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जयपुर में 8 से 11 अक्तूबर तक 'हिन्दू स्प्रच्यिुअल एंड सर्विस फेयर-2015' का आयोजन हुआ। 8 अक्तूबर को इसका शुभारंभ आर्ट ऑफ लिविंग के प्रणेता श्री श्री रविशंकर ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ किया। इस दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल और देश के अनेक वरिष्ठ सन्त उपस्थित थे। इससे पूर्व भव्य कलशयात्रा निकाली गई, जिसमें सैकड़ों महिलाओं ने हिस्सा लिया। कलशयात्रा मोतीडूंगरी गणेश मंदिर से रवाना हुई। जहां एक ओर बैंडबाजे की सुर लहरियां गूंज रही थीं, वहीं दूसरी ओर महिलाएं सिर पर कलश लिए मंगल गीत गाते हुए आगे बढ़ रही थीं।
इस अवसर पर सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल ने कहा कि हिन्दू समाज जो सेवा कार्य करता है, उसमें कोई छिपा हुआ स्वार्थ नहीं होता। जन्म से मिले संस्कारों के कारण ही हिन्दू समाज खुले मन से सभी की सेवा करता है और बदले में कोई अपेक्षा न रखते हुए अपने सेवा कायोंर् को भुला देता है। उसका प्रचार भी हिन्दू नहीं करता है, अपितु समाज में सेवा करना वह अपना सौभाग्य मानता है। उन्होंने कहा कि वीरों की धरती राजस्थान अपने सेवा कायोंर् के कारण विश्व में प्रसिद्ध है।
मेले में राष्ट्रीय-अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर कार्य करने वाली हिन्दू सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं ने अपने सेवा कायोंर् का प्रदर्शन किया। इससे हिन्दू समाज के द्वारा विश्व कल्याण और देश के विकास के लिए किए जा रहे योगदान की जानकारी समाज को मिली। 9 अक्तूबर को पहले विद्यालयीन छात्रों द्वारा आचार्य वंदन एवं सायं को राजस्थान की माटी से जुड़े कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम 'पधारो म्हारे देश' प्रस्तुत किया गया।
10 अक्तूबर को कन्या वन्दन, गंगा-गो-वृक्ष पूजन एवं संगीत संध्या तथा 11 अक्तूबर को देश की रक्षा करने वाले सैनिकों के सम्मान में परमवीर वन्दन समारोह हुआ। मेले में सेवा कार्य करने वाली अनेक संस्थाओं ने भाग लिया और अपने कायार्ें की जानकारी दी। ल्ल प्रतिनिधि
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