आवरण कथा - भारतीयता के दीप
July 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

आवरण कथा – भारतीयता के दीप

by
Nov 9, 2015, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 09 Nov 2015 12:44:11

'हिन्दू'। कोई कहता है कि यह शब्द 'सिन्ध' शब्द से आया, कोई कहता है 'हिन्दुकुश' से। कोई इसे पौराणिक बताता है।  लेकिन इसे परिभाषित करना कई लोगों को कठिन ही लगता है। आप नास्तिक हैं, तो भी हिन्दू हैं,  कम्युनिस्ट हैं, तो भी हिन्दू हैं।  आप अमरीका में जन्मे भारतवंशी हैं, तो भी न केवल आप हिन्दू हैं,  बल्कि भारत आपके लिए भारत माता है। .. फिर भी कुछ लोग 'हिन्दू' शब्द की सापेक्ष व्याख्या करना आसान मानते हैं। जैसे वे भारतीय जो न मुस्लिम बने, न ईसाई। अधिकांश लोग 'हिन्दू' शब्द को भौगोलिक सीमा  से जोड़ देते हैं। जैसे इस शब्द से व्युत्पन्न-हिन्दी, हिन्दुस्थान, हिन्द महासागर आदि। इस दिवाली हम आपको मिलवाने जा रहे हैं  ऐसे हिन्दुओं से, जिन्होंने जन्म, भूगोल, भाषा समाज की सारी सीमाओं को लांघकर 'हिन्दू' शब्द की हर परिभाषा पर नए सिरे से विचार करने के लिए बाध्य कर दिया।  वे हिन्दू-दीप हैं, जो पूरी दुनिया में जगमग हो रहे हैं। उनका 'धर्म परिवर्तन' किसी ने नहीं करवाया। वे आत्मप्रेरणा से, कुछ खोेजते हुए भारत आ पहुंचे और फिर खाली हाथ नहीं लौटे। जिसके हाथ जो लगा, वह उसे अपने साथ ले गया और अपने-अपने मूल स्थानों पर ले जाकर, उसी का होकर रह गया। दीप से दीप जलते हैं ना, वैसे। कोई वेदांत की लौ जलाकर प्रदीप्त है, कोई योग की, कोई भक्ति की, कोई प्रेम की,  अहिंसा की, कर्मज्ञान की, अध्यात्म की, कला की, संस्कृति की, विज्ञान की, धर्म की,  और कोई सिर्फ   शाश्वत मानवीयता की। यहां तक कि भारत के शास्त्रीय नृत्य-संगीत ने भी कई लोगों को हिन्दुत्व की ओर ला दिया। इस मिट्टी के चुम्बकत्व ने उन्हें भी अपने सम्पर्क में लाकर चुंबक बना दिया है। भारत के शाश्वत-सनातन दीप के सम्पर्क ने उन्हें भी देदीप्यमान कर दिया।
नि:संदेह, इन पर देशी दीपों ने सिर्फ रोशनी ही नहीं फैलाई, बल्कि अपने उस आत्मबल को भी सिद्ध किया है, जो अकेले भी जलने का सामर्थ्य रखता है। डॉ. हलपेर्न के लिए अमरीका में आयुर्वेद को स्थापित करना सरल नहीं था। न कोई जानने वाला, न सिखाने वाला। लेकिन लगन की अगन बुझी नहीं। बाधाओं को पिघलाती गई। डॉ. डेविड फ्रॉली के नाम से भला कौन अपरिचित होगा? लेकिन यह परिचय,यह सम्मान उन्होंने कठोर तपस्या से ही अर्जित किया है। और ऐसे दीप सिर्फ वही नहीं हैं। जिनका इस अंक में उल्लेख है। पूरी दीपमालिका है। लेकिन सभी को, या अधिकांश को भी एक अंक में समेटना संभव नहीं है।
इनके प्रकाश को आत्मसात करने की भी आवश्यकता है।  सनातन संस्कृति और सनातन धर्म के जिन पक्षों को उन्होंने उकेरा है वह निश्चित ही प्रेरणास्पद हैं। जब कोई व्यक्ति सात समुद्र पार हिन्दुत्व की अलख जगा सकता है, तो वह हमें हमारे ही घर में भूगोल, सामाजिक वर्ग के खूंटे से भी खोलता है। जैसे,  हिन्दू वही नहीं होता, जो जन्म से, कर्म से या अपनी सामुदायिक पहचान से हिन्दू हो। जिस भी दिशा में, कोई भी आगे बढ़े, अपने आत्म को विकसित करे, सारी मानवता, सारी सृष्टि से स्वयं को जुड़ा हुआ महसूस करने लगे, तो वह स्वभावगत हिन्दू हो जाता है और अपने इस स्वभाव को गहराई से खोजने का प्रयास उसे भारत भूमि तक खींच लाता है। इस भूमि के भाव का अंगीकार उसके लक्ष्य से उसका ऐसा साक्षात करा देता है कि वह आह्लाद-विभोर हो जाता है।
 इस प्रक्रिया का सबसे बड़ा योगदान प्राचीन भारतीय सभ्यता के नवान्वेषण में, नवशोध में है। कम ही लोगों को पता भी रहा होगा कि गीता का जो अंग्रेजी अनुवाद उपलब्ध है, वह किसी दृष्टि से दोषपूर्ण भी है।  उसेअनुवादजन्य दोषों से मुक्त रखते हुए, फिर नए से अनुवाद करना न केवल एक विशिष्ट कार्य है, बल्कि उससे भी पहले, इस  पुन: अनुवाद की आवश्यकता को महसूस करना एक नितांत सम्माननीय बात है। सच है, गीता का 'अनुवाद' संभव नहीं है। इसे एक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पृष्ठभूमि के साथ ही ग्रहण किया जा सकता है। दूसरी भाषा में वह व्यक्त कैसे हो, अनुवाद क्या हो?  सोचिए,  आपकी आध्यात्मिक लड़ाई किस तरह विदेशों में रह रहे लोग लड़ रहे हैं। चिंता की बात नहीं। वे आपके हैं, आप उनके हैं।
इसमें एक भूमिका हिन्दुत्व की अंतर्निहित उदारता और सहिष्णुता की भी है। स्वार्थमुक्त होकर, इच्छामुक्त कर्म करने का संदेश देने वाला 'धर्म' किसी पर कोई बंधन कैसे डाल सकता है, तो दीपक की अपनी इच्छा, अपना भाग्य उसमें मौजूद तेल और बाती पर निर्भर है कि वह प्रदीप्त होगा या नहीं। इसमें बंधन और विवशता कैसी? फिर भी सागर पार लाखों दीप जल रहे हैं। उनकी इच्छाशक्ति, उनकी नियति, उनकी ऊर्जा को नमन। हमारी अपनी ऊर्जा भी उनसे प्रेरित होकर जाग्रत हो, ऐसी कामना। ऐसी प्रार्थना। शुभ दीपावली।  प्रस्तुति : अरुण कुमार सिंह एवं दिव्यांश देव

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

लालू प्रसाद यादव

चारा घोटाला: लालू यादव को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ा झटका, सजा बढ़ाने की सीबीआई याचिका स्वीकार

कन्वर्जन कराकर इस्लामिक संगठनों में पैठ बना रहा था ‘मौलाना छांगुर’

­जमालुद्दीन ऊर्फ मौलाना छांगुर जैसी ‘जिहादी’ मानसिकता राष्ट्र के लिए खतरनाक

“एक आंदोलन जो छात्र नहीं, राष्ट्र निर्माण करता है”

‘उदयपुर फाइल्स’ पर रोक से सुप्रीम कोर्ट का इंकार, हाईकोर्ट ने दिया ‘स्पेशल स्क्रीनिंग’ का आदेश

उत्तराखंड में बुजुर्गों को मिलेगा न्याय और सम्मान, सीएम धामी ने सभी DM को कहा- ‘तुरंत करें समस्याओं का समाधान’

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

लालू प्रसाद यादव

चारा घोटाला: लालू यादव को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ा झटका, सजा बढ़ाने की सीबीआई याचिका स्वीकार

कन्वर्जन कराकर इस्लामिक संगठनों में पैठ बना रहा था ‘मौलाना छांगुर’

­जमालुद्दीन ऊर्फ मौलाना छांगुर जैसी ‘जिहादी’ मानसिकता राष्ट्र के लिए खतरनाक

“एक आंदोलन जो छात्र नहीं, राष्ट्र निर्माण करता है”

‘उदयपुर फाइल्स’ पर रोक से सुप्रीम कोर्ट का इंकार, हाईकोर्ट ने दिया ‘स्पेशल स्क्रीनिंग’ का आदेश

उत्तराखंड में बुजुर्गों को मिलेगा न्याय और सम्मान, सीएम धामी ने सभी DM को कहा- ‘तुरंत करें समस्याओं का समाधान’

दलाई लामा की उत्तराधिकार योजना और इसका भारत पर प्रभाव

उत्तराखंड : सील पड़े स्लाटर हाउस को खोलने के लिए प्रशासन पर दबाव

पंजाब में ISI-रिंदा की आतंकी साजिश नाकाम, बॉर्डर से दो AK-47 राइफलें व ग्रेनेड बरामद

बस्तर में पहली बार इतनी संख्या में लोगों ने घर वापसी की है।

जानिए क्यों है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का गुरु ‘भगवा ध्वज’

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies