श्री नेताजी 'जापानी कठपुतली' थे!पाक-लेखक द्वारा भारतीय नेताओं के विरुद्ध कुप्रचार
May 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

श्री नेताजी 'जापानी कठपुतली' थे!पाक-लेखक द्वारा भारतीय नेताओं के विरुद्ध कुप्रचार

by
Jan 27, 2015, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 27 Jan 2015 11:33:21

दिल्ली। संसार की साम्राज्यवादी शक्तियों से साठ-गांठ कर पाकिस्तान भारत के विरुद्ध किस प्रकार द्वेषपूर्ण भावना का प्रचार कर रहा है,इसका जीता-जागता उदाहरण ग्रेट ब्रिटेन द्वारा प्रकाशित वह पुस्तक जिसमें भारत के नेताओं को भ्रामक और निराधार प्रचार द्वारा बदनाम करने का कुप्रयास किया गया है। सन् 1942 ई. में जब नेताजी सुभाषचन्द्र बोस और उनकी आजाद हिन्द सेना अंग्रेजों को भारत से बाहर निकालकर स्वदेश को स्वतंत्र करने के प्रयास में लगी हुई थी,उस समय इस पुस्तक के लेखक श्री महमूदखां दुर्रानी अंग्रेज नौकरशाही को सहायता दे रहे थे और उसके उपलक्ष्य में उन्हें ब्रिटिश साम्राज्य का सर्वोच्च पुरस्कार 'जार्ज क्रास'प्रदान किया गया था। ग्रेट ब्रिटेन से उक्त पुस्तक का प्रकाशन तथा पाकिस्तान की इंग्लैण्ड ,अमेरिका आदि साम्राज्यवादी शक्तियों से साठ-गांठ की वर्तमान नीति से निश्चित हो जाता है कि उक्त पुरस्कार के प्रति आभार प्रदर्शित करने के उद्देश्य से श्री दुर्रानी ने पुस्तक की रचना की है।
श्री दुर्रानी मलाया में जापानियों द्वारा बन्दी बनाए गए थे और 13 माह तक उन्हें कैद में रहना पड़ा था। गिरफ्तार होने के पूर्व मलाया में रहते हुए वे जापानी सेना से संबंधित समाचार गुप्त रूप से अंग्रेजों को दिया करते थे। उस समय वे पेनांग स्कूल में आध्यापक थे,जहां वो मुसलमान विद्यार्थियों को पंचमांगी बनाने का भी कार्य किया करते थे। इसी द्रोह के कारण जापानियों द्वारा उन्हें अनेक यातनाएं दी गईं,परन्तु अपने यंत्रणाओं का आरोप भारतीय स्वातंत्र्य संग्राम के अमर सेनानी श्री नेताजी सुभाष चन्द्र बोस तथा उनकी आजाद हिन्द सेना पर थोपने का निर्लज्ज प्रयास किया है। कर्नल दुर्रानी का कहना है कि नेताजी की आज्ञानुसार आजाद हिन्द सेना के सिपाहियों ने उन्हें कोड़ों से पीटा और लोहे के तारों से उनके हाथ और पैरों को बांधकर उन्हंे डाल दिया था। उनके कथनानुसार,13 महीने बाद जब वे जापानियों द्वारा मुक्त किए गए, तब वे हृदय रोग से पीडि़त थे तथा उनके निर्बल और अशक्त शरीर में देखने और सुनने की शक्ति भी नहीं रही थी।
द्वितीय विश्व महायुद्ध में केवल श्री दुर्रानी को ही वीरता का सर्वोत्कृष्ट पदक पुरस्कार रूप में दिया जाना इस बात का प्रतीक है कि भारत की स्वतंत्रता के सेनानियों के विरुद्ध मुसलमान विद्यार्थियों को पंचमांगी बनाने का कार्य जिन अंग्रेजों की दृष्टि में सबसे बड़ी वीरता का कार्य हो सकता है वही भारत के महान नेताओं के खिलाफ प्रचार करने वाले इस तथाकथित वीर की पीठ ठोक रहे हों तो इसमें आश्चर्य की बात ही क्या है?
इन पाक कर्नल महोदय ने अपने ऊपर हुए अत्याचारों का दोषारोपण ही नेताजी पर किया हो,इतना ही नहीं,उन्हें 'जापानियों के हाथ का खिलौना'कहकर उनके महान् व्यक्तित्व पर कीचड़ उछालने का भी प्रयास किया है,जो सर्व प्रकार निन्दनीय ही कहा जा सकता है।

देश में अशांति के लिए कांग्रेस…
पं. दीनदयाल उपाध्याय की स्पष्टोक्ति
बम्बई। 'देश में हुई अशान्ति के लिए कांग्रेस तथा केन्द्रीय शासन उत्तरदायी है। कारण कि कांग्रेस और शासन ने राज्य पुनर्गठन सम्बन्धी निर्णय अपने दल- हित को विचार में रखते हुए किए हैं। ऐसे प्रश्न पर उन्हें गोलमेज सम्मेलन बुलाना चाहिए था। क्या कांगे्रस को सुदृढ़ बनाने के लिए हर पांचवें वर्ष राज्यपुनर्गठन होगा? कांग्रेस से त्रुटि हुई है, अत: उसे साहस के साथ अपनी त्रुटि को सुधार भी लेना चाहिए।' ये शब्द अ.भा.जनसंघ के महामंत्री पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने राज्यपुनर्गठन की समस्या पर विचार व्यक्त करते हुए स्थानीय जनसंघ कार्यकर्त्ताओं के समक्ष कहे। आपने भाषण प्रारम्भ करते हुए कहा,'आयोग के समक्ष जनसंघ द्वारा एकात्म शाषन की मांग की थी। इसी के साथ राज्य पुनर्गठन के सन्दर्भ में कुछ सिद्धान्त भी प्रस्तुत किए गए थे। उसमें एक सिद्धान्त यह भी था कि एक भाषा-भाषी क्षेत्र दो हिस्सों में विभाजित नहीं करना चाहिए, परन्तु आयोग ने विदर्भ (मराठी भाषाभाषी) रहित मुम्बई राज्य (महाराष्ट्र गुजरात) की सिफारिश की। यह उनकी भूल थी। हमने साधारणत: आयोग के प्रतिवेदन का स्वागत ही किया। कई महानुभावों ने यहां तक कहा कि यह प्रतिवेदन तो मोटे तौर पर जनसंघ की सिफारिश के अनुसार ही तैयार किया गया है।'
पं. उपाध्याय ने बताया कि 'देश में हुए उपद्रवों से 'एकात्म-शासन' की मांग बढ़ती जा रही है। यह झगड़ों से पलायनवाद की नीति है। हमने पूर्व से ही इस मांग पर क्रियात्मक विचार करते हुए देश का रचनात्मक चित्र अपने समक्ष रखा था। हाल ही में हमने एक प्रस्ताव द्वारा शासन से मांग की है कि 'संघ राज्य' एवं 'राज्य' के स्थान पर क्रमश: 'संघ राज्य' और 'प्रदेश' का प्रयोग करना चाहिए। यह एकात्म शासन की ओर एक कदम होगा साथ ही इनके प्रयोग से कुछ समस्याओं का भी निराकरण हो जाएगा।'…

निरहंकारी हों -श्रीगुरुजी
हम अपने हृदय को टटोलकर देखेंगे तो दिखाई देगा कि जिस स्थान पर कार्य हम करते थे,उससे हटकर जरा छोटा कार्य करने को दे दिया तो अपने मन की अवस्था क्या होगी? हृदय की स्थिति कैसी होगी? जिस प्रकार आज हम व्यवहार करते हैं,उससे दिखाई देता है कि यदि किसी ने हमको ऐसी बात कही तो ठीक लगेगा क्या? जरा इसका विचार करके तो देखें। विचार करने और हृदय टटोलने पर ऐसा दिखाई देगा कि अपने मन के अहंभाव को अपने स्थान के नीचे के स्थान पर जाने में चोट पहुंचती है और यदि उससे ऊपर जाकर कार्य करने को कहा तो सुख मिलता है। ऐसा अनुभव न करने वाले भी कार्यकर्त्ता हैं,यह मैं जानता हूं। इसलिए अपने मन में ऐसा दुर्भाव पैदा होगा ही-यह मैं नहीं कहता। किन्तु होगा ही नहीं या हुआ ही नहीं,या आज न होने की पात्रता अपने में उत्पन्न हो गई है,यह अहंकार भी अपने मन में रखना उचित नहीं। बीस-बीस,पच्चीस-पच्चीस साल तक कार्य करने वाले बड़े-बड़े लोगों की ओर देखने पर दिखाई देगा कि उनमें भी कभी न कभी ऐसा भाव आ ही जाता है,ऐसा अनेक बार का अनुभव है। अहंकार के कारण अपने स्थान से ऊंचा या नीचा होने से सुख या दुख हुआ,ऐसा मैंने देखा है। इस प्रकार का अनुभव होने के कारण ही मैं कहता हूं कि हमें विचार करना चाहिए कि कहीं अपने मन में ऐसी भावना तो नहीं है। हममें कभी भी ऐसी भावना नहीं होनी चाहिए। -श्रीगुरुजी समग्र: खण्ड 2 पृष्ठ 177

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

jammu kashmir SIA raids in terror funding case

कश्मीर में SIA का एक्शन : पाकिस्तान से जुड़े स्लीपर सेल मॉड्यूल का भंडाफोड़, कई जिलों में छापेमारी

बागेश्वर बाबा (धीरेंद्र शास्त्री)

पाकिस्तान बिगड़ैल औलाद, जिसे सुधारा नहीं जा सकता : पंडित धीरेंद्र शास्त्री

शतरंज खेलना हराम है… : तालिबान ने जारी किया फतवा, अफगानिस्तान में लगा प्रतिबंध

चित्र प्रतीकात्मक नहीं है

पाकिस्तान पर बलूचों का कहर : दौड़ा-दौड़ाकर मारे सैनिक, छीने हथियार, आत्मघाती धमाके में 2 अफसर भी ढेर

प्रतीकात्मक चित्र

पाकिस्तान में बड़ा हमला: पेशावर में आत्मघाती विस्फोट, बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सैनिकों के हथियार छीने

स्वामी विवेकानंद

इंदौर में स्वामी विवेकानंद की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी स्थापित, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किया भूमिपूजन

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

jammu kashmir SIA raids in terror funding case

कश्मीर में SIA का एक्शन : पाकिस्तान से जुड़े स्लीपर सेल मॉड्यूल का भंडाफोड़, कई जिलों में छापेमारी

बागेश्वर बाबा (धीरेंद्र शास्त्री)

पाकिस्तान बिगड़ैल औलाद, जिसे सुधारा नहीं जा सकता : पंडित धीरेंद्र शास्त्री

शतरंज खेलना हराम है… : तालिबान ने जारी किया फतवा, अफगानिस्तान में लगा प्रतिबंध

चित्र प्रतीकात्मक नहीं है

पाकिस्तान पर बलूचों का कहर : दौड़ा-दौड़ाकर मारे सैनिक, छीने हथियार, आत्मघाती धमाके में 2 अफसर भी ढेर

प्रतीकात्मक चित्र

पाकिस्तान में बड़ा हमला: पेशावर में आत्मघाती विस्फोट, बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सैनिकों के हथियार छीने

स्वामी विवेकानंद

इंदौर में स्वामी विवेकानंद की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी स्थापित, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने किया भूमिपूजन

भारत की सख्त चेतावनी, संघर्ष विराम तोड़ा तो देंगे कड़ा जवाब, ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के 3 एयर डिफेंस सिस्टम ध्वस्त

Operation sindoor

थल सेनाध्यक्ष ने शीर्ष सैन्य कमांडरों के साथ पश्चिमी सीमाओं की मौजूदा सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की

राष्ट्र हित में प्रसारित हो संवाद : मुकुल कानितकर

Jammu kashmir terrorist attack

जम्मू-कश्मीर में 20 से अधिक स्थानों पर छापा, स्लीपर सेल का भंडाफोड़

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies