्यक अंधविश्वास में बांटने की योजना बना रहे हैं?
एग्रेस गांेक्झा बोजाझियू। यह नाम सुनकर चौंकने की जरूरत नहीं। यह टेरेसा का वास्तविक नाम था, जिसे बदल कर भारत में टेरेसा कर दिया गया। टेरेसा की मृत्यु के 18 साल के बाद रोमन कैथलिक चर्च ने उन्हें संत की उपाधि देने की घोषणा कर दी, जो सितम्बर 2016 में दी जाएगी। रोमन कैथलिक चर्च में संत की उपाधि पाने के नियम के अन्तर्गत दो चमत्कार अनिवार्य हैं, जो वास्तव में अंधविश्वास ही है।
कन्वर्टिड वनवासी ईसाई मोनिका बेसरा  को टीबी और पेट में ट्यूमर जैसी गंभीर बीमारी थी। बताया जाता है कि कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में डॉ. रंजन मुस्तफा नाम के डॉक्टर ने उसका इलाज किया। उसके पति इस बात को स्वीकार चुके थे। बताया जाता है कि अपने पांच बच्चों की परवरिश के झांसे में आकर मोनिका ने वह सब कहा जो उसे कहने के लिए कैथोलिक ननों ने कहा था। इस तरह टेरेसा का पहला अंधविश्वास अभियान सफल रहा। लेकिन इससे पूरे देश में टेरेसा की बदनामी हुई। मोनिका के मामले में काफी विवाद रहा। एक अंतरराष्ट्रीय पत्रिका का संवाददाता जब मोनिका के इलाज से संबंधित कागजात की तलाश में कोलकाता के उस सरकारी अस्पताल में पहुंचा तो उसे जानकर धक्का लगा कि मोनिका से संबंधित सारे कागजात वहां से गायब कर दिए गए थे। बेसरा विवाद के बाद ही टेरेसा के 'शुभचिन्तकों' ने उन्हंे सलाह दी कि उनके दूसरे चमत्कार (अंधविश्वास) की जमीन भारत नहीं होनी चाहिए। वह जमीन बनी ब्राजील। ब्राजील के एक 42 वर्षिय युवक को मस्तिष्क की जटिल बीमारी से कथित तौर पर टेरेसा ने मुक्ति दिलवाई। टेरेसा के ये दोनों चमत्कार पर्याप्त विवादों में रहे हैं। टेरेसा के अपने जीवन में भी विवाद कम नहीं रहे।
कोलकाता के एक ईसाई का सुनाया यह किस्सा हालांकि प्रामाणिक नहीं है, लेकिन बंगाल में खूब प्रचलित है। एक बार केंसर से कराहते एक मरीज से सामाजिक कार्यकर्ता टेरेसा ने कहा कि 'तुम्हारा दर्द ठीक वैसा ही है जैसा ईसा मसीह को सूली पर हुआ था, शायद महान मसीह तुम्हें चूम रहे हैं।' यह सुनकर मरीज ने खीझकर कहा कि 'मदर, मेरे लिए प्रार्थना कीजिये कि जितनी जल्दी हो सके आपके ईसा मुझे चूमना बन्द करें।'
टेरेसा के करीबी माने जाने वाले नवीन चावला की किताब के हवाले से उनके साक्षात्कार के एक अंश में टेरेसा कहती हैं-'कई लोग मुझे सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं। मैं सामाजिक कार्यकर्ता नहीं हूं। मैं जीसस की सेवा में हूं और मेरा काम ईसाइयत का प्रचार है, इसका विस्तार और लोगों को इससे   जोड़ना है।'
टेरेसा 19 साल की उम्र में यूगोस्लाविया से भारत आ गई थीं। 40 साल की उम्र में मिशनरी ऑफ चैरिटी की स्थापना की। 1989 में टाइम पत्रिका को दिए साक्षात्कार में टेरेसा ने कहा था कि जीसस का सबसे बड़ा तोहफा उनके पास भारत के गरीब लोग हैं। गरीबी की वजह से कोई 24 घंटे जीसस के पास रह सकता है। टेरेसा से जब पूछा गया-भारत से आपकी सबसे बड़ी अपेक्षा क्या है? तो टेरेसा ने कहा- हर एक व्यक्ति तक जीसस को पहुंचाना। अर्थात भारत में सौ फीसदी कन्वर्जन का लक्ष्य लेकर टेरेसा काम कर रही थीं, लेकिन उनके लक्ष्य में अपेक्षा के अनुकूल सफलता ना मिलने संबंधी सवाल पर टेरेसा का जवाब कुछ यूं था-हमें कल का पता नहीं लेकिन ईसा के दरवाजे खुले हुए हैं। यह सच है कि बड़ा कन्वर्जन ना हुआ हो लेकिन हम नहीं जानते कि आत्मा पर क्या असर हुआ है।
टेरेसा के संबंध में वाशिंग्टन पोस्ट लिखता है, 'जिस भारत में टेरेसा ने अपना सबसे अधिक समय दिया वहां उनके त्याग और सेवा पर देश के राष्ट्रवादियों को ही संदेह है।' इसी अखबार ने राजस्थान में टेरेसा की संस्था द्वारा चलाए जाने वाले अनाथालय के नाम पर कन्वर्जन की बात को उद्धृत किया है। ब्रिटिश लेखक क्रिस्टोफर हिचेन्स और ब्रिटिश पाकिस्तानी पत्रकार तारिक अली ने मिलकर  टेरेसा पर एक फिल्म बनाई। 'हैल्स एंजल' नाम की इस फिल्म को यू ट्यूब पर देखा जा सकता है।
बहरहाल, आस्था पर होने वाली चोट से उपजने वाले दर्द को इस देश के सनातनवादियों से अधिक कौन समझ सकता है, लेकिन अब समय आ गया है कि हम आस्था और अंधविश्वास के बीच के अंतर को समझें।  
आशीष कुमार 'अंशु'

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

नूंह में शोभायात्रा पर किया गया था पथराव (फाइल फोटो)

नूंह: ब्रज मंडल यात्रा से पहले इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद, 24 घंटे के लिए लगी पाबंदी

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

18 खातों में 68 करोड़ : छांगुर के खातों में भर-भर कर पैसा, ED को मिले बाहरी फंडिंग के सुराग

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

नूंह में शोभायात्रा पर किया गया था पथराव (फाइल फोटो)

नूंह: ब्रज मंडल यात्रा से पहले इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद, 24 घंटे के लिए लगी पाबंदी

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

18 खातों में 68 करोड़ : छांगुर के खातों में भर-भर कर पैसा, ED को मिले बाहरी फंडिंग के सुराग

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies