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रायपुऱ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत ने कहा है कि विद्या के बिना मानव की मुक्ति नही हो सकती। पेट भरने वाली शिक्षा के बजाय युवाओं में कर्त्तव्यबोध और जिम्मेदारी के साथ काम करने का बोध जगाने वाली शिक्षा की जरूरत है। उन्होंने आगे कहा कि देश-निर्माण के लिए जिस संस्कारित पीढ़ी की जरूरत है, सरस्वती शिशु मंदिर जैसे शैक्षणिक संस्थान उसके प्रमुख केन्द्र साबित हुए हैं।
श्री भागवत, आज राजधानी के बूढ़ापारा में स्थित छत्रपति शिवाजी आउटडोर स्टेडियम में उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। वे यहां सरस्वती शिक्षा संस्थान के 25 वर्ष पूरे होने पर आयोजित रजत जयंती समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होने आए थे। प्रदेश भर से आए हजारों विद्यार्थियों, आचायोंर् तथा पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत ने कहा कि शहरों के अलावा ग्रामीण और वनवासी इलाकों में भी विद्या भारती के विद्यालय संचालित हो रहे हैं, जो बच्चों को संस्कारयुक्त शिक्षा प्रदान कर रहे हैं लेकिन हमारा काम यहीं नहीं रुकना चाहिए क्योंकि जो समाज में परिणामदायी कार्य करते हैं, उनसे समाज की अपेक्षा बढ़ जाती है इसलिए विद्या भारती को ज्यादा बड़े लक्ष्य के साथ समाज निर्माण में योगदान देना होगा।
ज्ञातव्य है कि सरस्वती शिक्षा संस्थान के मार्गदर्शन में शिशु मंदिरों सहित 12 हजार से अधिक विद्यालय छत्तीसगढ़ में संचालित किये जा रहे हैं। सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत ने आगे कहा कि विद्या के बिना मानव की मुक्ति नहीं हो सकती तथा देश के उत्तरोत्तर विकास के लिए जिस संस्कारयुक्त पीढ़ी की जरूरत है, उसकी पूर्ति वर्तमान शिक्षा प्रणाली से नहीं हो पा रही है इसलिए विद्या भारती या सरस्वती शिशु मंदिरों के प्रति समाज की अपेक्षा बढ़ती जा रही है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि जब भी बोर्ड परीक्षा के परिणाम आते हैं, शिशु मंदिरों के छात्र प्रावीण्य सूची में जगह पाते हैं। इसके पूर्व कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे छत्तीसगढ़ औद्योगिक विकास निगम के अध्यक्ष श्री छगन मूंदड़ा ने आयोजनकर्ताओं को बधाइयां और शुभकामना देते हुए कहा कि भारतीय शिक्षा पद्घति के माध्यम से सरस्वती शिशु मंदिरों ने लाखों विद्यार्थियों को तराशा है जो राष्ट्र निर्माण में अपनी महती भूमिका अदा कर रहे हैं। श्री मंूदड़ा ने कहा कि आज की महंगी शिक्षा और पब्लिक स्कूलों के बढ़ते आकर्षण के बीच सरस्वती शिशु मंदिर सर्वश्रेष्ठ विकल्प के तौर पर मौजूद हैं।
कार्यक्रम की शुरुआत में मंचस्थ अतिथियों का स्वागत किया गया तत्पश्चात छात्र-छात्राओं ने व्यायाम, सामूहिक गीत, घोष दल और सामूहिक नृत्य का प्रदर्शन किया। इस अवसर पर विद्याभारती के वरिष्ठ सदस्यों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य तौर पर विद्या भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोविंद शर्मा, मार्गदर्शक रोशनलाल सक्सेना, राष्टीय मंत्री श्रीराम अरावलकर, जयंती समारोह के संयोजक जुड़ावन सिंह ठाकुर, संगठन मंत्री लोमस राम साहू, प्रांत प्रचारक श्री दीपक, चंद्रकिशोर श्रीवास्तव, डा. प्रफुल्ल शर्मा, प्रांत प्रचार प्रमुख डा. सुरेन्द्र सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। ल्ल प्रतिनिधि
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